इंदौर। राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी आरआर कैट के इन्क्यूबेशन सेंटर पाई हब के पहले स्थापना दिवस पर महत्वपूर्ण एमओयू किया गया. इसरो और आरआर कैट के प्रमुखों ने एमओयू साइन किए. एमओयू के तहत इंदौर का आरआर कैट इसरो के लिए अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन बनाने और चांद पर मानव को भेजकर वापस लाने के लिए नए रॉकेट के निर्माण में सहभागी बनेगा. इसके अलावा कैट इसरो को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग आधारित टेक्नोलॉजी देगा, जिससे इसरो अपने रॉकेट के इंजन बना पाएगा.
अंतरिक्ष मिशन में सहयोगी होगा आर आर कैट
गुरुवार को आयोजित स्थापन दिवस के कार्यक्रम में इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर एलपीएससी के निदेशक डॉ.वी.नारायणन, अटल इन्क्यूबेशन मिशन के डायरेक्टर चिंतन वैष्णव केट निदेशक उन्मेष डी. मालशे पूर्व निदेशक डॉ एसवी नाखे अतिथियों के रूप उपस्थित रहे. इसरो और आरआर कैट के बीच महत्वपूर्ण एमओयू को लेकर डॉ.वी. नारायणन ने बताया कि इस न्यू जेनरेशन लॉन्च व्हीकल सूर्या की मदद से 32 टन के सेटलाइट और पेलोड को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा. इससे वे अपना स्पेस स्टेशन भी बना सकेंगे और अपने रॉकेट को एक से ज्यादा बार इस्तेमाल कर पाएंगे.
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दो और कंपनियों के बीच भी अनुबंध
कैट निदेशक उन्मेष डी. मालशे ने बताया कि एमओयू का विकसित होने वाली यह तकनीक पूर्णत: स्वदेशी होगी. केट में तकनीक विकसित होने से इंजन को अपनी आवश्यकता अनुसार बनाया जा सकेगा. आरआर केट के इन्क्यूबेशन सेंटर पाई-हब के प्रमुख डॉ.सीपी पॉल ने बताया है कि एमओयू के तहत तकनीक पर आरआर कैट तो काम करेगा ही बल्कि किसी स्टार्टअप और इस मशीन को बड़े स्तर पर निर्मित करने में भी मदद करेगा. कार्यक्रम में इसरो से एमओयू के अलावा अन्य दो कंपनियों और आरआर कैट के बीच अनुबंध हुए हैं.