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न कोई एफआईआर न कोई गुनाह, बिना वजह व्यक्ति को थाने में कैसे बिठाया? जबलपुर पुलिस पर हाईकोर्ट सख्त - Man detained without reason in JBP

जबलपुर हाईकोर्ट ने बिना किसी वजह के एक व्यक्ति को थाने में बिठाने के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी, मध्यप्रदेश के गृह सचिव और जबलपुर पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा है. शख्स ने आरोप लगाया कि गोरखपुर पुलिस के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद चौबे ने बिना किसी वजह के व्यक्ति को 24 घंटे तक हिरासत में रखा.

JABALPUR HIGH COURT ORDER
जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से मांगा जवाब (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 10, 2024, 7:05 AM IST

जबलपुर. पुलिस किसी को भी बिना वजह थाने में नहीं बिठा सकती, ऐसा करना गैरकानूनी है. जबलपुर के एक शख्स का एक ऐसा ही मामला कोर्ट में आया है. एक शख्स ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर पुलिस ने बिना किसी कारण 24 घंटे तक उसे हिरासत में रखा और बाद में पूछताछ और मामला किए बिना छोड़ दिया. इस मामले में पीड़ित ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर करके 5 लाख रु के मुआवजे का दावा किया है. कोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी, मध्यप्रदेश के गृह सचिव और जबलपुर पुलिस अधीक्षक से इस मामले में जवाब मांगा है.

ये है पूरा मामला

जबलपुर के गोरखपुर इलाके में रहने वाले अजीत सिंह आनंद ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने जबलपुर की गोरखपुर पुलिस पर आरोप लगाया है कि गोरखपुर पुलिस के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद चौबे ने उन्हें पिछले साल 20 जून को हिरासत में लिया था और पूरे एक दिन थाने में रखने के बाद 21 जून को छोड़ दिया था. इस दौरान ना तो उन्हें हिरासत में लेने का कोई कारण बताया गया ना उनसे कोई पूछताछ की गई. बिना उनके खिलाफ मामला दर्ज किए ये सब किया गया.

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हाईकोर्ट की एकल पीठ में जस्टिस अहलूवालिया की कोर्ट में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद चौबे और मध्य प्रदेश सरकार के गृह सचिव से 1 जुलाई तक जवाब मांगा है कि आखिर बिना किसी वजह के अजीत आनंद को क्यों पकड़ा गया? इसका जिक्र थाने के रोजनामाचे में क्यों नहीं है? अजीत आनंद का कहना है कि इस घटना की वजह से उन्हें मानसिक क्षति पहुंची है और समाज में उनकी प्रतिष्ठा भी खराब हुई है. इसलिए उन्हें 5 लाख रु का मुआवजा भी दिया जाए.

जबलपुर. पुलिस किसी को भी बिना वजह थाने में नहीं बिठा सकती, ऐसा करना गैरकानूनी है. जबलपुर के एक शख्स का एक ऐसा ही मामला कोर्ट में आया है. एक शख्स ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर पुलिस ने बिना किसी कारण 24 घंटे तक उसे हिरासत में रखा और बाद में पूछताछ और मामला किए बिना छोड़ दिया. इस मामले में पीड़ित ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर करके 5 लाख रु के मुआवजे का दावा किया है. कोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी, मध्यप्रदेश के गृह सचिव और जबलपुर पुलिस अधीक्षक से इस मामले में जवाब मांगा है.

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हाईकोर्ट की एकल पीठ में जस्टिस अहलूवालिया की कोर्ट में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद चौबे और मध्य प्रदेश सरकार के गृह सचिव से 1 जुलाई तक जवाब मांगा है कि आखिर बिना किसी वजह के अजीत आनंद को क्यों पकड़ा गया? इसका जिक्र थाने के रोजनामाचे में क्यों नहीं है? अजीत आनंद का कहना है कि इस घटना की वजह से उन्हें मानसिक क्षति पहुंची है और समाज में उनकी प्रतिष्ठा भी खराब हुई है. इसलिए उन्हें 5 लाख रु का मुआवजा भी दिया जाए.

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