जबलपुर: मान्यता के लिए लगातार याचिका दायर किए जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने नर्सिंग कॉलेज की मान्यता की रिव्यू याचिका को खारिज करते हुए 50 हजार की कॉस्ट लगाई है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कॉस्ट की राशि 30 दिनों में मध्य प्रदेश राज्य विधिक प्राधिकरण में जमा की जाए. ऐसा नहीं होने पर संबंधित कॉलेज से रिकवरी की जाएगी.
सीहोर के नर्सिंग कॉलेज ने दायर की थी रिव्यू याचिका
सीहोर स्थित केएल शर्मा नर्सिंग कॉलेज की तरफ से रिव्यू याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के पूर्व में पारित आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था. युगलपीठ ने पाया कि पूर्व में दायर याचिका का निराकरण करते हुए साल 2025-26 की मान्यता के लिए हाईकोर्ट ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति के सामने याचिकाकर्ता को पक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये थे. इस समिति ने जांच में कमियां पाए जाने पर कॉलेज की मान्यता निरस्त कर दी थी. इसके पहले भी साल 2023-24 और 2024-25 की मान्यता को लेकर भी याचिकाकर्ता 5-6 याचिकाएं प्रस्तुत कर चुका था.
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युगलपीठ नाराज, 50 हजार की कॉस्ट लगाकर याचिका खारिज
हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस ए के पालीवाल की युगलपीठ ने रिव्यू याचिका को खारिज करते हुए कहा कि "अदालतों में मुकदमों का अंबार है. ऐसे में मुख्य और जरूरी मामलों को छोड़कर ऐसी याचिकाओं पर बार-बार सुनवाई करना न्यायालय का समय बर्बाद करना है. एक ही मुद्दे पर लगातार निराधार याचिका कॉलेज प्रबंधन की तरफ से दायर की जा रही है. दायर रिव्यू याचिका में कोई दृष्टिकोण नहीं है." ऐसे में युगलपीठ ने 50 हजार की कॉस्ट लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया.