MP Wheat Paddy MSP Demand: मध्य प्रदेश में किसान सोयाबीन की फसल पर 6000 एमएसपी की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि प्रदेश सरकार के 4800 रुपए एमएसपी के प्रस्ताव की मांग को केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है. इसके बाद भी किसान नहीं मान रहे हैं. वहीं अब किसान धान और गेहूं को लेकर प्रदेश सरकार से नई मांग शुरू कर दी है. प्रदेश में धान उत्पादक किसानों का कहना है कि 'इस बार धान की खरीदी सरकार ₹3100 प्रति क्विंटल के हिसाब से करें.
भारतीय किसान संघ के साथ आंदोलन करने आए किसानों का कहना है कि सरकार ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि गेहूं 2700 रुपया धान ₹3100 और मक्का ₹2500 में खरीदा जाएगा, लेकिन सरकार अपने वादे से क्यों मुकर रही है.
किसान संघ ने छेड़ा नया आंदोलन
मध्य प्रदेश में सोयाबीन पर एमएसपी की समस्या को सरकार अभी तक सुलझा नहीं पाई है कि अब जबलपुर में भारतीय किसान संघ ने एक नया आंदोलन छोड़ दिया है. इसमें भी मक्का, धान और गेहूं के लिए भी नए दाम मांग रहे हैं. भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल का कहना है कि 'बीजेपी ने जब चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने वादा किया था कि धान और गेहूं पर किसानों को बोनस दिया जाएगा. जिस तरीके से छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में सरकार दे रही है, लेकिन सरकार ने अपना यह वादा पूरा नहीं किया है.'
धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की मांग
किसान संघ का कहना है कि 'इस बार की खरीदी में धान ₹3100 प्रति क्विंटल के दाम पर खरीदी जानी चाहिए. एमएसपी के अलावा जो रकम बच रही है. वह सरकार बोनस के रूप में दे. वहीं गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर खरीदा जाए. इसके साथ ही मक्का ₹2500 प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो सोयाबीन की तरह ही इन दूसरी फसलों को लेकर भी आंदोलन किया जाएगा.'
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किसानों का नया आरोप, बढ़ाई गई बिजली क्षमता
भारतीय किसान संघ के जबलपुर के नेता प्रहलाद सिंह पटेल ने एक नया आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 'बीते दिनों किसानों के पास उनके सिंचाई, बिजली कनेक्शन के बिल भेजे गए, जिसमें अचानक उनके बिजली कनेक्शन के क्षमता को बढ़ा दिया गया. मतलब जिसका एक हॉर्स पावर का बिजली कनेक्शन था. उसे अचानक दो हॉर्स पावर कर दिया गया. जबकि इस बारे में किसान से कोई बातचीत नहीं की गई और ना उसका बिजली कनेक्शन ही चेक किया गया. उनका दावा है कि केवल जबलपुर में 50000 किसानों के बिजली की क्षमता को बढ़ा दिया गया है. किसान नेता का कहना है कि यह किस तरह की किस हितैषी सरकार है.