बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में एक तरफ जहां गर्मी का सितम लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर पेयजल स्रोत भी सूख रहे हैं. बिलासपुर जिला का अधिकतम तापमान 42 डिग्री से अधिक जा पहुंचा है, जिसका सीधा असर पेयजल योजनाओं पर पड़ रहा है.
जिला में जल शक्ति विभाग से संबंधित 288 योजनाएं क्रियान्वित हैं जिनमें करीब 101 योजनाएं सूखे के चलते प्रभावित हुई हैं. वहीं, इन प्रभावित 101 योजनाओं में से 44 योजनाएं बिलासपुर डिवीजन की हैं. 26 योजनाएं घुमारवीं डिवीजन की हैं और 31 योजनाएं झंडूता डिवीजन की हैं.
इस बात की जानकारी देते हुए जल शक्ति विभाग बिलासपुर सर्कल के अधीक्षण अभियंता डॉक्टर राहुल दुबे ने कहा बिलासपुर जिला से संबंधित जल शक्ति विभाग की कुल 288 योजनाओं में से 35 प्रतिशत योजनाएं सूखे की मार के चलते प्रभावित हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रभावित योजनाओं में से 47 योजनाएं शून्य से 25 प्रतिशत तक प्रभावित हुई हैं जबकि 42 योजनाएं ऐसी हैं जो कि 25 से 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुई हैं और 12 योजनाएं ऐसी हैं जिन पर 50 से 75 प्रतिशत तक सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है.
जल शक्ति विभाग के अधिकारी ने कहा जिन इलाकों में योजनाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं वहां राशनिंग के जरिये पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है व सूखे के दौरान पेयजल योजनाओं को प्राकृतिक स्रोतों से इंटर लिंक कर राशनिंग के जरिये ज्यादा प्रभावित इलाकों तक पानी पहुंचाया जा सके ताकि किसी भी इलाके में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न ना हो सके. उन्होंने बिलासपुर जिला की समस्त जनता से अपील करते हुए कहा गर्मी के इस मौसम में जहां पूरे जिला में पानी की कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में पानी की बर्बादी ना करें और पीने के पानी का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन वर्क व सिंचाई जैसे कार्यों में ना करें.
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