इंदौर (PTI)। इंदौर निगम में फर्जी बिल लगाकर किए गए घोटाले की जांच जारी है. अब नया खुलासा हुआ है कि जलनिकासी की लाइन बिछाने के नाम पर ठेकेदारों ने 58 करोड़ रुपये फर्जी बिल लगाए हैं. ठेकेदारों ने जलनिकासी लाइनें बिछाए बिना ही इंदौर नगर निगम में ये बिल लगा दिए. पुलिस ने जांच में पाया कि नगर निगम में लगभग 58 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश किए गए. इन बिलों के एवज में 34 करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया.
58 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश किए
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जल निकासी लाइनें बिछाए बिना इंदौर नगर निगम को लगभग 58 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश किए गए. पुलिस के अनुसार इस मामले में अब तक पांच सरकारी कर्मचारियों और 6 ठेकेदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार पांडे ने संवाददाताओं को बताया "अब तक की जांच से पता चला है कि ठेकेदारों ने जल निकासी लाइनें बिछाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया है. मामले की अभी जांच जारी है."
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फरार 5 ठेकदारों की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार आरोपियों के बैंक खातों में जमा की गई 70 लाख रुपये की राशि जब्त कर ली गई है और कुर्की की कार्रवाई के लिए उनकी संपत्तियों का विवरण एकत्र किया जा रहा है. 12 सदस्यीय पुलिस टीम आरोपियों के अन्य बैंक खातों और लॉकरों की भी जांच कर रही है. फर्जी बिल घोटाले में अब तक कार्यकारी अभियंता सहित 5 कर्मचारियों और 6 ठेकेदारों को गिरफ्तार किया गया है. 5 अन्य फरार ठेकेदारों की तलाश जारी है.