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अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलेगा हिसार का ये खिलाड़ी, मात्र 5 साल की उम्र में हादसे ने छीना था एक पैर - HARYANA BLADE RUNNER DILBAGH

हरियाणा का दिलबाग 1 दिसंबर से थाईलैंड में होने वाले ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में दमखम दिखाएगा.

International tournaments in Thailand
International tournaments in Thailand (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 18, 2024, 2:29 PM IST

Updated : Nov 18, 2024, 8:54 PM IST

हिसार: इंसान के हौसले बुंलद हो तो इंसान जीवन में किसी भी मंजिल को पार कर सकता है और ऊचाईयों को छू कर कामयाबी को हासिल कर सकता है. ऐसे कालवास के हिसार के ब्लैड रनर दिलबाग करके दिखाया है. जूनून और मजबूत हरादों के साथ खेलो में आगे बढ़ रहा है. कालवास का दिलबाग ने 5 साल की आयु में हादसे में टांग गवाने के बाद भी हार नहीं मानी. अब दिलबाग आगे थाइलैंड में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा है. वह पहली बार 1 दिसंबर 2024 से थाईलैंड ग्रैंड फिक्स अंतराराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में खेलने जा रहा है. खेत जाते समय गाड़ी ने 5 साल की आयु में टक्कर मार दी थी. जिससे उसे टांग गंवानी पड़ी थी.

गोल्ड के लिए बहा रहे पसीना: दिलबाग की टांग के दो ऑपरेशन भी करवाए गए हैं. 2013 में स्कूल स्तर पर दिलबाग ने ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर और शॉटपुट खेलना शुरू कर दिया. स्टेट लेवल पर व्हीलचेयर और ट्राई साइकिल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता. मगर तीन साल से दिलबाग गिरी सेंटर में 100 मीटर रेस और लॉन्ग जंप का का अभ्यास कर रहा है. जुनून और इरादे मजबूत हो तो आपको विपरित परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. दिलबाग 1 दिसंबर से थाईलैंड में होने वाले ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में दमखम दिखाएगा. वह गिरी सेंटर में इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा है.

दिलबाग के जज्बे को सलाम: दिलबाग ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में दो बार पार्टिसिपेट कर चुका है. मगर अब वह पहली बार इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेलने जाएगा. दिलबाग बताता है कि उसका सपना ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाना है. एक दिन वह इस सपने को भी पूरा करके दिखाएगा. ब्लैड रनर दिलबाग के हौसले बुलंद है. वह 16 सेकंड में 100 मीटर रेस पूरी कर लेता है. जब वह दौड़ लगाता है, तो उसके हौसले को देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं.

ऐसे हादसे का शिकार हुआ था दिलबाग: दिलबाग बताता है कि जब उसकी साढ़े पांच साल उम्र थी, तो वह अपने ताऊ की लड़की रिंकू के साथ खेत की ढाणी से अपने गांव कालवास पैदल जा रहा था. इस दौरान पीछे से आई टाटा 407 ने उसे टक्कर मारी दी. इस हादसे में उसको एक टांग गंवानी पड़ी. मगर रींकू बाल-बाल बच गई थी. अब दिलबाग अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में टी-63 कैटेगिरी में खेलेगा.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के 65 वर्षीय बुजुर्ग खिलाड़ी ने जीते मेडल, नेशनल वेटरनस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दिखाया जलवा

ये भी पढ़ें: हरियाणवी बॉक्सर की अमेरिकी बॉक्सर मेवेदर को सीधी चुनौती, बोले- दम है तो हो जाए मुकाबला

हिसार: इंसान के हौसले बुंलद हो तो इंसान जीवन में किसी भी मंजिल को पार कर सकता है और ऊचाईयों को छू कर कामयाबी को हासिल कर सकता है. ऐसे कालवास के हिसार के ब्लैड रनर दिलबाग करके दिखाया है. जूनून और मजबूत हरादों के साथ खेलो में आगे बढ़ रहा है. कालवास का दिलबाग ने 5 साल की आयु में हादसे में टांग गवाने के बाद भी हार नहीं मानी. अब दिलबाग आगे थाइलैंड में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा है. वह पहली बार 1 दिसंबर 2024 से थाईलैंड ग्रैंड फिक्स अंतराराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में खेलने जा रहा है. खेत जाते समय गाड़ी ने 5 साल की आयु में टक्कर मार दी थी. जिससे उसे टांग गंवानी पड़ी थी.

गोल्ड के लिए बहा रहे पसीना: दिलबाग की टांग के दो ऑपरेशन भी करवाए गए हैं. 2013 में स्कूल स्तर पर दिलबाग ने ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर और शॉटपुट खेलना शुरू कर दिया. स्टेट लेवल पर व्हीलचेयर और ट्राई साइकिल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता. मगर तीन साल से दिलबाग गिरी सेंटर में 100 मीटर रेस और लॉन्ग जंप का का अभ्यास कर रहा है. जुनून और इरादे मजबूत हो तो आपको विपरित परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. दिलबाग 1 दिसंबर से थाईलैंड में होने वाले ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट में दमखम दिखाएगा. वह गिरी सेंटर में इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा है.

दिलबाग के जज्बे को सलाम: दिलबाग ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में दो बार पार्टिसिपेट कर चुका है. मगर अब वह पहली बार इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेलने जाएगा. दिलबाग बताता है कि उसका सपना ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाना है. एक दिन वह इस सपने को भी पूरा करके दिखाएगा. ब्लैड रनर दिलबाग के हौसले बुलंद है. वह 16 सेकंड में 100 मीटर रेस पूरी कर लेता है. जब वह दौड़ लगाता है, तो उसके हौसले को देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं.

ऐसे हादसे का शिकार हुआ था दिलबाग: दिलबाग बताता है कि जब उसकी साढ़े पांच साल उम्र थी, तो वह अपने ताऊ की लड़की रिंकू के साथ खेत की ढाणी से अपने गांव कालवास पैदल जा रहा था. इस दौरान पीछे से आई टाटा 407 ने उसे टक्कर मारी दी. इस हादसे में उसको एक टांग गंवानी पड़ी. मगर रींकू बाल-बाल बच गई थी. अब दिलबाग अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में टी-63 कैटेगिरी में खेलेगा.

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Last Updated : Nov 18, 2024, 8:54 PM IST
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