जबलपुर। जबलपुर में संस्कार कांवड़ यात्रा का उत्साह पूरे शहर में दिखा. कांवड़ यात्रा में सोमवार सुबह जबलपुर के ग्वारीघाट से शुरू हुई. इसमें लगभग 50 हजार लोग कांवड़ लेकर चल रहे हैं. बता दें कि हर साल यह कांवड़ यात्रा सावन माह के सोमवार को निकाली जाती है. कांवड़ यात्री नर्मदा नदी के ग्वारीघाट से जल भरते हैं. इस जल से मटामर गांव के शिव मंदिर में भगवान शिव को जल अभिषेक किया जाता है. कांवड़ यात्रा में भक्ति के साथ प्रकृति को जोड़ा गया है.
कांवड़ियों ने पूरा जंगल ही खड़ा कर दिया
हर कांवड़िया अपने कांवड़ में नर्मदा जल के साथ एक पौधा लेकर चल रहा है. ये पौधे जबलपुर नगर निगम और आयोजक संस्था ने उपलब्ध करवाए हैं. इन सभी 50 हजार से ज्यादा पौधों को शिव मंदिर के आसपास की पहाड़ी पर लगाया जाएगा. यही कारण है कि मंदिर के आसपास अच्छा खासा जंगल खड़ा हो गया है. जबलपुर में यह आयोजन 29 जुलाई की सुबह 7 शुरू हो गया. इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जबलपुर पहुंचे. उन्होंने भी कांवड़ उठाई.
कांवड़ यात्रा में कैलाश विजयवर्गीय शामिल
इस मौके पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "कावड़ यात्रा एकात्मता का संदेश देती है." आयोजन में कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा भी शामिल हुए. विवेक तनखा का कहना है "ये देश का पहला आयोजन होगा, जिसमें कांवड़ के साथ शिव भक्त पौधे लेकर चल रहे हैं." संस्कार कांवड़ यात्रा के आयोजक शिव यादव का कहना है "कांवड़ यात्रा के दौरान जो लोग पौधा लेकर आते हैं, उन लोगों को पौधे से लगाव हो जाता है और वे इस पौधे को न सिर्फ पहाड़ पर लगाते हैं बल्कि बाद में भी इसकी देखभाल करने के लिए जाते हैं."
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पिछले साल दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए थे
बता दें कि पिछले साल इस आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए थे. जबलपुर में यह कांवड़ यात्रा बीते कई सालों से निकल जा रही है. यात्रा के दौरान लगभग 20 किलोमीटर पैदल चलकर भक्त नर्मदा जल भगवान शिव पर अर्पित करते हैं. जबलपुर में लगातार कांवड़ यात्राओं का सिलसिला पूरे सावन महीने चलेगा.