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रतलाम के सरकारी स्कूल का दुनिया में बजा डंका, इनोवेटिव आइडियाज ने बनाया सिरमौर

अंतरराष्ट्रीय संस्था T4 एजुकेशन से सम्मानित होने के बाद छात्रों व शिक्षकों में खुशी की लहर. प्राइवेट स्कूल से आकर यहां एडमिशन ले रहे छात्र.

Government Vinoba CM Rice School becomes an example
शासकीय विनोबा सीएम राइस स्कूल बना मिसाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 9 minutes ago

रतलाम: मध्य प्रदेश के शासकीय विनोबा स्कूल का नाम गुरुवार शाम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका है. वजह है पूरे विश्व के टॉप स्कूलों को पछाड़कर इन्नोवेटिव कैटेगरी में शासकीय विनोबा सीएम राइस स्कूल ने पूरे विश्व में पहला स्थान प्राप्त किया है. अंतरराष्ट्रीय संस्था T4 एजुकेशन द्वारा विश्व का नंबर एक इनोवेटिव स्कूल घोषित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्रियों ने भी इस उपलब्धि पर बधाई दी है.

दरअसल, ढाई साल पहले यह स्कूल एक बेहद सामान्य दर्जे का स्कूल हुआ करता था. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सीएम राइस स्कूल का प्रकल्प शुरू किए जाने के बाद इस सरकारी स्कूल ने वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के निजी स्कूल भी हासिल नहीं कर सके. खास बात यह है कि सीमित संसाधनों में स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों और उनके पालकों के साथ मिल कर यह उपलब्धि हासिल की गई है.

शासकीय विनोबा सीएम राइस स्कूल बना मिसाल (Etv Bharat)

ढाई साल में तय किया यह सफर

सीएम राइस स्कूल बनाए जाने के बाद शासकीय विनोबा स्कूल में सभी विषयों के लिए प्रशिक्षित और कुशल शिक्षकों की नियुक्ति की गई. लेकिन स्कूल प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि यहां पढ़ने वाले छात्रों की रुचि स्कूल आने में कम थी. बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षकों ने प्रायोगिक शिक्षा पर जोर दिया. हर बच्चे पर फोकस कर उसकी कमजोरियों पर काम किया गया. कुछ समय में इसके बेहतर नतीजे आने लगे. स्कूल की नवीन बिल्डिंग अभी निर्माणधीन है लेकिन पुरानी बिल्डिंग को ही नया स्वरूप दिया गया है. खेल मैदान नहीं होने पर पास ही स्थित शासकीय आईटीआई खेल मैदान में बच्चों को खेल से जोड़कर विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाई गई. आज विद्यालय के एक दर्जन से अधिक बच्चे राज्य स्तर प्रदर्शन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें:

एक सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए मंत्री से IAS IPS तक की लाइन, दुनिया में मिली पोजिशन

पूरी दुनिया में छाया मध्य प्रदेश का यह सरकारी स्कूल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिला तीसरा स्थान

स्कूल के शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर, हीना शाह एवं खेल शिक्षक का कहना है हमारे स्कूल में 577 छात्रों में से 525 छात्रों ने अलग-अलग क्षेत्र में अचीवमेंट हासिल किए हैं. शुरुआत में स्थितियां चुनौतीपूर्ण थीं. सबसे पहले बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित की गई. इसके लिए बच्चों को खेल से जोड़कर स्कूल आने के लिए प्रेरित किया गया. शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही साइकिल ऑफ़ ग्रोथ के तहत उनके हिस्से को प्रोत्साहन किया गया.

अध्यापकों का आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने पर है जोर

बच्चों की क्षमता के अनुसार उनकी ग्रोथ के लेवल तय किए गए. हर बच्चे के डेवलेपमेंट पर ध्यान दिया गया. ढाई सालों में जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.
स्कूल में आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने के साथ ही रोबोटिक्स लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और प्रयोगिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है. यहां प्रत्येक विद्यार्थी का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड रखा जाता है. छात्र-छात्राओं से भी इन्नोवेटिव शिक्षा के बारे में फीडबैक लिया जाता है. निजी स्कूलों से आकर इस शासकीय स्कूल में एडमिशन लेने वाले छात्र भी मानते हैं कि उन्हें यहां बेहतर शिक्षा का माहौल मिल रहा है.

पूरे देश के स्कूलों के लिए बना लाइटहाउस

रतलाम का यह शासकीय स्कूल पूरे जिले के स्कूलों के लिए लाइटहाउस बनाया गया है. रतलाम के इस सरकारी स्कूल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान हासिल कर यह साबित कर दिया है कि आखिर क्यों यहां एडमिशन के लिए लंबी वेटिंग लग रही है.

रतलाम: मध्य प्रदेश के शासकीय विनोबा स्कूल का नाम गुरुवार शाम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका है. वजह है पूरे विश्व के टॉप स्कूलों को पछाड़कर इन्नोवेटिव कैटेगरी में शासकीय विनोबा सीएम राइस स्कूल ने पूरे विश्व में पहला स्थान प्राप्त किया है. अंतरराष्ट्रीय संस्था T4 एजुकेशन द्वारा विश्व का नंबर एक इनोवेटिव स्कूल घोषित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्रियों ने भी इस उपलब्धि पर बधाई दी है.

दरअसल, ढाई साल पहले यह स्कूल एक बेहद सामान्य दर्जे का स्कूल हुआ करता था. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सीएम राइस स्कूल का प्रकल्प शुरू किए जाने के बाद इस सरकारी स्कूल ने वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के निजी स्कूल भी हासिल नहीं कर सके. खास बात यह है कि सीमित संसाधनों में स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों और उनके पालकों के साथ मिल कर यह उपलब्धि हासिल की गई है.

शासकीय विनोबा सीएम राइस स्कूल बना मिसाल (Etv Bharat)

ढाई साल में तय किया यह सफर

सीएम राइस स्कूल बनाए जाने के बाद शासकीय विनोबा स्कूल में सभी विषयों के लिए प्रशिक्षित और कुशल शिक्षकों की नियुक्ति की गई. लेकिन स्कूल प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि यहां पढ़ने वाले छात्रों की रुचि स्कूल आने में कम थी. बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षकों ने प्रायोगिक शिक्षा पर जोर दिया. हर बच्चे पर फोकस कर उसकी कमजोरियों पर काम किया गया. कुछ समय में इसके बेहतर नतीजे आने लगे. स्कूल की नवीन बिल्डिंग अभी निर्माणधीन है लेकिन पुरानी बिल्डिंग को ही नया स्वरूप दिया गया है. खेल मैदान नहीं होने पर पास ही स्थित शासकीय आईटीआई खेल मैदान में बच्चों को खेल से जोड़कर विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाई गई. आज विद्यालय के एक दर्जन से अधिक बच्चे राज्य स्तर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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स्कूल के शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर, हीना शाह एवं खेल शिक्षक का कहना है हमारे स्कूल में 577 छात्रों में से 525 छात्रों ने अलग-अलग क्षेत्र में अचीवमेंट हासिल किए हैं. शुरुआत में स्थितियां चुनौतीपूर्ण थीं. सबसे पहले बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित की गई. इसके लिए बच्चों को खेल से जोड़कर स्कूल आने के लिए प्रेरित किया गया. शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही साइकिल ऑफ़ ग्रोथ के तहत उनके हिस्से को प्रोत्साहन किया गया.

अध्यापकों का आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने पर है जोर

बच्चों की क्षमता के अनुसार उनकी ग्रोथ के लेवल तय किए गए. हर बच्चे के डेवलेपमेंट पर ध्यान दिया गया. ढाई सालों में जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.
स्कूल में आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने के साथ ही रोबोटिक्स लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और प्रयोगिक शिक्षा पर जोर दिया जाता है. यहां प्रत्येक विद्यार्थी का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड रखा जाता है. छात्र-छात्राओं से भी इन्नोवेटिव शिक्षा के बारे में फीडबैक लिया जाता है. निजी स्कूलों से आकर इस शासकीय स्कूल में एडमिशन लेने वाले छात्र भी मानते हैं कि उन्हें यहां बेहतर शिक्षा का माहौल मिल रहा है.

पूरे देश के स्कूलों के लिए बना लाइटहाउस

रतलाम का यह शासकीय स्कूल पूरे जिले के स्कूलों के लिए लाइटहाउस बनाया गया है. रतलाम के इस सरकारी स्कूल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान हासिल कर यह साबित कर दिया है कि आखिर क्यों यहां एडमिशन के लिए लंबी वेटिंग लग रही है.

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