इंदौर। शहर में 12 जनवरी को इंदौर जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि विजयनगर क्षेत्र में वात्सल्यपुरम नामक संस्था अनाथ बच्चियों को रखे है. ये संस्था बिना अनुमति के चलाई जा रही थी. जिसका जेजे एक्ट के तहत पंजीयन भी नहीं है. जिला प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि इस संस्था में मध्य प्रदेश के अलावा उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मुंबई एवं अन्य जिलों की 21 नाबालिग बच्चियों रहती हैं. इनके साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएं हो रही थीं. इस पर कार्रवाई करते हुए इंदौर जिला प्रशासन ने वात्सल्यपुरम बाल गृह से बच्चियों का रेस्क्यू किया.
जांच में 4 बच्चियां लापता मिलीं
जांच के दौरान पाया गया कि बाल गृह में पंजीकृत 4 बच्चियों लापता हैं. इस दौरान हुई जांच में बालिकाओं से मारपीट, गर्म चिमटे से जलाना, निर्वस्त्र करना, खाना न देने जैसी घटनाएं हुईं. इसके बाद संस्था के खिलाफ विजयनगर थाने में विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया था. जूनी इंदौर के एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि संस्था ने हॉस्टल की आड़ में अनाथ बच्चों का लेन-देन करती थी. इसके साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं. संस्था द्वारा शासन के खिलाफ उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई गई थी.
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जिला प्रशासन ने की थी कार्रवाई
इसके बाद न्यायालय ने संस्था को कोई अंतरिम राहत नहीं देते हुए 17 जनवरी 2024 से नियमित सुनवाई का आदेश प्रदान किया था. 23 जनवरी को न्यायालय ने संस्था की याचिका को निरस्त करते हुए कहा कि ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध कार्रवाई उचित है. बता दें कि इस संस्था पर कार्रवाई जूनी इंदौर के एसडीएम घनश्याम धनगर के नेतृत्व में सीडीपीओ दिनेश मिश्रा, डीपीओ ममता चौधरी एवं बाल कल्याण समिति की सदस्य संगीता चौधरी ने गत 12 जनवरी को की थी. अभी इस संबंध में जांच चल रही है. बताया जा रहा है कि इस संस्था के राजस्थान एवं अन्य राज्यों में भी बाल गृह संचालित हो रहे हैं.