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प्रेमी युगल को अलग-अलग रखकर प्रदान करें सुरक्षा, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एसपी को दिए निर्देश

इंदौर की युवती और वर्ग विशेष के युवक की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई. एसपी को दिए दोनों को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश.

SIHORA MAN AND INDORE GIRL WEDDING
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुई सुनवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

जबलपुर: हिंदू लड़की की शादी वर्ग विशेष के युवक से होने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जस्टिस विशाल धगट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता के आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई चेंबर में करने के निर्देश दिये. चेंबर में सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अपने आदेश में एसपी को निर्देशित किया है कि वह याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करें. दोनों याचिकाकर्ता को अलग-अलग रखा जाए और वह एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पायें. बता दें कि याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने वकालतनामा वापस लेने के आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान लड़की की मां को कोर्ट रूम में चक्कर आ गये थे.

हाईकोर्ट से लगाई थी सुरक्षा की गुहार

इंदौर निवासी युवती और जबलपुर जिले के सिहोरा निवासी वर्ग विशेष युवक ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के लिए कलेक्टर कार्यालय जबलपुर में आवेदन किया था. जिसके बाद से लड़की पक्ष तथा धार्मिक संगठन के लोग विरोध कर रहे हैं. जिसके कारण दोनों को अपनी जान का खतरा है.

युवक-यवती ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष

चेंबर में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने बताया कि दोनों के बीच विगत 4 साल से प्रेम संबंध हैं. दोनों एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं. दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं. इधर लड़की के परिजनों ने शादी का विरोध करते हुए पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह भी विशेष समुदाय के एक्ट के तहत मान्य नहीं होगा. मेरी लड़की को फंसाया गया है और वह अपना अच्छा-बुरा समझने की स्थिति में नहीं है.

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने दिया आदेश

जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार है. बल और हिंसा से किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं को खतरा है इसलिए एसपी जबलपुर उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. पुलिस लड़की को अपनी सुरक्षा में इंदौर स्थित घर ले जाये. लड़की द्वारा आवश्यक सामान लेने के बाद पुलिस उसे जबलपुर स्थित राजकुमार बाई बाल निकेतन में रखे. बाल निकेतन में उसे भोजन,आश्रय तथा सोने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया जाये. लड़की को पुलिस सुरक्षा में विशेष विवाह अधिनियम के तहत बयान दर्ज करवाने 12 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया जाये. इस दौरान वह युवक विवाह करने के संबंध में विचार कर सकती है. इस दौरान युवक और उसके परिवार वाले लड़की से संपर्क नहीं करेंगे.

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युवक को भी सुरक्षा प्रदान करने के आदेश

जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अपने आदेश में युवक को भी सुरक्षा प्रदान करने के आदेश जारी किये हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उसे सुरक्षित और एकांत स्थान पर रखा जाए. परिस्थितियां सामान्य होने के बाद उसे घर पर छोड़ दिया जाए. यदि याचिकाकर्ताओं को ले जाते समय कोई उनसे बात करना चाहे या रोकने का प्रयास करे तो उनके खिलाफ पुलिस विधि अनुसार कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज करें.

जबलपुर: हिंदू लड़की की शादी वर्ग विशेष के युवक से होने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जस्टिस विशाल धगट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता के आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई चेंबर में करने के निर्देश दिये. चेंबर में सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अपने आदेश में एसपी को निर्देशित किया है कि वह याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करें. दोनों याचिकाकर्ता को अलग-अलग रखा जाए और वह एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पायें. बता दें कि याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने वकालतनामा वापस लेने के आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान लड़की की मां को कोर्ट रूम में चक्कर आ गये थे.

हाईकोर्ट से लगाई थी सुरक्षा की गुहार

इंदौर निवासी युवती और जबलपुर जिले के सिहोरा निवासी वर्ग विशेष युवक ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के लिए कलेक्टर कार्यालय जबलपुर में आवेदन किया था. जिसके बाद से लड़की पक्ष तथा धार्मिक संगठन के लोग विरोध कर रहे हैं. जिसके कारण दोनों को अपनी जान का खतरा है.

युवक-यवती ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष

चेंबर में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने बताया कि दोनों के बीच विगत 4 साल से प्रेम संबंध हैं. दोनों एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं. दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं. इधर लड़की के परिजनों ने शादी का विरोध करते हुए पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह भी विशेष समुदाय के एक्ट के तहत मान्य नहीं होगा. मेरी लड़की को फंसाया गया है और वह अपना अच्छा-बुरा समझने की स्थिति में नहीं है.

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने दिया आदेश

जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार है. बल और हिंसा से किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं को खतरा है इसलिए एसपी जबलपुर उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. पुलिस लड़की को अपनी सुरक्षा में इंदौर स्थित घर ले जाये. लड़की द्वारा आवश्यक सामान लेने के बाद पुलिस उसे जबलपुर स्थित राजकुमार बाई बाल निकेतन में रखे. बाल निकेतन में उसे भोजन,आश्रय तथा सोने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया जाये. लड़की को पुलिस सुरक्षा में विशेष विवाह अधिनियम के तहत बयान दर्ज करवाने 12 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया जाये. इस दौरान वह युवक विवाह करने के संबंध में विचार कर सकती है. इस दौरान युवक और उसके परिवार वाले लड़की से संपर्क नहीं करेंगे.

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जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अपने आदेश में युवक को भी सुरक्षा प्रदान करने के आदेश जारी किये हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उसे सुरक्षित और एकांत स्थान पर रखा जाए. परिस्थितियां सामान्य होने के बाद उसे घर पर छोड़ दिया जाए. यदि याचिकाकर्ताओं को ले जाते समय कोई उनसे बात करना चाहे या रोकने का प्रयास करे तो उनके खिलाफ पुलिस विधि अनुसार कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज करें.

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