ETV Bharat / state

इंदौर में पीएम आवास योजना में धांधली, जिम्मेदारों ने अपने नाम ही करा लिए फ्लैट, ऐसे किया घोटाला

Indore PM Housing Scam : इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े घोटाले में गंभीर अनियमिताएं सामने आई हैं. महापौर और कमिश्नर ने पड़ताल की तो पता चला कि जिन एजेंसियों को फ्लैट आवंटन की जिम्मेदारी दी थी, उन्हीं के कर्ताधर्ताओं ने अपने नाम कई फ्लैट कर लिए.

Indore PM Housing Scam
इंदौर में पीएम आवास योजना में धांधली
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 10:10 AM IST

इंदौर में पीएम आवास योजना में धांधली

इंदौर। शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई गड़बड़ियों की परतें खुलने लगी हैं. जिन एजेंसियों के पास योजना के तहत तैयार हजारों फ्लैटों को बेचने की जिम्मेदारी थी, नगर निगम ने उनके साथ अनुबंध आगे बढ़ाना तक जरूरी नहीं समझा. निगम ने एजेंसियों से 18 फरवरी 2019 को तीन वर्ष के लिए अनुबंध किया था. इसके समाप्त होने के बाद एजेंसियां बगैर अनुबंध के काम करती रहीं. मार्केटिंग कंपनी की आड़ में निगम के कर्ताधर्ताओं की संदेहास्पद भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.

अनुबंध समाप्त होने के बाद मनमानी करती रहीं एजेंसियां

नगर निगम ने एजेंसियों से 18 फरवरी 2019 को तीन वर्ष के लिए अनुबंध किया था. बाद में 18 अगस्त 2022 को अनुबंध किया गया, जो 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो चुका है. इसके बाद कोई नया अनुबंध नहीं किया गया. यानी एजेंसियां एक वर्ष से बगैर किसी अधिकार के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तैयार आवासीय इकाइयों को बेच रही थीं. दो माह पहले ही एजेंसियों की गड़बड़ी सामने आ चुकी थी. नगर निगम ने 5 जनवरी 2024 को एजेंसियों को नोटिस भी जारी किया था. इस नोटिस के जवाब में एजेंसियों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वर्तमान में निगम का हमारे साथ कोई अनुबंध ही अस्तित्व में नहीं है. बावजूद इसके निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

शिकायत के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की

इधर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमयुक्त हर्षिका सिंह गुरुवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के दफ्तर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे तक दस्तावेजों की जांच और कर्मचारियों से पूछताछ की. नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर इस मामले में सख्त एक्शन के मूड में है. लेकिन निगम के पत्र के बावजूद पुलिस विभाग द्वारा अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से वह हैरान हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

महापौर दे रहे जांच व कार्रवाई करने का हवाला

योजना के तहत बने 13 फ्लैट कंसल्टेंट और 8 फ्लैट ठेकेदार ने खुद ही आवंटित करवा लिए हैं. योजना के तहत तैयार थ्री बीएचके फ्लैट पहले आओ, पहले पायो के सिद्धांत पर आवंटित किए गए थे, लेकिन यह जांच का विषय है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में फ्लैट क्यों और कैसे आवंटित करवा लिए गए. इस मामले में इंदौर महापौर पुष्पमित्र भार्गव का कहना है "जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

इंदौर में पीएम आवास योजना में धांधली

इंदौर। शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई गड़बड़ियों की परतें खुलने लगी हैं. जिन एजेंसियों के पास योजना के तहत तैयार हजारों फ्लैटों को बेचने की जिम्मेदारी थी, नगर निगम ने उनके साथ अनुबंध आगे बढ़ाना तक जरूरी नहीं समझा. निगम ने एजेंसियों से 18 फरवरी 2019 को तीन वर्ष के लिए अनुबंध किया था. इसके समाप्त होने के बाद एजेंसियां बगैर अनुबंध के काम करती रहीं. मार्केटिंग कंपनी की आड़ में निगम के कर्ताधर्ताओं की संदेहास्पद भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.

अनुबंध समाप्त होने के बाद मनमानी करती रहीं एजेंसियां

नगर निगम ने एजेंसियों से 18 फरवरी 2019 को तीन वर्ष के लिए अनुबंध किया था. बाद में 18 अगस्त 2022 को अनुबंध किया गया, जो 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो चुका है. इसके बाद कोई नया अनुबंध नहीं किया गया. यानी एजेंसियां एक वर्ष से बगैर किसी अधिकार के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तैयार आवासीय इकाइयों को बेच रही थीं. दो माह पहले ही एजेंसियों की गड़बड़ी सामने आ चुकी थी. नगर निगम ने 5 जनवरी 2024 को एजेंसियों को नोटिस भी जारी किया था. इस नोटिस के जवाब में एजेंसियों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वर्तमान में निगम का हमारे साथ कोई अनुबंध ही अस्तित्व में नहीं है. बावजूद इसके निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

शिकायत के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की

इधर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमयुक्त हर्षिका सिंह गुरुवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के दफ्तर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे तक दस्तावेजों की जांच और कर्मचारियों से पूछताछ की. नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर इस मामले में सख्त एक्शन के मूड में है. लेकिन निगम के पत्र के बावजूद पुलिस विभाग द्वारा अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से वह हैरान हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

महापौर दे रहे जांच व कार्रवाई करने का हवाला

योजना के तहत बने 13 फ्लैट कंसल्टेंट और 8 फ्लैट ठेकेदार ने खुद ही आवंटित करवा लिए हैं. योजना के तहत तैयार थ्री बीएचके फ्लैट पहले आओ, पहले पायो के सिद्धांत पर आवंटित किए गए थे, लेकिन यह जांच का विषय है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में फ्लैट क्यों और कैसे आवंटित करवा लिए गए. इस मामले में इंदौर महापौर पुष्पमित्र भार्गव का कहना है "जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.