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राष्ट्रीय मेले में गूंजी दिव्यांग कलाकार की धांसू आवाज, हुआ हर कोई दीवाना

जबलपुर में दिव्यांगजन हस्तशिल्प राष्ट्रीय मेले का हुआ आयोजन, दिव्यांग कलाकारों ने सुनाए शानदार गीत

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 1 hours ago

JABALPUR DIYA KALA MELA
दिव्यांगजन हस्तशिल्प मेले में गाते हुए हरि विश्वकर्मा (ETV Bharat)

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में दिव्यांग जन हस्तशिल्प के राष्ट्रीय मेले के पहले दिन जबलपुर के दिव्यांग कलाकारों ने गीत संगीत की महफिल सजा दी. पाटन के दूरदराज गांव बमोरी से आए हुए हरि विश्वकर्मा ने ऐसा गजब का गाना गया कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. मेले के आयोजकों का दावा है कि इस मेले में देश भर से दिव्यांग हस्त शिल्पकार आ रहे हैं.

दिव्यांगजनों के लिए विशेष पहल

जबलपुर में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय स्तर के दिव्यांगजन हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया है. इस मेले में देश के कई इलाकों से ऐसे दिव्यांगजन आ रहे हैं जो हस्तशिल्प में माहिर हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने लोगों से अपील की है कि वह न केवल इन कलाकारों की कला देखें, बल्कि इन कलाकारों की बनाई हुई चीजों को भी खरीदें, ताकि दिव्यांग जनों की मदद हो सके.

हरि विश्वकर्मा का संगीत सुनकर भाव विभोर हुए लोग (ETV Bharat)

हरि विश्वकर्मा का संगीत सुनकर भाव विभोर हुए लोग

इस मेले का आयोजन जबलपुर के एमएलबी मैदान में हो रहा है. यहां मेले के पहले दिन दिव्यांगजनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें दिव्यांगजनों के बीच के कलाकारों ने शानदार गीत संगीत की प्रस्तुति दी. इसी आयोजन में जबलपुर की पाटन विधानसभा के बमोरी गांव से हरि विश्वकर्मा नाम के एक गायक पहुंचे. हरि विश्वकर्मा देख नहीं सकते थे, लेकिन उनके कंठ में मानों सरस्वती विराजी हों. उन्होंने जब गाना शुरू किया तो सुनने वाले सुनते रह गए.

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बेहद गरीब परिवार से हैं हरि विश्वकर्मा

कलाकार हरि विश्वकर्मा का कहना है कि वह कला के क्षेत्र में काम करना चाहता है. यदि मौका मिलेगा तो वह संगीत के शिक्षक बनेगें. हरि विश्वकर्मा बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उनकी मां मजदूरी करती हैं और पिता ने उन्हें छोड़ दिया है. फिलहाल उनका उदर पोषण कृष्णानंद आश्रम के माध्यम से चल रहा है. वहां हरि विश्वकर्मा भजन गाने का काम करते हैं. हरि विश्वकर्मा की की तरह यहां एक दर्जन से ज्यादा कलाकारों ने संगीत सुनाए. इन सभी कलाकारों की आवाज गजब की थी.

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में दिव्यांग जन हस्तशिल्प के राष्ट्रीय मेले के पहले दिन जबलपुर के दिव्यांग कलाकारों ने गीत संगीत की महफिल सजा दी. पाटन के दूरदराज गांव बमोरी से आए हुए हरि विश्वकर्मा ने ऐसा गजब का गाना गया कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. मेले के आयोजकों का दावा है कि इस मेले में देश भर से दिव्यांग हस्त शिल्पकार आ रहे हैं.

दिव्यांगजनों के लिए विशेष पहल

जबलपुर में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय स्तर के दिव्यांगजन हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया है. इस मेले में देश के कई इलाकों से ऐसे दिव्यांगजन आ रहे हैं जो हस्तशिल्प में माहिर हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने लोगों से अपील की है कि वह न केवल इन कलाकारों की कला देखें, बल्कि इन कलाकारों की बनाई हुई चीजों को भी खरीदें, ताकि दिव्यांग जनों की मदद हो सके.

हरि विश्वकर्मा का संगीत सुनकर भाव विभोर हुए लोग (ETV Bharat)

हरि विश्वकर्मा का संगीत सुनकर भाव विभोर हुए लोग

इस मेले का आयोजन जबलपुर के एमएलबी मैदान में हो रहा है. यहां मेले के पहले दिन दिव्यांगजनों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें दिव्यांगजनों के बीच के कलाकारों ने शानदार गीत संगीत की प्रस्तुति दी. इसी आयोजन में जबलपुर की पाटन विधानसभा के बमोरी गांव से हरि विश्वकर्मा नाम के एक गायक पहुंचे. हरि विश्वकर्मा देख नहीं सकते थे, लेकिन उनके कंठ में मानों सरस्वती विराजी हों. उन्होंने जब गाना शुरू किया तो सुनने वाले सुनते रह गए.

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बेहद गरीब परिवार से हैं हरि विश्वकर्मा

कलाकार हरि विश्वकर्मा का कहना है कि वह कला के क्षेत्र में काम करना चाहता है. यदि मौका मिलेगा तो वह संगीत के शिक्षक बनेगें. हरि विश्वकर्मा बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उनकी मां मजदूरी करती हैं और पिता ने उन्हें छोड़ दिया है. फिलहाल उनका उदर पोषण कृष्णानंद आश्रम के माध्यम से चल रहा है. वहां हरि विश्वकर्मा भजन गाने का काम करते हैं. हरि विश्वकर्मा की की तरह यहां एक दर्जन से ज्यादा कलाकारों ने संगीत सुनाए. इन सभी कलाकारों की आवाज गजब की थी.

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