पंचकूला: केंद्र सरकार की प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की योजना हरियाणा में प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो सकी है. हरियाणा के लाखों घरों में रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत केंद्र सरकार देशभर की बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करना चाहती है. हरियाणा में भी इसी योजना के तहत प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाने हैं, ये काम अभी ठंडे बस्ते में ज्यादा दिखाई दे रहा.
ठंडे बस्ते में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की योजना: बताया जा रहा है कि राज्य के लोगों में इनके लगने से उन्हें नुकसान होने का डर बना हुआ है, योजना का प्रभावी नहीं होने का मुख्य कारण भी इसे ही माना जा रहा है. गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के यहां प्रीपेड बिजली मीटर लगवाने की बात कही है.
पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी: हरियाणा में करीब पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जहां सबसे पहले प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाने की बात कही गई है. वहीं इसके दूसरे फेज में आम उपभोक्ताओं के यहां यह मीटर लगाए जाएंगे. वहीं हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 70 लाख 46 हजार हो गई है. इसमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के 32 लाख 84 हजार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं. स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल की तरह ही बिजली मीटर को रिचार्ज करना होगा.
गुरुग्राम में लगाए प्रीपेड बिजली मीटर: गुरुग्राम में सेक्टर 1 से 57 तक 3 लाख 72 हजार प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जा चुके हैं. जबकि समूचे हरियाणा में वर्ष 2029 तक प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है. प्रीपेड बिजली मीटर के अलावा प्रदेश में अंडरग्राउंड वायरिंग का काम भी जारी है. प्रीपेड बिजली मीटर को रिचार्ज करने के लिए ऑनलाइन भुगतान, मोबाइल ऐप या नामित रिचार्ज पॉइंट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
फोन की तरह करना होगा रिचार्ज: प्रीपेड बिजली मीटर से बिजली का इस्तेमाल करने के लिए उपभोक्ता को बिजली वाउचर या टोकन खरीदने होते हैं. इन वाउचर को मीटर में डालकर बिजली आपूर्ति शुरू की जाती है. लेकिन बिजली वाउचर खत्म होने पर बिजली आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखने के लिए नए वाउचर खरीदने होते हैं. मोबाइल के वैल्यू पैक की तरह बिजली मीटर में अपनी जरूरत के अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे. यूनिट पूरी होने पर बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी, लेकिन इससे पहले मोबाइल पर अलर्ट संदेश प्राप्त होंगे.
बकाया खत्म कर रुकेगी बिजली चोरी: बिजली कनेक्शन के मीटर की ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर बिजली चोरी रोकी जा सकेगी. स्मार्ट मीटर को मोबाइल की तरहरिचार्ज करने से अमाउंट के अनुसार ही बिजली मिलेगी और बिजली चोरी रोकने के अलावा उपभोक्ताओं का बिल भी बकाया नहीं होगा. सबसे पहले प्रीपेड मीटर सरकारी विभागों में लगाए जाएंगे. इसके बाद घरेलू व व्यवसायिक बिजली कनेक्शनों के लिए प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे. गौर करने वाली बात है कि कृषि बिजली कनेक्शन इस योजना का हिस्सा नहीं हैं.
मोबाइल टावर से बिजली कंपनी को सिग्नल: स्मार्ट मीटर में एक डिवाइस होगा, जो मोबाइल टावर से बिजली कंपनियों में लगने वाले रिसीवर तक सिग्नल पहुंचाएगा. इससे बिजली कंपनियां दफ्तर से मीटर की रीडिंग और निगरानी कर सकती है. ऐसा होने पर मीटर रीडिंग के लिए कर्मचारी भेजने की आवश्यकता नहीं रहेगी और रीडिंग गलत लिखे जाने की समस्या भी हल हो जाएगी. मीटर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जानकारी भी तुरंत मिल सकेगी.
उपभोक्ता को घर बैठे मिलेगी पूरी जानकारी: उपभोक्ता को मौजूदा बिजली, शेष बिल और खपत बारे में पूरी जानकारी मीटर की स्क्रीन पर मिलेगी. उपभोक्ता इसमें प्रीपेड भुगतान, जितना भुगतान उतनी बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे. जबकि बिजली लोड बढ़ने पर मीटर में अलार्म बजेगा. इससे उपभोक्ता तुरंत जानकारी मिलने से खपत कम कर सकेगा.
स्मार्ट मीटर के इस्तेमाल के लाभ: उपभोक्ता मोबाइल एप के इस्तेमाल से बिजली की खपत पर नजर रख सकता है. बिजली मीटर को पहले ही रिचार्ज करवा सकते हैं. इससे बिजली की फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रहेगा. डिस्कॉम के साथ इंटरफेस पॉइंट पर स्मार्ट मीटर लगाने का आदेश है. उपभोक्ता अपने विकल्प के अनुसार अलग-अलग मंजिल के लिए सब-मीटर लगवा सकेंगे. मीटर में बैलेंस कम होने से पहले अलर्ट मैसेज आएगा. बिजली बाधित होने पर मीटर में लाइट नहीं रहेगी, लेकिन रिचार्ज खत्म होने पर मीटर में लाइट दिखेगी.
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