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बालव्यास विवेक जी महाराज का बलरामपुर आगमन, 6 साल की उम्र से ही अपनाया भक्ति मार्ग - Balvyas Vivek Ji Maharaj - BALVYAS VIVEK JI MAHARAJ

International Kathavachak Balvyas Vivek Ji Maharaj अंतरराष्ट्रीय कथावाचक बालव्यास विवेक जी महाराज का रामानुजगंज में आगमन हुआ है. जिनका आशीर्वाद लेने के लिए भक्त और श्रद्धालुओं का तांता लग गया है.आपको बता दें कि बालव्यास विवेक महाराज ने 14 साल पहले रामानुजगंज में कथा किया था.इसलिए उनके पुराने शिष्य भी उनका आशीर्वाद लेने आ रहे हैं.

International Kathavachak Balvyas Vivek Ji Maharaj
बालव्यास विवेक जी महाराज का बलरामपुर आगमन (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 16, 2024, 5:33 PM IST

बलरामपुर रामानुजगंज : अंतरराष्ट्रीय कथावाचक बालव्यास विवेक जी महाराज का एक बार फिर बलरामपुर रामानुजगंज जिले में आगमन हुआ है. महज छह साल की छोटी उम्र से ही बालव्यास जी महाराज कथा वाचन कर रहे हैं. पहली बार उन्होंने गीता का प्रवचन दिया था. उनके पिता भी याज्ञिक कथा वाचक थे. विवेक जी महाराज पिछले चौबीस वर्षों से लगातार कथा वाचन कर रहे हैं.


परिवार में भक्ति का माहौल : पिता के याज्ञिक होने के कारण घर में भक्तिमय वातावरण शुरु से ही है.इसलिए बाल्य अवस्था में ही ईश्वरीय लगाव रखते हुए सनातन हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार का बीड़ा बालव्यास महाराज जी ने उठा लिया था. बालव्यास विवेक जी महाराज ने महज छह साल की उम्र से ही कथा वाचन करना शुरू कर दिया था. बालव्यास विवेक जी महाराज अब तक देश के अलग-अलग कई राज्यों सहित विदेश में लगभग पांच सौ कथाओं का वाचन कर चुके हैं. बालव्यास विवेक जी महाराज राम कथा, भागवत कथा, शिवपुराण, भगवदगीता की कथा सुनाते हैं. देश भर में इनकी कथाओं का आयोजन होता रहता है.


युवाओं को आध्यात्म से जुड़ने की अपील : प्रसिद्ध बाल व्यास अंतरराष्ट्रीय कथावाचक विवेक जी महाराज ने युवा पीढ़ी को बड़ा संदेश दिया है.महाराज ने कहा कि यदि युवा परिवर्तन चाहते हैं तो भगवद धर्म से जुड़ें, आध्यात्म से जुड़ें.

बालव्यास विवेक जी महाराज (ETV Bharat Chhattisgarh)

''भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है अंत में सभी को भगवान की शरण में ही आना है. जब हम युवा अवस्था में होते हैं तो कलयुग अपना प्रभाव दिखाता है. यदि हमारे जीवन में आध्यात्म नहीं है तो जीव भटक जाता है. बुढ़ापे की अवस्था में जब शरीर कमजोर होने लगता है तब हमें भगवान की बीता हुआ समय याद आता है. अगर हम पहले से ही भगवान के शरण में आ जाएंगे तो जितने भी कष्ट दुःख आने वाले हैं उनसे बच जाएंगे.'' - बालव्यास विवेक जी महाराज,अंतरराष्ट्रीय कथावाचक


घर-घर में हो गीता का पाठ : बालव्यास विवेक जी महाराज ने कहा कि घर-घर में गीता का पाठ होना चाहिए. रामचरितमानस का पाठ हर घर में होना चाहिए. वर्तमान समय में जो भी आपराधिक घटनाएं हो रही है उसमें जरूर कमी आएगी.

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परिवार में भक्ति का माहौल : पिता के याज्ञिक होने के कारण घर में भक्तिमय वातावरण शुरु से ही है.इसलिए बाल्य अवस्था में ही ईश्वरीय लगाव रखते हुए सनातन हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार का बीड़ा बालव्यास महाराज जी ने उठा लिया था. बालव्यास विवेक जी महाराज ने महज छह साल की उम्र से ही कथा वाचन करना शुरू कर दिया था. बालव्यास विवेक जी महाराज अब तक देश के अलग-अलग कई राज्यों सहित विदेश में लगभग पांच सौ कथाओं का वाचन कर चुके हैं. बालव्यास विवेक जी महाराज राम कथा, भागवत कथा, शिवपुराण, भगवदगीता की कथा सुनाते हैं. देश भर में इनकी कथाओं का आयोजन होता रहता है.


युवाओं को आध्यात्म से जुड़ने की अपील : प्रसिद्ध बाल व्यास अंतरराष्ट्रीय कथावाचक विवेक जी महाराज ने युवा पीढ़ी को बड़ा संदेश दिया है.महाराज ने कहा कि यदि युवा परिवर्तन चाहते हैं तो भगवद धर्म से जुड़ें, आध्यात्म से जुड़ें.

बालव्यास विवेक जी महाराज (ETV Bharat Chhattisgarh)

''भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है अंत में सभी को भगवान की शरण में ही आना है. जब हम युवा अवस्था में होते हैं तो कलयुग अपना प्रभाव दिखाता है. यदि हमारे जीवन में आध्यात्म नहीं है तो जीव भटक जाता है. बुढ़ापे की अवस्था में जब शरीर कमजोर होने लगता है तब हमें भगवान की बीता हुआ समय याद आता है. अगर हम पहले से ही भगवान के शरण में आ जाएंगे तो जितने भी कष्ट दुःख आने वाले हैं उनसे बच जाएंगे.'' - बालव्यास विवेक जी महाराज,अंतरराष्ट्रीय कथावाचक


घर-घर में हो गीता का पाठ : बालव्यास विवेक जी महाराज ने कहा कि घर-घर में गीता का पाठ होना चाहिए. रामचरितमानस का पाठ हर घर में होना चाहिए. वर्तमान समय में जो भी आपराधिक घटनाएं हो रही है उसमें जरूर कमी आएगी.

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