रांचीः शहरी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं की आजीविका पर झारखंड में हो रहे कार्यों की सराहना भारत सरकार के हाउसिंग एंड अर्बन मंत्रालय ने की है. रांची में यूएनडीपी के सहयोग से महिला आजीविका पर चल रहे इंटरनेशनल कॉफ्रेंस में शिरकत करने पहुंचीं.
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय निदेशक शालिनी पांडे ने कहा है कि यहां की महिलाओं में जुझारूपन है और सीखने की जीजिविषा है जो उन्हें सफल बनाती है. झारखंड में चल रहे कार्य देश के लिए रोल मॉडल हो सकता है. उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड सरकार और भारत सरकार एवं यूएनडीपी के प्रतिनिधियों को संबोधित किया. इसमें राज्य में चल रहे दीनदयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन घटक के योगदान की सराहना करते हुए आने वाले समय में उनके महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोरः
रांची में चल रहे दो दिवसीय कॉफ्रेंस के पहले दिन जहां भारत सरकार के शहरी मंत्रालय से आए अधिकारियों ने अपने विचार रखे. वहीं विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने अपना अनुभव साझा किया. कॉफ्रेंस में दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत किए जा रहे कार्यो पर विस्तार से चर्चा की गई. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए हो रहे प्रयास पर लोगों ने विचार व्यक्त किए.
यूएनडीपी के भारत प्रमुख इसाबेल ने संबोधित करते हुए महिलाओं की स्थिति और उनके द्वारा किए गए योगदान पर चर्चा की. उन्होंने शहरी महिलाओं की वर्तमान स्थिति, उन्हें कैसे सशक्त बनाया जाए और उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के तरीके पर विस्तार से चर्चा की. कई सत्रों में आयोजित इस कांफ्रेंस की शुरुआत शहरी लाइवलीहुड अर्थव्यवस्था से शुरू हुई. जिसमें अर्थशास्त्री सोना मित्रा, तमिलनाडु के स्टेट मिशन डायरेक्टर श्रेया पी सिंह, गुजरात के सेवा हाउसिंग निदेशक ब्रिजल ब्रम्हभट्ट समेत कई लोगों ने विचार व्यक्त किए. लर्निंग सेशन में अर्थशास्त्री ए. मिश्रा, यूएनडीपी के कुमार राजेश और ए. सिंघल ने विचार रखा. यह कॉफ्रेंस शुक्रवार 16 फरवरी तक चलेगा.
दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का समापनः
भविष्य की चिंता को गुरुवार से समाधान का रास्ता ढूंढने के संकल्प के साथ दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का समापन हो गया. सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन फॉर फ्यूचर रेडी झारखंड विषय पर आयोजित इस इंटरनेशनल कॉफ्रेंस के दूसरे और अंतिम दिन जस्ट ट्रांजिशन से संबंधित विभिन्न प्रयासों को एकीकृत एवं प्रभावी बनाने पर विशेषज्ञों के द्वारा विचार साझा किया गया. इस मौके पर एनर्जी एवं सस्टनेबिलिटी क्षेत्र से जुड़े हस्तियों ने इस कांफ्रेंस के जरिये भारत एवं झारखंड में जस्ट ट्रांजिशन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की.
महिला आजीविका पर नेशनल कॉफ्रेंस के दूसरे और अंतिम दिन की की शुरुआत कोल माइनिंग पर आधारित विषय पर हुआ. झारखंड सरकार के खान सचिव अबु बकर सिद्दीकी ने कहा कि झारखंड के 18 जिले कोल क्षेत्र में आते हैं, जहां जीरो नेट का लक्ष्य पाने के लिए वृहत रोडमैप बनाने की आवश्यकता है. कांफ्रेंस में गहन विचार-विमर्श से कई महत्वपूर्ण विचार सामने आए. इनमें जस्ट ट्रांजिशन के कदमों को गति देने के लिए फाइनेंसिंग ढांचे को निर्मित करना, निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समुचित नीतिगत परिवेश का निर्माण करना और स्टेकहोल्डर्स के बीच ज्ञान एवं साझेदारी को बढ़ावा देना प्रमुख रहा.
इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड सरकार के टास्क फोर्स-सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन द्वारा सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड), यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी-इंडिया) और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट, इंडिया के सहयोग से हुआ. इस कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए झारखंड सरकार के विकास आयुक्त और अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग अविनाश कुमार ने सततशील भविष्य एवं हरित विकास के लिए एनर्जी ट्रांजिशन को अनिवार्य बताया. उन्होंने ट्रांजिशन प्रक्रिया में सामाजिक आकांक्षाओं, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन साधने करने पर जोर दिया. उन्होंने सस्टेनेबल ट्रांजिशन से संबंधित संस्थागत ढांचा तैयार करने की जरूरत पर बल दिया.
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