भोपाल: बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद दिए जाने का विवाद इतना बढ़ गया है कि अब जिस सिंहस्थ में पहली बार किन्नर अखाड़ा बना था, उसी सिंहस्थ में ममता कुलकर्णी समेत किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठ रही है. अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि "प्रयागराज के महाकुंभ में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में सुधारा जाना चाहिए."
'ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का बहिष्कार'
अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने कहा कि " लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अपने कृत्य से संतों के मुंह पर तमाचा मारने की कोशिश की है. उन्होंने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दे दी, जो ये तक नहीं जानती कि संन्यास क्या होता है और आपने उनको महामंडलेश्वर बना दिया. ममता कुलकर्णी और नारायण त्रिपाठी जैसे लोग अवांछनीय हैं. इनका सिंहस्थ में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और हम इनका बहिष्कार भी करेंगे."
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किन्नर अखाड़े की सिंहस्थ से हुई थी शुरुआत
![Kinnar Akhara Mahamandleshwar vivad](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06-02-2025/mp-bpl-kinnarakhada_06022025170153_0602f_1738841513_174.jpeg)
बता दें कि किन्नर अखाड़े की शुरुआत 2016 में सिंहस्थ से ही हुई थी. उस समय देश के अलग-अलग हिस्सों से किन्नर अखाड़े में पहुंचे थे. तब लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी. इस लिहाज से किन्नर अखाड़ा पहली बार महाकुंभ में आया. इससे पहले जब 2019 में अर्ध कुंभ हुआ था, तब भी जूना अखाड़े के सहयोग से किन्नर अखाड़े ने एंट्री ली थी. फिर हरिद्वार कुंभ में भी किन्नर अखाड़े की मौजूदगी रही. जिसके बाद अब प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंचा.