इंदौर. क्राइम ब्रांच (Indore crime branch) ने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले कथित सीईओ को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से करोड़ों रु की धोखाधड़ी कर फरार हो गया था. आरोपी द्वारा 20 से ज्यादा लोगों को एक परसेंट प्रतिदिन और 10 माह में तीन गुना का अधिक प्रॉफिट देने जैसे झूठे वादे कर फर्जीवाड़ा किया.
बंगाल की महिला ने की पहली शिकायत
डीसीपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि पश्चिम बंगाल की रहने वाली लक्ष्मी शर्मा नामक महिला द्वारा शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट (Crypto Currency Investment) के नाम पर क्रिप्टो स्टेट नाम की कंपनी में निवेश किया था. खुद को कंपनी का सीईओ बताने वाले डॉक्टर निरंजन प्रधान द्वारा प्रतिदिन एक परसेंट और 10 माह में चार गुना अधिक प्रॉफिट कमाने का लालच देकर 8 लाख से ज्यादा अपनी फर्म में डलवा लिए थे. क्राइम ब्रांच ने जब जांच शुरु की आरोपी के खिलाफ कई और शिकायतें आने लगीं.
20 से ज्यादा लोगों को करोड़ों का चूना
जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी द्वारा 20 से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है. जब क्राइम ब्रांच ने पूरे मामले की छानबीन शुरू की तो उसमें यह पता चला कि क्रिप्टो स्ट्रीट नामक कोई कंपनी है ही नहीं. इस फर्जी कंपनी को इंदौर से संचालित कर देश के विभिन्न राज्यों में सोशल मीडिया से प्रमोट किया जा रहा था और झांसे में आकर लोग इसमें इन्वेस्ट भी कर रहे थे.
रिटायर्ड मिलिट्री कर्मचारी बताकर लेता था झांसे में
वहीं खुद को कंपनी का सीईओ तो कभी रिटायर्ड मिलिट्री कर्मचारी बताने वाले डॉक्टर निरंजन प्रधान निवासी महू को क्राइम ब्रांच ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी खुद को रिटायर्ड मिलिट्री का कर्मचारी बताकर लोगों को झांसे में लेता था और निवेश के नाम पर लाखों रुपए अपने खाते में डलवा लेता था. फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है. वहीं पकड़े गए आरोपी ने इंदौर के साथ ही मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों में भी इसी तरह से धोखाधड़ी की वारदातों का अंजाम दिया है.