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मॉनसून दस्तक से पहले सरकार ने कसी कमर, हरिद्वार में मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों संग की बैठक - review meeting regarding monsoon

बीते साल हरिद्वार जिले में मॉनसूनी बारिश ने जमकर कहर बरपाया था. सबसे ज्यादा नुकसान हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में हुआ था, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार समय से अपनी तैयारियां पूरी करने में जुटी हुई है, ताकी समय रहते बाढ़ जैसे हालात में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके. इसी के साथ शहर में बाढ़ जैसे हालात न बने उसको लेकर भी कई योजनाएं बनाई गई है.

Haridwar
मॉनसून की तैयारियां को लेकर हरिद्वार में मंत्री सतपाल महाराज ने की बैठक. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 6, 2024, 4:05 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून दस्तक देने वाला है, जिसको लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सरकार का प्रयास है कि इस बार मॉनसून में जान-माल का कम से कम नुकसान हो. इसी क्रम में गुरुवार 6 जून को सूबे के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और हरिद्वार जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार में अधिकारियों के साथ बैठक की और मॉनसून की तैयारियों की समीक्षा की.

दरअसल, उत्तराखंड में मॉनसून हर साल आफत बनकर बरसता है, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. पिछले साल भी हरिद्वार जिले में मॉनसूनी बारिश ने जमकर कहर बरपाया था. यहीं कारण है कि पिछले हादसों से सबक लेते हुए सरकार इस बार समय से मॉनसून की तैयारियों में जुटी हुई है. गुरुवार को हरिद्वार के सीसीआर भवन में हुई बैठक में मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को मुख्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ 113 बाढ़ चौकियां भी 15 जून से पहले सक्रिय करने के निर्देश दिए है. इसके अलावा समय से सभी नालों की सफाई जेसीबी कराने को कहा है, ताकि वाटर लॉगिंग न हो और पानी की निकासी आसानी से हो सके. बैठक के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश, हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्व्याल, नगर आयुक्त वरुण चौधरी समेत तमाम विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे.

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक हुई है. बैठक में हरिद्वार के भगत सिंह चौक के लिए योजना बनाई गई है. हड़वा नाले के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई है, जिस पर प्रमुखता से काम किया जाएगा. ताकि वॉटर लॉगिंग न हो. इसके साथ-साथ बाढ़ नियंत्रण कक्ष 15 जून 2024 तक बना दिए जाएंगे, जो सातों दिन 24 घंटे सक्रिय रहेंगे.

इसके अलावा 15 जून से पहले 113 बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर ली जाएगी. देहरादून में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का नंबर 9259144882 भी जारी कर दिया गया है, जहां पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है. सरकार समय से मॉनसून की सभी तैयारियों पूरी कर लेगी.

वहीं, मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उन्हें कहा था कि वो बैठक करें और रुपए को लेकर जो भी स्वीकृति चाहिए, वो सरकार देगी. ताकि मॉनसून सीजन में आम जनता को किसी भी तरह की दिक्कत न हो.

वहीं बैठक के बाद हरिद्वार जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्व्याल ने भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भगत सिंह चौकी से पानी को डाइवर्ट करना है, उसके लिए सिंचाई विभाग ने योजना बना ली है, जिसके शासन को भेज भी दिया गया है. शासन में भी इस पर मीटिंग हो चुकी है. शासन की तरफ से कुछ सुझाव दिए गए है, उन पर दोबारा से विचार करके रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी.

हरिद्वार जिलाधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही शासन ने 115 लाख की इस योजना को स्वीकृति मिलेगी. वहीं उन्होंने बताया कि बीते साल देहात क्षेत्र में जिस तरह की परेशानी आई थी, उसको ध्यान में रखाकर इस बार काम किया जा रहा है. जिन जगहों पर नहरों की सफाई सालों से नहीं हुई है, उनको देखा जा रहा है. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी नगर पालिका और नगर निगम के माध्यम से नहरों और नालों की सफाई कराई जा रही है, ताकी जल भराव की समस्या न के बराबर हो.

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मॉनसून सीजन की तैयारियों में जुटा आपदा प्रबंधन विभाग, एक साल के लिए हायर किए जाएंगे हेलीकॉप्टर

हरिद्वार: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून दस्तक देने वाला है, जिसको लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सरकार का प्रयास है कि इस बार मॉनसून में जान-माल का कम से कम नुकसान हो. इसी क्रम में गुरुवार 6 जून को सूबे के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और हरिद्वार जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने हरिद्वार में अधिकारियों के साथ बैठक की और मॉनसून की तैयारियों की समीक्षा की.

दरअसल, उत्तराखंड में मॉनसून हर साल आफत बनकर बरसता है, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. पिछले साल भी हरिद्वार जिले में मॉनसूनी बारिश ने जमकर कहर बरपाया था. यहीं कारण है कि पिछले हादसों से सबक लेते हुए सरकार इस बार समय से मॉनसून की तैयारियों में जुटी हुई है. गुरुवार को हरिद्वार के सीसीआर भवन में हुई बैठक में मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को मुख्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ 113 बाढ़ चौकियां भी 15 जून से पहले सक्रिय करने के निर्देश दिए है. इसके अलावा समय से सभी नालों की सफाई जेसीबी कराने को कहा है, ताकि वाटर लॉगिंग न हो और पानी की निकासी आसानी से हो सके. बैठक के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश, हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्व्याल, नगर आयुक्त वरुण चौधरी समेत तमाम विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे.

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक हुई है. बैठक में हरिद्वार के भगत सिंह चौक के लिए योजना बनाई गई है. हड़वा नाले के प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई है, जिस पर प्रमुखता से काम किया जाएगा. ताकि वॉटर लॉगिंग न हो. इसके साथ-साथ बाढ़ नियंत्रण कक्ष 15 जून 2024 तक बना दिए जाएंगे, जो सातों दिन 24 घंटे सक्रिय रहेंगे.

इसके अलावा 15 जून से पहले 113 बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर ली जाएगी. देहरादून में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का नंबर 9259144882 भी जारी कर दिया गया है, जहां पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है. सरकार समय से मॉनसून की सभी तैयारियों पूरी कर लेगी.

वहीं, मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बात हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उन्हें कहा था कि वो बैठक करें और रुपए को लेकर जो भी स्वीकृति चाहिए, वो सरकार देगी. ताकि मॉनसून सीजन में आम जनता को किसी भी तरह की दिक्कत न हो.

वहीं बैठक के बाद हरिद्वार जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्व्याल ने भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भगत सिंह चौकी से पानी को डाइवर्ट करना है, उसके लिए सिंचाई विभाग ने योजना बना ली है, जिसके शासन को भेज भी दिया गया है. शासन में भी इस पर मीटिंग हो चुकी है. शासन की तरफ से कुछ सुझाव दिए गए है, उन पर दोबारा से विचार करके रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजी जाएगी.

हरिद्वार जिलाधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही शासन ने 115 लाख की इस योजना को स्वीकृति मिलेगी. वहीं उन्होंने बताया कि बीते साल देहात क्षेत्र में जिस तरह की परेशानी आई थी, उसको ध्यान में रखाकर इस बार काम किया जा रहा है. जिन जगहों पर नहरों की सफाई सालों से नहीं हुई है, उनको देखा जा रहा है. वहीं शहरी क्षेत्रों में भी नगर पालिका और नगर निगम के माध्यम से नहरों और नालों की सफाई कराई जा रही है, ताकी जल भराव की समस्या न के बराबर हो.

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