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बुजुर्गों का रॉबिनहु़ड IPS ऑफिसर, पुलिस की आस्था बचाएगी अपराधियों से

IPS अधिकारी और मध्य प्रदेश के एक डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी बुजुर्गों के लिए बने रॉबिनहुड. वृद्धों की 'आस्था' से खत्म कर रहे अपराधी.

JABALPUR DIG SOCIAL POLICING
डीआईजी टीके विद्यार्थी की अनोखी सोशल पुलिसिंग (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 6:59 AM IST

Updated : Oct 15, 2024, 11:38 AM IST

जबलपुर : मध्य प्रदेश पुलिस के आईपीएस अफसर तुषारकांत विद्यार्थी की अनोखी पहल इन दिनों चर्चा में है. उन्होंने आस्था नाम का एक अभियान शुरू किया है जिसमें मोहल्ले स्तर पर बुजुर्गों की समितियां बनाई जा रही हैं. इन समितियां के माध्यम से पुलिस भी जुड़ी हुई है और जरूरत पड़ने पर बुजुर्गों को सभी किस्म की मदद दी जा रही है. इनमें वे बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिनके बच्चे उनके साथ नहीं रहते.

बुजुर्गों को आस्था ग्रुप से जोड़ रहे डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी (Etv Bharat)

बुजुर्ग रहते हैं अपराधियों के निशाने पर

जबलपुर रेंज के डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी का कहना है कि उन्होंने कई ऐसे मामले देखे हैं जिसमें अपराधियों ने अकेले रह रहे बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया है. आजकल शहरों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि परिवार के कमाने वाले सदस्य कामकाज की वजह से घर से दूर रहते हैं और उनके बुजुर्ग माता-पिता अकेले रहते हैं. शहरों में ऐसे बुजुर्गों की बढ़ती हुई संख्या पर अपराधियों की नजर भी है और मौका देखते ही उनके साथ वारदात को अंजाम देते हैं.

SOCIAL POLICING JABALPUR
बुजुर्गों का सम्मान करते डीआईजी (Etv Bharat)

सुरक्षा के साथ भावनात्मक जुड़ाव की पहल

डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी का कहना है कि ऐसे बुजुर्गों को केवल सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि वे भावनात्मक रूप से भी खुद को अकेला महसूस करते हैं. इसके साथ ही ऐसे बुजुर्गों को मेडिकल और रोजमर्रा की दूसरी जरूरत के लिए सहारा चाहिए पड़ता है. इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए आईपीएस तुषारकांत विद्यार्थी ने एक अनोखा अभियान शुरू किया, जिसे आस्था नाम दिया गया है. इसके तहत एक मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्गों को एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाता है जिसका नाम आस्था होता है. इसमें स्थानीय पुलिस भी इस ग्रुप में जुड़ी हुई रहती है और इस ग्रुप के माध्यम से बुजुर्गों की मदद की जा रही है.

Jabalpur News
सुरक्षा के साथ भावनात्मक जुड़ाव की पहल (Etv Bharat)

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बुजुर्गों की हर संभव मदद का प्रयास

तुषारकांत विद्यार्थी कहते हैं, इन ग्रुप्स पर कुछ लोग मेडिकल हेल्प मुहैया करवाते हैं तो कुछ लोग दूसरी मदद करते हैं और इन सब कामों में पुलिस भी इन बुजुर्गों के लिए तैयार रहती है. आस्था के तहत अकेले रहने वाले बुजुर्गों को अकेलापन महसूस ना हो इसलिए पुलिस अपनी तरफ से उनके घरों में जन्मदिन पर केक ले जाती है और जन्मदिन मनाया जाता है और ऐसे ही दूसरे मौकों पर भी एक साथ इकट्ठे होकर कार्यक्रम किए जाते हैं. तुषार कांत विद्यार्थी कहते हैं कि वे जब भी जहां भी रहे उन्होंने बुजुर्गों के साथ अपनी यह जिम्मेदारी निभाई है. पहले आस्था की समितियां जिला स्तर पर थी लेकिन उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि उनकी जरूरत मोहल्ला स्तर पर ज्यादा है. इसलिए जबलपुर के कई मोहल्ले में ऐसी समितियां बनाई गई हैं जिनमें समय-समय पर कार्यक्रम भी होते हैं और यह बहुत सफल साबित हो रही है.

जबलपुर : मध्य प्रदेश पुलिस के आईपीएस अफसर तुषारकांत विद्यार्थी की अनोखी पहल इन दिनों चर्चा में है. उन्होंने आस्था नाम का एक अभियान शुरू किया है जिसमें मोहल्ले स्तर पर बुजुर्गों की समितियां बनाई जा रही हैं. इन समितियां के माध्यम से पुलिस भी जुड़ी हुई है और जरूरत पड़ने पर बुजुर्गों को सभी किस्म की मदद दी जा रही है. इनमें वे बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिनके बच्चे उनके साथ नहीं रहते.

बुजुर्गों को आस्था ग्रुप से जोड़ रहे डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी (Etv Bharat)

बुजुर्ग रहते हैं अपराधियों के निशाने पर

जबलपुर रेंज के डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी का कहना है कि उन्होंने कई ऐसे मामले देखे हैं जिसमें अपराधियों ने अकेले रह रहे बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया है. आजकल शहरों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि परिवार के कमाने वाले सदस्य कामकाज की वजह से घर से दूर रहते हैं और उनके बुजुर्ग माता-पिता अकेले रहते हैं. शहरों में ऐसे बुजुर्गों की बढ़ती हुई संख्या पर अपराधियों की नजर भी है और मौका देखते ही उनके साथ वारदात को अंजाम देते हैं.

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बुजुर्गों का सम्मान करते डीआईजी (Etv Bharat)

सुरक्षा के साथ भावनात्मक जुड़ाव की पहल

डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी का कहना है कि ऐसे बुजुर्गों को केवल सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि वे भावनात्मक रूप से भी खुद को अकेला महसूस करते हैं. इसके साथ ही ऐसे बुजुर्गों को मेडिकल और रोजमर्रा की दूसरी जरूरत के लिए सहारा चाहिए पड़ता है. इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए आईपीएस तुषारकांत विद्यार्थी ने एक अनोखा अभियान शुरू किया, जिसे आस्था नाम दिया गया है. इसके तहत एक मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्गों को एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाता है जिसका नाम आस्था होता है. इसमें स्थानीय पुलिस भी इस ग्रुप में जुड़ी हुई रहती है और इस ग्रुप के माध्यम से बुजुर्गों की मदद की जा रही है.

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बुजुर्गों की हर संभव मदद का प्रयास

तुषारकांत विद्यार्थी कहते हैं, इन ग्रुप्स पर कुछ लोग मेडिकल हेल्प मुहैया करवाते हैं तो कुछ लोग दूसरी मदद करते हैं और इन सब कामों में पुलिस भी इन बुजुर्गों के लिए तैयार रहती है. आस्था के तहत अकेले रहने वाले बुजुर्गों को अकेलापन महसूस ना हो इसलिए पुलिस अपनी तरफ से उनके घरों में जन्मदिन पर केक ले जाती है और जन्मदिन मनाया जाता है और ऐसे ही दूसरे मौकों पर भी एक साथ इकट्ठे होकर कार्यक्रम किए जाते हैं. तुषार कांत विद्यार्थी कहते हैं कि वे जब भी जहां भी रहे उन्होंने बुजुर्गों के साथ अपनी यह जिम्मेदारी निभाई है. पहले आस्था की समितियां जिला स्तर पर थी लेकिन उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि उनकी जरूरत मोहल्ला स्तर पर ज्यादा है. इसलिए जबलपुर के कई मोहल्ले में ऐसी समितियां बनाई गई हैं जिनमें समय-समय पर कार्यक्रम भी होते हैं और यह बहुत सफल साबित हो रही है.

Last Updated : Oct 15, 2024, 11:38 AM IST
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