अजमेर: प्राइवेट बीएड कॉलेज में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति कम होने का डर दिखाकर उनसे मनमानी रकम वसूल करने की शिकायतों को एमडीएस यूनिवर्सिटी ने गंभीरता से लिया है. यूनिवर्सिटी ने इन शिकायतों की जांच के लिए टीमें बनाई हैं. इस क्रम में शनिवार को भोपों का बाड़ा स्थित एक प्राइवेट कॉलेज में जांच के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की टीम पंहुची. जहां से टीम ने जांच के दौरान कुछ दस्तावेज लिए हैं.
यूनिवर्सिटी प्रशासन से गठित टीम के सदस्य प्रोफेसर सुनील शर्मा ने बताया कि 12 कॉलेजों में जांच के लिए एमडीएस यूनिवर्सिटी ने टीमें गठित की हैं. इन कॉलेजों में शिकायतों को लेकर जांच की गई है. इन कॉलेजों के खिलाफ मिली शिकायत देने वाले लोगों का आरोप था कि यह कॉलेज उपस्थिति कम होने का डर दिखाकर विद्यार्थियों से पैसा वसूल करते हैं. किट और साड़ी के भी मनमाने पैसे वसूल किए जाते हैं. इसकी रसीद भी नहीं दी जाती है. जांच रिपोर्ट बनाकर यूनिवर्सिटी के कुलपति को सौंपी जाएगी. जांच के दौरान विद्यार्थियों से भी बातचीत की गई और कॉलेज से संबंधित दस्तावेज भी लिए हैं.
कॉलेजों में शिक्षकों की दिखी कमी: प्रोफेसर सुनील शर्मा ने बताया कि प्राइवेट बीएड कॉलेजों में जांच के दौरान सामने आया कि यहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं. शिक्षकों की कमी हर प्राइवेट कॉलेज में नजर आई है. यानी काउंसलिंग के बाद कालेजों में दाखिले से सीट तो भर जाती हैं, लेकिन कई कॉलेज विद्यार्थियों की उपस्थिति पैसा लेकर पूरी कर देते हैं. पैसा देने वाले विद्यार्थियों को कॉलेज में आने की आवश्यकता नहीं पड़ती. वहीं जो विद्यार्थी पैसा नहीं दे पाते हैं और उनकी उपस्थिति कम रहती है, उन्हें साल बिगड़ने का डर दिखाकर पैसा वसूल किया जाता है.
प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी विद्यार्थियों की कमी के कारण रहती है. यानी कॉलेज के रिकॉर्ड में अभ्यर्थी कॉलेज में हैं, लेकिन फिजीकली नहीं रहने से शिक्षकों की भी आवश्यकता कॉलेजों को कम रहती है. ऐसे में दो तरफ से प्राइवेट कॉलेज चांदी कूटते हैं. एक और शिक्षकों को लगाने का पैसा बचता है. वहीं दूसरी और अनुपस्थिति का डर दिखाकर विद्यार्थियों से पैसे की वसूली करने से कॉलेजों को फायदा होता है.
एक ही भवन में स्कूल और कॉलेज: प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि एक ही भवन में प्राइवेट कॉलेज के अलावा अन्य शिक्षण संस्थाएं भी चल रही हैं. ऐसे में प्राइवेट कॉलेज संचालन कैसे होता होगा, यह हैरान करने वाली बात है. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के कुलपति को भवनों में कॉलेज के अलावा चल रही अन्य गतिविधियों के बारे में भी बताया जाएगा. जांच में देखने को मिला कि ऐसे प्राइवेट बीएड कॉलेज की इमारतों में स्टूडेंट कहां बैठते हैं, व अन्य शिक्षण गतिविधियां भी होती हैं. इसके बारे में भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा नागौर जिले में मेड़ता सिटी, लाडनूं, कुचामन सिटी में चार कॉलेज, परबतसर आदि कॉलेज में भी जांच की गई है. उन्होंने यह भी बताया कि दस्तावेज के साथ यहां से रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कुलपति अग्रिम कार्रवाई का निर्णय लेंगे.