जबलपुर: शहर के केसरवानी कॉलेज से 2017 में यशवंत पटेरिया की बहन ने बीकॉम किया और शादी के बाद वे राजस्थान शिफ्ट हो गईं, जब उन्हें किसी सिलसिले में बीकॉम की डिग्री की जरूरत पड़ी तो उनके भाई ने जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में ऑनलाइन आवेदन किया. यशवंत ने तमाम औपचारिकताओं को पूरा करते हुए अपनी बहन की डिग्री निकलवाने के लिए फीस भी जमा की लेकिन इसके बाद यशवंत के पास राजेंद्र कुशवाहा नाम के एक आदमी का फोन आया, जिसमें उसने कहा कि यदि उन्हें विश्वविद्यालय से डिग्री निकलवानी है तो 1500 रु खर्च करने होंगे.
सिर्फ फीस जमा करने से कुछ नहीं होगा
शिकायतकर्ता यशवंत ने बताया कि उन्हें विभाग में पदस्थ भृत्त राजेंद्र कुशवाहा का फोन आया था, जिसने कहा कि केवल फीस जमा करने से डिग्री नहीं मिलेगी. इसके बाद यशवंत ने राजेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की तो पता लगा कि राजेंद्र कुशवाहा यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में भृत्त (प्यून) है और 1500 रु में डिग्री का सौदा तय हुआ. इसी बीच यशवंत ने हिम्मत दिखाते हुए लोकायुक्त पुलिस को इस बात की सूचना दे दी. लोकायुक्त पुलिस ने राजेंद्र कुशवाहा को 1500 रु रिश्वत लेते ही रंगे हाथों पकड़ लिया.
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आगे खुलेंगे कई राज?
लोकायुक्त पुलिस इस मामले में अब यह जांच कर रही है कि यह पहला मामला है या इसके पहले भी राजेंद्र कुशवाहा इसी तरह से बेरोजगार छात्र-छात्राओं को लूटता रहा है. इस मामले में जानकारी देते हुए जबलपुर लोकायुक्त की एडिशनल एसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया, 'शिकायतकर्ता यशवंत की शिकायत पर रानी दुर्गवती विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में पदस्थ भृत्त को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है, आगे भी जांच की जा रही है. ''