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चित्रकूट में प्रयागराज महाकुंभ का असर, मौनी अमावस्या से एक दिन पहले उमड़ा जनसैलाब - MAUNI AMAVASYA 2025

चित्रकूट में मौनी अमावस्या से एक दिन पहले श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. यहां पर लोग मंदाकिनी नदी में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं.

MAUNI AMAVASYA CHITRAKOOT
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले चित्रकूट में उमड़ा जनसैलाब (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 28, 2025, 9:45 PM IST

सतना: मौनी अमावस्या एक बड़ा पर्व माना जाता है. ऐसे में मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में वैसे तो हर अमावस्या पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा करते हैं. लेकिन इस बार चित्रकूट में प्रयागराज महाकुंभ का असर देखने को मिल रहा है. यहां मौनी अमवस्या से ठीक एक दिन पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.

चित्रकूट में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बता दें कि चित्रकूट मार्ग प्रयागराज से लगा हुआ है, ऐसे में लोग मौनी अमावस्या पर चित्रकूट से होकर जा रहे हैं और यही वजह है कि चित्रकूट में मंगलवार को मौनी अमावस्या के एक दिन पहले लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा. लगातार लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है और लोग भगवान कामतानाथ की परिक्रमा पूरी कर उनकी पूजा अर्चना में जुटे हुए हैं. बुधवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान करेंगे. इसके लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्थाएं की हैं.

मंदाकिनी नदी में स्नान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु (ETV Bharat)

'500 पुलिस जवानों के साथ चाक-चौबंद व्यवस्था'

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाह ने बताया कि "मौनी अमावस्या के 1 दिन पहले लाखों की संख्या में यहां पर श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा करने के बाद उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से यहां पर 500 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद हैं."

एडिशनल एसपी ने बताया कि "इसके साथ ही जगह-जगह पर चेकिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं और यातायात के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह मार्ग प्रयागराज महाकुंभ से जुड़ा हुआ है, ऐसे में लोगों की भीड़ ज्यादा उमड़ रही है. पुलिस प्रशासन जगह-जगह पर चाक-चौबंद व्यवस्था में जुटा हुआ है."

क्या है मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या का महत्व यह है कि जो भी इस अमावस्या में तीर्थ स्थलों में स्नान करते हैं, उनके सभी पापों का नाश हो जाता है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही महाकुंभ में संगम स्नान के साथ पितरों का तर्पण एवं दान करने से पितृ दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. ग्रहों की स्थिति के अनुसार अमृत स्नान की तिथियां अत्यंत पुण्यकारी और शुभ मानी जाती हैं. यही प्रतिफल पाने के लिए लोग आस्था के प्रति जुड़ाव रखते हुए धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं.

सतना: मौनी अमावस्या एक बड़ा पर्व माना जाता है. ऐसे में मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में वैसे तो हर अमावस्या पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा करते हैं. लेकिन इस बार चित्रकूट में प्रयागराज महाकुंभ का असर देखने को मिल रहा है. यहां मौनी अमवस्या से ठीक एक दिन पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.

चित्रकूट में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बता दें कि चित्रकूट मार्ग प्रयागराज से लगा हुआ है, ऐसे में लोग मौनी अमावस्या पर चित्रकूट से होकर जा रहे हैं और यही वजह है कि चित्रकूट में मंगलवार को मौनी अमावस्या के एक दिन पहले लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा. लगातार लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है और लोग भगवान कामतानाथ की परिक्रमा पूरी कर उनकी पूजा अर्चना में जुटे हुए हैं. बुधवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान करेंगे. इसके लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्थाएं की हैं.

मंदाकिनी नदी में स्नान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु (ETV Bharat)

'500 पुलिस जवानों के साथ चाक-चौबंद व्यवस्था'

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाह ने बताया कि "मौनी अमावस्या के 1 दिन पहले लाखों की संख्या में यहां पर श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा करने के बाद उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से यहां पर 500 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है. जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद हैं."

एडिशनल एसपी ने बताया कि "इसके साथ ही जगह-जगह पर चेकिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं और यातायात के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह मार्ग प्रयागराज महाकुंभ से जुड़ा हुआ है, ऐसे में लोगों की भीड़ ज्यादा उमड़ रही है. पुलिस प्रशासन जगह-जगह पर चाक-चौबंद व्यवस्था में जुटा हुआ है."

क्या है मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या का महत्व यह है कि जो भी इस अमावस्या में तीर्थ स्थलों में स्नान करते हैं, उनके सभी पापों का नाश हो जाता है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही महाकुंभ में संगम स्नान के साथ पितरों का तर्पण एवं दान करने से पितृ दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. ग्रहों की स्थिति के अनुसार अमृत स्नान की तिथियां अत्यंत पुण्यकारी और शुभ मानी जाती हैं. यही प्रतिफल पाने के लिए लोग आस्था के प्रति जुड़ाव रखते हुए धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं.

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