इंदौर: प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर के बिगडै़ल ट्रैफिक को संभालने के लिए जन भागीदारी आधारित अभियान का शुभारंभ सोमवार से किया गया है. ट्रैफिक मित्र अभियान के तहत शहर के करीब 1000 से ज्यादा छात्र, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी, पत्रकार और विभिन्न वर्गों के नागरिक शहर के तमाम चौराहों पर ट्रैफिक संभालने के लिए उतरेंगे. वहीं अभियान में कैलाश विजयवर्गीय समेत शहर के तमाम जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी ट्रैफिक मित्र की तरह ही सप्ताह में एक दिन ड्यूटी करने की घोषणा की है.
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व हुआ कार्यक्रम
शहर के बास्केटबॉल परिसर में आयोजित ट्रैफिक मित्र अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में सैकड़ों स्कूली छात्रों के अलावा इंदौर पुलिस के ट्रैफिक विशेषज्ञ आरटीओ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमों ने भागीदारी की. इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में शुरू किए गए ट्रैफिक मित्र अभियान में पांच प्रमुख कैंपेन चलेंगे. जिसके तहत अलग-अलग लोग ट्रैफिक की ड्यूटी करते हुए सड़कों पर नजर आएंगे.
मैं हूं ट्रैफिक मित्र
इस अभियान के अंतर्गत शनिवार और रविवार को शाम 5:30 बजे से 8:30 बजे तक शहर के व्यस्ततम चौराहों पर डॉक्टर, वकील, छात्र और समाजसेवी ट्रैफिक की व्यवस्था संभालेंगे. इस दौरान वह लोगों को हेलमेट लगाने के अलावा कार में सीट बेल्ट लगाने के लिए भी प्रेरित करते नजर आएंगे.
ट्रैफिक टॉक शो
ट्रैफिक मित्र अभियान के तहत स्कूल व कॉलेज में साल भर में करीब 48 प्रतिशत सत्र आयोजित होंगे. इन सत्रों में पुलिस के आला अफसर के अलावा ट्रैफिक से जुड़े अधिकारी व परिवहन विभाग के अधिकारी छात्रों को टॉक शो के जरिए बेहतर ट्रैफिक के उपायों पर संवाद करेंगे. जिससे की शैक्षणिक संस्थाओं के स्तर पर ही छात्र-छात्राओं में ट्रैफिक के पालन की भावना विकसित हो सके.
ट्रैफिक मीटिंग
अभियान के इस कार्यक्रम के तहत 1 साल में 24 मीटिंग आयोजित होगी. जिसमें महापौर शहर के अलग-अलग वर्गों और जन संगठनों से चर्चा करके ट्रैफिक मित्र अभियान में उनकी भागीदारी तय करेंगे. इसमें अलग-अलग वर्गों के लोगों की भूमिका पर भी चर्चा होगी.
नो हेलमेट नो एंट्री अभियान
इस अभियान के अंतर्गत शासकीय कार्यालय और निजी संस्थानों में हेलमेट लगाकर नहीं आने वाले लोगों को कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा इस नियम का उल्लंघन करने पर नगर निगम संबंधित अधिकारी उस व्यक्ति के खिलाफ उसके विभाग को कार्रवाई के लिए भी अनुरोध कर सकेगा.
शुरू होगा शपथ अभियान
इंदौर में आमतौर पर होने वाले सामाजिक राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा लोगों को जन जागरूकता के साथ ट्रैफिक नियमों के पालन करने के लिए शपथ भी दिलाई जाएगी.
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इसलिए पड़ी अभियान की जरूरत
दरअसल, सड़क परिवहन मंत्रालय की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में हादसों के लिहाज से इंदौर दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर है. यहां आए दिन कई दुर्घटनाएं होती हैं. इंदौर में सालाना 4680 हादसे रिकॉर्ड किए गए हैं. जिनमें करीब हर साल 400 लोगों की मौत हो जाती है. इस हिसाब से शहर में प्रतिदिन एक व्यक्ति की मृत्यु सड़क हादसे के कारण हो रही है. यही वजह है कि प्रदेश के सबसे व्यस्ततम ट्रैफिक वाले शहर में नगर निगम और खासकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव इस तरह के अभियान को अगले 1 साल तक जारी रखने की तैयारी में है. जिससे इंदौर स्वच्छता के बाद ट्रैफिक सुधार में भी नंबर वन पर आ सके.