जबलपुर (विश्वजीत सिंह राजपूत): जबलपुर के कुंडम जनपद में फर्जी रजिस्ट्रेशन और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर मजदूरों के नाम पर कर्मकार कल्याण मंडल से मृत्यु सहायता राशि निकाल ली गई. पीड़ित परिवारों के सदस्यों को नाममात्र की राशि दे दी गई. मामले का खुलासा होने पर कुंडम क्षेत्र में जांच-पड़ताल की जा रही है. जांच में पता चला है कि ऐसे कई मामले हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल (मध्य प्रदेश बिल्डिंग और अंडर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड) एक योजना चलाता है, इसके तहत कोई भी मजदूर सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर रजिस्टर्ड हो सकता है. कर्मकार का कार्ड बनने के बाद कल्याण मंडल की योजनाओं का फायदा मिलता है. यह सरकार की पुरानी योजना है.
कर्मकारों को योजना के तहत क्या लाभ मिलता है
- योजना के तहत निर्माण मजदूर की मृत्यु पर अंत्येष्टि के लिए ₹6000
- सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रुपये
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए विवाह के लिए पैसा
- बच्चों की पढ़ाई के लिए राशि
- दो बच्चों की डिलीवरी के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती
कर्मकार योजना के तहत सरपंच-सचिव ने किया घोटाला
योजना के मुताबिक सहायता प्राप्त करने के लिए मजदूर को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. रजिस्टर्ड मजदूर की यदि मृत्यु होती है तो उसके परिवार के लोग इस सहायता राशि पर क्लैम कर सकते हैं. इसी का फायदा उठाकर जबलपुर के कुंडम क्षेत्र के कुछ लोगों ने फर्जीवाड़ा किया. एक मामले के अनुसार साल 2020 में कुंडम के जैतपुरी गांव में रहने वाले गुड्डा आदिवासी की कोरोना वायरस की वजह से मृत्यु हो गई. 2022 में इनका मृत्यु प्रमाण पत्र बना और इसी आधार क्लैम किया गया.
योजना से निकाले 2 लाख रुपये, आश्रित को मिले मात्र 40 हजार
गुड्डा आदिवासी की पत्नी मुलिया बाई बताती हैं "कुछ दिन पहले उनके गांव के सरपंच बद्री प्रसाद, सचिव नरेंद्र मरावी उनके पास आए थे. इन लोगों ने उनसे कुछ कागजों पर साइन करवा उसकी फोटो खिंचवाई. बाद में उन्होंने ₹40 हजार दिए. उसे यह जानकारी नहीं है कि इन लोगों ने खुद कितना पैसा निकाला." वहीं, इस मामले में कर्मकार मंडल की ओर से 20,6000 रुपये निकाले गए.
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अभी एक मामला खुला, कई मामले खुलने की संभावना
इस मामले की जांच कुंडम जनपद के सीईओ पीएल यादव कर रहे हैं. पीएल यादव का कहना है "सरपंच-सचिव के साथ पैसा निकालने वाले अधिकारियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं. हालांकि एक ही मामला सामने आया है. यदि दूसरे मामले आते हैं तो उन पर भी जांच की जाएगी. दरअसल, कर्मकार मंडल में सेल्फ डिक्लेरेशन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होता है. इसलिए इसमें गड़बड़ी होने की संभावना बनी रहती है." वहीं, बताया जाता है कि इसी क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं.