इंदौर: शहर के एक कलाकार ने अपनी कलाकारी दिखाते हुए पीतल से पुरानी संसद भवन की प्रतिकृति बनाई है. कलाकार एडवोकेट लोकेश मंगल ने बताया कि उन्हें इसकी प्रेरणा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिली थी. इस प्रतिकृति का उद्देश्य मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरुकता लाना है. बता दें कि एडवोकेट लोकेश मंगल इससे पूर्व पीतल का संविधान भी तैयार किया था, जिसकी काफी चर्चा भी रही.
कड़ी मेहनत और बारीकी से किया तैयार
एडवोकेट लोकेश मंगल बताते हैं कि इसे तैयार करने में काफी मेहनत करनी पड़ी है. इसमें 2 फीट का संविधान सभागृह तैयार किया गया है. जिसमें 6 एमएम के 1 फीट साइज के 144 खंभे लगाए गए हैं. इसमें ऊपर 4 रिंग और शिखर बनाया गया है. इसके साथ ही राज्यसभा, लोकसभा और सेंट्रल हॉल तीनों बनाए गए हैं. इसमें पूरा काम वेल्डिंग से किया गया है. इसका पूरा वजन करीब 35 किलो है.
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लोगों का भी रहा है अहम योगदान
लोकेश मंगल की इस पहल पर 40 अलग-अलग क्षेत्र के लोगों ने इस सभागृह को बनाने में अपना योगदान दिया है. लोगों ने उन्हें पीतल देकर उनका सहयोग किया है. बता दें कि इससे पहले एडवोकेट लोकेश ने 22 किलो पीतल से संविधान की प्रति भी तैयार की थी. इसमें लेखनी सहित अन्य काम भी पीतल पर ही हुआ था.