जयपुर. भारतीय समाज में महिला की कई भूमिकाएं होती हैं और इन सभी जिम्मेदारियां को निभाते-निभाते अक्सर महिलाएं खुद के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना कम कर देती हैं. यही वजह है कि आंकड़े बताते हैं भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं ज्यादा हो रही हैं. ऐसे में खानपान को बेहतर रखते हुए रोजगार की काम की बीच महिलाएं खुद का ख्याल भी रख सकती है, ताकि एक स्वस्थ परिवार के लिए वे मिसाल बन सकें. डाइट एक्सपर्ट नेहा यदुवंशी के मुताबिक मां, वर्किंग मदर और बेटी होने के नाते शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है, ताकी अपना और अपनों का ध्यान रखा जा सकें.
उनके मुताबिक शरीर के अंदर भी समस्याएं होती हैं और बाहर भी समस्याएं नजर आती हैं. आज जिस तरह की परेशानियां सबसे ज्यादा हैं, उनमें बाल और चेहरे को लेकर महिलाएं परेशान दिखती हैं. खासतौर पर बालों की गिरती क्वालिटी, उनका पतला होना और लगातार झड़ना ज्यादातर महिलाओं की समस्या है. इसी तरह से डार्क स्कीन, स्कीन की क्वालिटी और डलनेस भी महिलाएं अक्सर अपनी परेशानी में उनसे साझा करती हैं. ऐसे में सामान्य घरेलू उपाय ही कारगर साबित हो सकते हैं.
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- रोजमर्रा की दिनचर्या में पानी की मात्रा का संतुलन जरूरी है, यह अगर कम है, तो इसे बढ़ाएं और 10 से 12 गिलास पानी पिएं.
- फलों का रस या इन्फ्यूजन टी ले सकते हैं.
- अलीफ सीड या हालीम सीड को रात को एक चम्मच भिगोकर रखें और सुबह नींबू निचाड़ने के बाद लें, थायराइड वाले इससे बचें. इसका सेवन शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बेहतर बनाता है और चमड़ी को चमकदार बनाता है.
- हमेशा थकान और आलस महसूस होने पर अक्सर महिलाओं में विटामिन डी, B 12-आयरन और कैल्शियम की कमी होती है, जिसे को दूर करने के लिए मौसमी फल सबसे बेहतर और कारगर उपाय होते हैं.
- इसी तरह विटामिन D और B12 की कमी को दूर करने के लिए जितना ज्यादा हो सके, अल सुबह सूर्य की किरणों के जरिए शरीर को सनलाइट के प्रभाव में लाएं.
- कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, दही, छाछ, पनीर के साथ-साथ रागी का इस्तेमाल किया जा सकता है. रागी में दूध की तुलना में चार गुना कैल्शियम मौजूद होता है.
- इसके अलावा दही में मशरूम मिलाकर खाने से विटामिन बी12 की कमी को दूर किया जा सकता है.
महिलाओं में आम है थायराइड की समस्या: नेहा यदुवंशी कहती हैं कि महिलाओं में थायराइड की समस्या बहुत ही सामान्य है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपने रूटीन में बड़ा बदलाव लाएं. इसके लिए सुबह जल्दी धनिए के पत्तों का पानी या फिर साबुत धनिया को रात भर भिगोने के बाद सुबह उसका पानी उपयोग में लाना चाहिए. साबुत धनिए के पानी को उबालकर उपयोग में लाना चाहिए. इसके अलावा सुबह की पहली चाय, अगर सहजन के पत्तों की हो, तो वह भी फायदा करेगी.
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हार्मोन का असंतुलन भी है समस्या: महिलाओं में पीरियड साइकिल के देरी से आने या फिर डिस्टर्ब होने के साथ-साथ पेनफुल होने की समस्या भी सामने आती है. इसके अलावा पीसीओडी और पसीओएस भी है, तो नेहा बताती है कि ऐसे में डाइट, वर्कआउट, स्ट्रेस और स्लिप पर ध्यान देने की जरूरत है. कैसे लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल को नियमित करने की जरूरत होती है और रोजगार की गतिविधियों में एक्टिविटी पर ज्यादा से ज्यादा शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए.
ऐसे लोगों को बाहर की खाने पर कम ध्यान देना चाहिए और घर पर बनने वाले भोजन को ही अधिक उपयोग में लेना चाहिए. खास तौर पर दालें और मिलेट्स ऐसे लोगों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए. पंपकिन सीड, वाटरमेलन सीड्स, फ्लैग सीड्स और सनफ्लावर सीड्स को रोजगार की खानपान में शामिल करना चाहिए, जो शरीर में हार्मोन का संतुलन बेहतर बनाते हैं. इन सभी सीट्स में ओमेगा 3 की मात्रा भी अधिक होती है, जो शरीर की त्वचा और बालों को बेहतर बनाता है.
अधिक वजन भी है समस्या: अक्सर महिलाओं को ज्यादा वजन के कारण कमर दर्द में इजाफा और घुटनों में दर्द होता है. यदुवंशी के मुताबिक ऐसे में महिलाओं को खान-पान को लेकर एतिहात बरतनी चाहिए. बचे व और बासी खाने की जगह संतुलित खाने पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए सुबह से लेकर शाम तक खान-पान की आदत का सही होना जरूरी है. शरीर को ऊर्जा की मात्रा की आवश्यकता होती है और ऐसे में रिच प्रोटीन के लिए दालें, सोयाबीन, पनीर और स्प्राउट्स वेजीटेरियन लोगों के लिए, तो नॉन वेजिटेरियन के लिए चिकन, फिश और अंडे खानपान में शामिल करने चाहिए. इसके अलावा गुड फेट के लिए घी को उपयोग में लाया जाना चाहिए.