जबलपुर। बीजेपी के बड़े नेताओं का मानना है कि जबलपुर लोकसभा का चुनाव बीजेपी जीत गई है. चुनाव प्रचार इसलिए नहीं कर रहे हैं कि उन्हें चुनाव जीतना है बल्कि जीत का अंतर बढ़ाने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. जबलपुर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी मजबूत स्थिति में होने के बाद भी चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार करने पहुंचे. इधर कांग्रेस इस मामले में फिसड्डी साबित हुई है और कांग्रेस में कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार करने जबलपुर नहीं पहुंचा.
'चुनाव तो जीत चुके अंतर बढ़ाने का प्रयास'
जबलपुर संसदीय क्षेत्र का लोकसभा चुनाव 2024 भारतीय जनता पार्टी के लिए जीतना एक खेल लग रहा है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जब जबलपुर आए तो उन्होंने जबलपुर में प्रबुद्ध जन सम्मेलन किया. इसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर बात की लेकिन जब बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे तो उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि चुनाव तो जीत ही चुके हैं अब तो बातचीत जीतने के अंतर की है. वे जबलपुर में जीत का अंतर बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
8 में से 7 विधानसभा सीटें बीजेपी के पास
जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी बहुत मजबूत स्थिति में है. जबलपुर की 8 विधानसभा क्षेत्र में से 7 विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और मात्र एक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक हैं. ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी को यह चुनाव बहुत सरल लग रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी जीत में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती. इसलिए सुरक्षित सीट होने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचे और उनका रोड का आयोजन हुआ.
मोहन यादव 12 बार पहुंचे जबलपुर
दो स्टार प्रचारकों के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बीते लगभग 1 महीने में 12 बार जबलपुर आ चुके हैं और जबलपुर की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने बैठकें ली. राजनीतिक सभाओं को संबोधित किया और मंदिरों में पूजा पाठ भी की. जबलपुर के रोड शो में भी हिस्सा लिया. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय तक जबलपुर में डेरा डाले रहे. पूर्व सांसद राकेश सिंह लोकसभा चुनाव के चलते पूरे समय जबलपुर में ही रहे और अलग-अलग स्तर पर राजनीतिक रणनीति बनाई. जबलपुर में अपना अच्छा प्रभाव रखने वाले नेता प्रहलाद पटेल भी जबलपुर में डेरा डाले हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए कोशिश कर रहे हैं.
बैक फुट पर कांग्रेस
स्टार प्रचारकों के मामले में कांग्रेस की बुरी स्थिति है. केवल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ही बीते लगभग डेढ़ माह में चार बार जबलपुर आए हैं, जिसमें से उनकी दो बार सभाएं हुई हैं और बाकी समय उन्होंने राजनीतिक बैठकों में हिस्सा लिया है. जीतू पटवारी के अलावा जबलपुर के स्थानीय नेता लखन घनघोरिया कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं. इन दोनों नेताओं के अलावा कांग्रेस के प्रत्याशी दिनेश यादव को जिताने के लिए कांग्रेस का कोई भी नेता जबलपुर नहीं आया.
शहर में मात्र दो सभाएं
चुनाव प्रचार के नाम पर इस लोकसभा चुनाव में शहर में कुल दो सभाएं हुई और दोनों ही बहुत छोटी-छोटी सभाएं थी एक भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनके कार्यकर्ताओं की गोल बाजार में और दूसरी जीतू पटवारी की आगा चौक पर. बाकी ज्यादातर चुनाव प्रचार डोर टू डोर ही हुआ जो प्रत्याशियों ने और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया.