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जांच अधिकारी ज्योति कोरंगा की बढ़ी मुश्किलें, HC ने जारी किया नोटिस, जानिये पूरा मामला - NAINITAL HIGH COURT

मुखानी थाने की जांच अधिकारी हैं ज्योति कोरंगा, ज्योति को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया है

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 9, 2024, 9:31 PM IST

नैनीताल: सीआरपीसी की धारा 41 अ का अनुपालन नहीं करने पर मुखानी थाने की जांच अधिकारी ज्योति कोरंगा को अवमानना का दोषी पाया गया है. साथ ही नोटिस जारी कर छः सप्ताह में अपना जवाब पेश करने को कहा गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है. मामले की सुनवाई बीते 6 नवंबर को न्यायमूर्ती पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई.

याचिकर्ता को आज कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त हुई है. मामले के अनुसार चोरगलिया निवासी भुवन चंद्र पोखरिया ने अवमानना याचिका दाखिल कर कहा है कि उनके खिलाफ हल्द्वानी की एक महिला ने मुखानी थाने में आईपीसी की धारा 354क, 354 ड और 506 के तहत 21 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज किया है. मुखानी पुलिस ने उन्हें आईपीसीसी की धारा 41 अ का बगैर नोटिस दिए और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किए बिना 22 मार्च 2023 को उनके परिवार के बीच से उठाकर उन्हें जेल भेज दिया. हालांकि उन्हें दूसरे दिन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन पुलिस की इस हरकत को उन्होंने उच्च न्यायलय में अवमानना याचिका दायर कर चुनौती दी है.

उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद उनके केस में निचली अदालत की समस्त कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, लेकिन अवमानना याचिका में कोर्ट ने मामले की जांच अधिकारी ज्योति कोरंगा को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का और 41अ सीआरपीसी का पालन नहीं करने पर अवमानना का दोषी पाया है और उन्हें नोटिस जारी कर छः सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा है.

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नैनीताल: सीआरपीसी की धारा 41 अ का अनुपालन नहीं करने पर मुखानी थाने की जांच अधिकारी ज्योति कोरंगा को अवमानना का दोषी पाया गया है. साथ ही नोटिस जारी कर छः सप्ताह में अपना जवाब पेश करने को कहा गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है. मामले की सुनवाई बीते 6 नवंबर को न्यायमूर्ती पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई.

याचिकर्ता को आज कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त हुई है. मामले के अनुसार चोरगलिया निवासी भुवन चंद्र पोखरिया ने अवमानना याचिका दाखिल कर कहा है कि उनके खिलाफ हल्द्वानी की एक महिला ने मुखानी थाने में आईपीसी की धारा 354क, 354 ड और 506 के तहत 21 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज किया है. मुखानी पुलिस ने उन्हें आईपीसीसी की धारा 41 अ का बगैर नोटिस दिए और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किए बिना 22 मार्च 2023 को उनके परिवार के बीच से उठाकर उन्हें जेल भेज दिया. हालांकि उन्हें दूसरे दिन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन पुलिस की इस हरकत को उन्होंने उच्च न्यायलय में अवमानना याचिका दायर कर चुनौती दी है.

उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद उनके केस में निचली अदालत की समस्त कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, लेकिन अवमानना याचिका में कोर्ट ने मामले की जांच अधिकारी ज्योति कोरंगा को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का और 41अ सीआरपीसी का पालन नहीं करने पर अवमानना का दोषी पाया है और उन्हें नोटिस जारी कर छः सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा है.

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