जबलपुर। फलों के राजा आम का नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाता है लेकिन इन दिनों केमिकल में आम पकने की खबरों से आम खाने के शौकीन निराश हैं. जबलपुर में तो ये आलम है कि कई लोगों ने आम खाना ही बंद कर दिया है. दरअसल सोशल मीडिया पर आम को केमिकल में पकाने के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं इसके चलते लोग अलर्ट हो गए हैं.हालांकि आम विक्रेताओं का कहना है कि वीडियो झूठे हैं और आम को पकाने में केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
केमिकल में आम पकने से होता है पीला
इन दिनों बाजार में बहुत अच्छे पीले कलर के आम आ रहे हैं लेकिन इनके कलर पर मत जाइएगा. यह कलर केमिकल से आता है क्योंकि आम जब प्राकृतिक तरीके से पकता है तो उनमें इतना अच्छा पीला कलर नहीं आता. बाजार में अच्छे दामों पर बेचने के लिए आमों को केमिकल से पकाया जा रहा है और लोग भी कलर की वजह से इन्हें खरीदते हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल आम पकाने के वीडियो की वजह से बहुत से लोगों ने आम खाना बंद कर दिया है.
वायरल हो रहे आम पकाने के वीडियो
आम का सीजन पूरे शबाब पर है, इस समय बाजार में बादाम आम की आवक बहुत अधिक है लेकिन सोशल मीडिया पर आम को केमिकल के जरिए पकाने के वीडियो की वजह से आम की बिक्री में खासी कमी आई है. जबलपुर के घंटाघर के पास रहने वाले प्रशांत बलेजा का कहना है कि "वे आम के बड़े शौकीन हैं लेकिन जब से उन्होंने सोशल मीडिया पर आम को केमिकल के जरिए पकाने के वीडियो देखे हैं तब से उन्होंने आम खाना छोड़ दिया है. उनका कहना है कि अभी यदि पेड़ के पके हुए आम मिलेंगे तभी वह आम खाएंगे क्योंकि केमिकल से पके हुए आम खाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होती हैं."
'सही नहीं हैं सोशल मीडिया के वीडियो'
फल मंडी में लंबे समय से फलों का कारोबार करने वाले अशरफ का कहना है कि "सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहे हैं वह भ्रामक हैं और सही नहीं हैं. आम को पकाने के लिए केमिकल की जरूरत नहीं होती केवल आम को अच्छी तरह से पैक करके कागज में रख दिया जाए तो आम पक जाता है और हम लोग भी यही करते हैं."
नीम और पलाश के पत्तों में पकते थे आम
पुराने समय की बात करें तो आम को पकाने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जाता था. नीम और पलाश के पत्तों को नीचे बिछाकर इसके बीच कच्चे आमों को रख दिया जाता था और फिर इसे ढक दिया जाता था. आम आपस में खुद की ही गर्मी से पक जाते थे. अभी भी कुछ आम उत्पादक इसी तरह से लोगों को आम पकाने की सलाह देते हैं. इसमें आम के ऊपर बहुत अच्छा पीला रंग तो नहीं आता लेकिन आम पूरी तरह पक जाता है. बाजार में यदि बहुत अच्छे एकदम पीले पके हुए आम मिले तो आप समझ लीजिए कि इन्हें किसी केमिकल के जरिए ही पकाया गया है और उनकी चमक पर बिल्कुल नहीं जाइए यह चमक धोखा दे सकती है.
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नुकसान करते हैं केमिकल से पके आम
गर्मी के मौसम में लोग आम जरूर खाते हैं लेकिन केमिकल के जरिए पकाए गए आम में स्वाद नहीं होता है. भले ही आप इसे कितना भी साफ कर लें लेकिन इसमें कुछ मात्रा केमिकल की रह जाती है जो शरीर के लिए नुकसानदायक होती है, इसलिए कोशिश करें कि बाजार से कच्चे आम लाएं और उन्हें घर पर ही पका कर खाएं या फिर सीधे बगीचों से आम खरीदने की कोशिश करें.