जबलपुर. कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने निजी स्कूलों के खिलाफ जो कार्रवाई की है उसके बाद जबलपुर के केवल 10 स्कूल जो फीस कम कर रहे हैं या वापस कर रहे हैं वह राशि लगभग 69 करोड़ रु है. लेकिन इसके बाद भी जबलपुर के कुछ स्कूल ऐसे हैं जो अभी भी सरकार के आदेश को नहीं मान रहे हैं. यही वजह है कि अब स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों में आक्रोश बढ़ने लगा है.
सेंट अलॉयशियस नहीं मान रहा आदेश
जबलपुर में गुरुवार को सेंट अलॉयशियस स्कूल के बाहर पेरेंट्स ने जमकर हंगामा मचाया. पेरेंट्स का कहना है कि स्कूल के टॉप मैनेजमेंट के कुछ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होने के बाद भी स्कूल ने फीस कम नहीं की है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस विषय में अभी चर्चा चल रही है. हालांकि, कई पेरेंट्स ने फीस जमा नहीं की है लेकिन अभी तक स्कूल की फीस क्या होगी इसे लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आया है. जबलपुर के इस स्कूल में 3000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.
स्कूल प्रिंसिपल ने कहा, कोर्ट जाएंगे
स्कूल के प्रिंसिपल स्टेनली ने कहा कि जिला प्रशासन ने उन्हें 8 करोड़ रु वापस करने का आदेश दिया है लेकिन उन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से फीस नहीं बढ़ाई है. इसलिए वह पैसा वापस नहीं करेंगे. उनके पास कोर्ट में अपील करने का अधिकार है और वह जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर रहे हैं. लेकिन वे इस बात से चिंतित है कि पेरेंट्स फीस जमा करना ही नहीं चाह रहे हैं.
बच्चों की पढ़ाई हो रही डिस्टर्ब
सेंट अलॉयशियस स्कूल के बाहर तो हंगामा हो गया लेकिन जबलपुर के कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने फीस कम करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है. वहीं पेरेंट्स फीस जमा नहीं कर रहे हैं. इस वजह से स्कूल का मैनेजमेंट और पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है. कई जगहों पर निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि उनके पास फीस नहीं आ रही है, इसलिए वे शिक्षकों की तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं.
जिला कलेक्टर ने तो जो कार्रवाई की उससे जनता खुश है लेकिन अभी तक निजी स्कूलों का पूरा सिस्टम पटरी पर नहीं आ पाया है. हाईकोर्ट ने स्कूल मैनेजमेंट से जुड़े हुए कई लोगों को जमानत भी दे दी है. कई स्कूलों ने अपनी फीस भी काम कर दी है लेकिन अभी भी कई जगह पर असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है.