ग्वालियर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को ग्वालियर प्रवास पर रहे. इस दौरान उन्होंने विभिन कार्यक्रमों में शिरकत की. इस मौके पर उपराष्ट्रपति ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने महाराजा जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्यमंत्री, डॉ मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह भी मौजूद रहे.
भाषण देते-देते भावुक हुए उप राष्ट्रपति
प्रतिमा अनावरण के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में छात्रों को उद्बोधन भी दिया. इस दौरान वे मंच पर भाषण देते-देते भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि "मेरे लिए यह बहुत ही भावुक पल है, क्योंकि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुझे महाराज जीवाजी राव सिंधिया की मूर्ति के अनावरण के लिए पूछा तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा मौका मिलेगा. सिंधिया परिवार की 3 पीढ़ियों से कनेक्टेड रहने का मुझे मौका मिला है. भारतीय संसद की वजह से मेरे लिए दिल छू लेने वाला पल था जब 1999 में बहुत ही कम समय के लिए ही सही राजमाता का मुझे आशीर्वाद मिला. जब राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्यसभा की सदस्य थीं और मैं लोक सभा का सदस्य था. राष्ट्रवाद की उनकी बातों ने हमेशा सभी को मोटिवेट किया. मुझे अंदाजा नहीं था कि उनका आशीर्वाद मुझे कहां तक ले जाएगा."
'मेरे जीवन के मार्गदर्शक थे माधवराव सिंधिया'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि "मैं खुशनसीब हूं कि मुझे स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला. माधव विष्णु और श्रीकृष्ण के प्राथमिक उपनाम है और माधवराव मेरे जैसे न जाने कितने ही सांसदों के लिए माधव थे. वह इस समय में जीते थे लेकिन उनके विचार भविष्य को जीते थे, वह बदलाव में विश्वास रखते थे. उन्होंने देश को आगे ले जाने के लिए काम किया."
छात्रों को पार्लियामेंट में आने का दिया न्योता
अपने भाषण में उपराष्ट्रपति ने यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को पॉर्लियामेंट देखने के लिए आमंत्रित भी किया. इस अवसर पर जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी का कहना है कि "नई शिक्षा नीति के तहत यूनिवर्सिटी में भविष्य की अपार संभावनाओं वाले कोर्स शुरू किया जा रहे हैं. उन्होंने उपराष्ट्रपति का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारे लिए गौरवशाली दिन है कि उन्होंने यहां आकर प्रतिमा का अनावरण किया. कुलपति ने यह भी कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय हर साल तरक्की की ओर आगे बढ़ता जा रहा है. यह इस अंचल और क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है."