इंदौर: भोपाल में हुई दुनिया की सबसे भीषण यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी में बचे कचरे को जहां धार के पीथमपुर में जलाने की तैयारी हो गई है. वहीं, पीथमपुर के आम लोगों के बाद अब इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए पीथमपुर में कचरा जलाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
कचरे को पीथमपुर में जलाना उचित नहीं
मंगलवार को इंदौर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, ''जब सरकार खुद ही यूनियन कार्बाइड के इंडस्ट्रियल वेस्ट को जलाने संबंधी दुष्प्रभाव का एफिडेविट दे चुकी है, तो फिर कचरे को पीथमपुर में जलाने का फैसला उचित नहीं है, इस मामले में हम पीथमपुर की जनता के साथ खड़े हैं.''
भोपाल से पीथमपुर ले जाया जा रहा कचरा
दरअसल हाईकोर्ट के आदेश पर बीते 40 सालों से बंद पड़े यूनियन कार्बाइड के परिसर के दूषित कचरे को निपटान के लिए भोपाल से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 250 किलोमीटर दूर इंदौर के पास पीथमपुर ले जाया जा रहा है. इसको लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, "इस मामले पर गंभीरता से पुनर्विचार की आवश्यकता है. शासन स्तर के अधिकारियों से चर्चा करके इस प्रक्रिया पर रोक लगाने और न्यायालय से इस विषय पर पुनर्विचार की अपील की जा सकती है.''
पीथमपुर की जनता और पर्यावरण का रखें ख्याल
महापौर ने बताया कि, ''पहले भोपाल गैस त्रासदी का कचरा गुजरात में जलने वाला था, लेकिन विरोध के बाद कैंसिल हुआ. इसके बाद जर्मनी में कहीं जलाने व भेजने की बात आई थी, इसका भी विरोध के बाद वहां ले जाना कैंसिल हो गया. इस बार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पीथमपुर में कचरे को नष्ट किया जाना है, लेकिन वहां की जनता और पर्यावरण को देखते हुए पुनः विचार किया जाना चाहिए.''
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महापौर ने कहा, ''मध्य प्रदेश सरकार खुद शपथ पत्र दे चुकी है कि, जो इंडस्ट्रियल वेस्ट नष्ट किया गया था वह इंडस्ट्रियल था टॉक्सिक नहीं था. अब क्योंकि यह फैसला न्यायालय के आदेश पर हुआ है, इसलिए इस मामले में पुनर्विचार कर पीथमपुर के हित में सोचना जरूरी है क्योंकि वहां पहले से ही इंडस्ट्रीज हैं.''
फैसले पर पुनर्विचार जरूरी
उन्होंने कहा, ''कचरा जलाने के बाद पर्यावरण पर जो प्रभाव पड़ा है उसकी स्टडी के आधार पर पुनः इस पर कोई निर्णय माननीय न्यायालय से लिया जाना चाहिए और पीथमपुर के लोगों का पक्ष भी सुना जाना चाहिए. इसके अलावा जो इसके औद्योगिक दुष्प्रभाव बताए गए हैं, यदि वह जलता है तो ऐसे मामले में इस फैसले पर पुनर्विचार जरूर करना चाहिए.'' बता दें कि पीथमपुर के लोग यहां कचरा जलाए जाने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि, पीथमपुर भोपाल का कचरा डम्प नहीं बनेगा. जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलने नहींं देंगे.