इंदौर। अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लोग अपनी पसंदीदा टैगलाइन लिखकर अपना फोटो लगाते हैं, लेकिन इंदौर में एक शख्स ने व्हाट्सएप स्टेटस को ही अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने का जरिया बना लिया. इस स्थिति से परेशान पत्नी ने जब पति के खिलाफ फैमिली कोर्ट में शरण ली, तो कोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए उसे स्टेटस के जरिए प्रताड़ित करने वाले पति से तलाक दिलवा दिया है. मध्य प्रदेश में संभवत यह पहला मामला है, जब व्हाट्सएप स्टेटस के आधार पर कोर्ट ने पीड़ित महिला की याचिका स्वीकार करते हुए उसे राहत प्रदान की हो.
शादी के 1 महीने बाद पति ने दिखाए रंग
दरअसल, इंदौर के फैमिली कोर्ट में यह मामला 2 साल पहले दाखिल हुआ था. इस मामले में चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रतिश यादव को पत्नी से झूठ बोलकर शादी करने और उसे शराब पीकर मारने पीटने का दोषी भी माना है. दरअसल दोनों की शादी 21 अप्रैल 2015 को इंदौर में हुई थी. शादी के दौरान युवक ने बताया कि वह राधा स्वामी सत्संग से जुड़ा है और मांस मदिरा का सेवन कभी नहीं करता, लेकिन शादी के 1 महीने बाद ही युवक ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए. रोज शराब पीकर आने के कारण उसकी पत्नी परेशान हो गई. इतना ही नहीं शराब पीने पर आपत्ति लेने पर युवक उसे आए दिन मरने लगा.
पत्नी से करता था मारपीट, बच्ची की हुई मौत
इसी दरमियान जब पत्नी गर्भवती हो गई, तो उसकी मां के इंदौर में सेवारत होने के बावजूद भी पति ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए उसके ससुराल इंदौर नहीं भेजा. डिलीवरी के टाइम के बाद डॉक्टर को न दिखाने के कारण न केवल पत्नी की जान खतरे में आ गई, बल्कि 1 महीने बाद बच्ची की मौत हो गई. इससे अवसाद में गई पत्नी दुखी होकर मायके आ गई. इसके बाद भी पति के व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया. किसी तरह जब पति और सास ने इंदौर में पत्नी के साथ मारपीट नहीं करने और उसे अच्छे से रखने का लिखित आश्वासन दिया, तो पत्नी किसी तरह वापस ससुराल गई, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर उसके साथ मारपीट और प्रताड़ना शुरू हो गई. पति जुआ भी खेलने लगा और आए दिन शराब पीकर आने के बाद पत्नी की जमकर पिटाई करता. इन तमाम मामलों से जुड़े साक्षी पत्नी की वकील एडवोकेट प्रति महीना ने पत्नी की ओर से दाखिल याचिका में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए थे.
पत्नी को व्हाट्सएप स्टेटस पर दे रहा था गालियां
जब पीड़ित पत्नी मायके में थी, तो पति अपने मोबाइल के स्टेटस पर गालियां लिखकर पत्नी को पढ़ने के लिए स्टेटस का स्क्रीनशॉट लेकर भेजता था. इसके अलावा व्हाट्सएप पर लगातार गंदी-गंदी गालियां देकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था. व्हाट्सएप पर आए दिन गाली और स्क्रीनशॉट के जरिए प्रताड़ना झेलते झेलते जब पत्नी परेशान हो गई, तो उसने इन तमाम बिंदुओं को कोर्ट में प्रस्तुत किए गए. अपने आवेदन में उल्लेखित किया. इसके बाद हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 125 आईपीसी के तहत भरण पोषण के आवेदन के साथ पीड़िता ने कोर्ट से विवाह विच्छेद की फरियाद की थी. हालांकि पत्नी की प्रताड़ना को देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में पति और सास से अपना पक्ष रखना का भी अवसर दिया, लेकिन पति द्वारा इस मामले को भी गंभीरता से नहीं लिया गया.
यहां पढ़ें... म्युचुअल डायवोर्स: शादी के तत्काल बाद तलाक का बदलता ट्रेंड, महज 48 घंटे में तू अलग मैं अलग 'टॉयलेट बनवाओ वरना दे दूंगी तलाक', पत्नी का पति को अल्टीमेट, शादी बचाने ग्राम पंचायत एक्टिव |
व्हाट्सएप स्टेटस के आधार पर मिला तलाक
इसके बाद कोर्ट ने मोबाइल के व्हाट्सएप पर प्रताड़ित करने और तरह-तरह के गंदे मैसेज उसे और उसकी मां को दोषी पाए जाने के बाद पीड़िता पत्नी को एक पक्षी रूप से विवाह विच्छेद की सहमति दी है. इस मामले में पीड़िता की वकील एडवोकेट प्रीति मेहना ने बताया 'सोशल मीडिया के जरिए पत्नी को प्रताड़ित करके स्क्रीनशॉट पर गंदे मैसेज लिखकर दिखाना भी तलाक का आधार हो सकता है. इस मामले में कोर्ट ने इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए पीड़िता पत्नी को एक पक्षीय तलाक दिलाया है.