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अब पराली से नहीं होगा प्रदूषण! जयपुर के बहन-भाई ने खोजा उपाय - पराली से प्रदूषण

जयपुर के भाई-बहन ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने को उपाय खोज लिया है. ऐमन खान और उनके भाई मोहम्मद उजैर ने पराली से कागज बनाया है. इसके अलावा वो भविष्य में रेयॉन फैब्रिक, वेगन लेदर और बायो एथेनॉल पर भी काम करेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Paper From Stubble
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 5, 2024, 6:51 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 8:18 PM IST

जयपुर के बहन-भाई ने खोजा उपाय

जयपुर. पराली, ये शब्द सुनते ही जबरदस्त प्रदूषण, दमघोंटू वातावरण, धुएं और धुंध के गुबार का परिदृश्य एकाएक आंखों के सामने आ जाता है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हर साल सर्दियों की शुरुआत में लाखों टन पराली जला दी जाती है, जिससे वायु प्रदूषण की एक बड़ी समस्या उभरती है. अब जयपुर के युवा बहन-भाई ने पराली से कागज बनाकर इस समस्या का समाधान खोजा है.

धान की पराली को हर साल किसान जला देते हैं. इससे एक तरफ प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है. वहीं, जमीन भी बंजर होने लगती है, जिसका सीधा असर किसान की आमदनी पर पड़ता है. यदि हम ये कहें कि अब पराली को जलाने की बजाय इसका इस्तेमाल कागज बनाने में किया जा सकता है तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. जयपुर निवासी ऐमन खान और उनके भाई मोहम्मद उजैर ने इसका सॉल्यूशन निकाला है.

पढ़ें. हिमाचल में भांग से बना विश्व का पहला सेनेटरी पैड, Hemp से बने उत्पादों को देख हो जाएंगे हैरान!

इसपर भी कर रहे काम : अपने इनोवेटिव आइडिया को ईटीवी भारत के साथ शेयर करते हुए ऐमन खान ने बताया कि पराली को वेस्ट से यूटिलाइज करने की दिशा में सोचा और बायोटेक्नोलॉजी पढ़ रहे अपने भाई से इस संबंध में डिस्कशन किया. फिर रिसर्च करने पर कागज बनाने का प्लान आया. ऐसे में केमिकल प्रोसेस अपनाते हुए पराली से सैलूलोज एक्सट्रैक्ट किया और इससे पेपर बनाया. इसके अलावा पार्टिकल बोर्ड्स पर भी काम कर रहे हैं. भविष्य में रेयॉन फैब्रिक, वेगन लेदर और बायो एथेनॉल पर भी काम करेंगे.

पराली से कागज बनाने की प्रक्रिया : ऐमन और उनके भाई इस प्रोजेक्ट को पेटेंट कराना चाहते हैं, ऐसे में उन्होंने इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले केमिकल आदि का जिक्र नहीं किया, लेकिन फिर भी पराली से कागज बनाने की प्रक्रिया समझाया. उन्होंने कहा कि केमिकल प्रोसेस अपनाते हुए सेल्यूलोज एक्सट्रैक्ट करते हैं और फिर उसकी स्लरी (slurry) बनाकर फ्रेम करते हुए उससे कागज बनाते हैं. इस कागज को डायरी, पैकेजिंग यहां तक की भविष्य में और रिफाइन करते हुए न्यूजपेपर, आर्ट एंड क्राफ्ट पेपर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

पराली से बनाया कागज
पराली से बनाया कागज

कहा जाता है आवश्यकता आविष्कार की जननी है. जब परली जलाई जाती थी, तब ऐमन को वेस्ट को यूज करने का आईडिया आया. तब से वो इसे धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गईं. फिलहाल वो पराली से पेपर बनाने का काम कर रही हैं और पार्टिकल बोर्ड प्रक्रियाधीन है. उनका भविष्य में पराली से रेयॉन फैब्रिक, वेगन लेदर और बायो एथेनॉल बनाने का लक्ष्य है. यदि उन्हें इसमें सफलता मिलती है, तो पराली से होने वाले दुष्प्रभावों से देश को बचाया जा सकता है.

जयपुर के बहन-भाई ने खोजा उपाय

जयपुर. पराली, ये शब्द सुनते ही जबरदस्त प्रदूषण, दमघोंटू वातावरण, धुएं और धुंध के गुबार का परिदृश्य एकाएक आंखों के सामने आ जाता है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में हर साल सर्दियों की शुरुआत में लाखों टन पराली जला दी जाती है, जिससे वायु प्रदूषण की एक बड़ी समस्या उभरती है. अब जयपुर के युवा बहन-भाई ने पराली से कागज बनाकर इस समस्या का समाधान खोजा है.

धान की पराली को हर साल किसान जला देते हैं. इससे एक तरफ प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है. वहीं, जमीन भी बंजर होने लगती है, जिसका सीधा असर किसान की आमदनी पर पड़ता है. यदि हम ये कहें कि अब पराली को जलाने की बजाय इसका इस्तेमाल कागज बनाने में किया जा सकता है तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. जयपुर निवासी ऐमन खान और उनके भाई मोहम्मद उजैर ने इसका सॉल्यूशन निकाला है.

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इसपर भी कर रहे काम : अपने इनोवेटिव आइडिया को ईटीवी भारत के साथ शेयर करते हुए ऐमन खान ने बताया कि पराली को वेस्ट से यूटिलाइज करने की दिशा में सोचा और बायोटेक्नोलॉजी पढ़ रहे अपने भाई से इस संबंध में डिस्कशन किया. फिर रिसर्च करने पर कागज बनाने का प्लान आया. ऐसे में केमिकल प्रोसेस अपनाते हुए पराली से सैलूलोज एक्सट्रैक्ट किया और इससे पेपर बनाया. इसके अलावा पार्टिकल बोर्ड्स पर भी काम कर रहे हैं. भविष्य में रेयॉन फैब्रिक, वेगन लेदर और बायो एथेनॉल पर भी काम करेंगे.

पराली से कागज बनाने की प्रक्रिया : ऐमन और उनके भाई इस प्रोजेक्ट को पेटेंट कराना चाहते हैं, ऐसे में उन्होंने इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले केमिकल आदि का जिक्र नहीं किया, लेकिन फिर भी पराली से कागज बनाने की प्रक्रिया समझाया. उन्होंने कहा कि केमिकल प्रोसेस अपनाते हुए सेल्यूलोज एक्सट्रैक्ट करते हैं और फिर उसकी स्लरी (slurry) बनाकर फ्रेम करते हुए उससे कागज बनाते हैं. इस कागज को डायरी, पैकेजिंग यहां तक की भविष्य में और रिफाइन करते हुए न्यूजपेपर, आर्ट एंड क्राफ्ट पेपर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

पराली से बनाया कागज
पराली से बनाया कागज

कहा जाता है आवश्यकता आविष्कार की जननी है. जब परली जलाई जाती थी, तब ऐमन को वेस्ट को यूज करने का आईडिया आया. तब से वो इसे धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गईं. फिलहाल वो पराली से पेपर बनाने का काम कर रही हैं और पार्टिकल बोर्ड प्रक्रियाधीन है. उनका भविष्य में पराली से रेयॉन फैब्रिक, वेगन लेदर और बायो एथेनॉल बनाने का लक्ष्य है. यदि उन्हें इसमें सफलता मिलती है, तो पराली से होने वाले दुष्प्रभावों से देश को बचाया जा सकता है.

Last Updated : Mar 5, 2024, 8:18 PM IST
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