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कमल की खुशबू से महका लोटस वैली, फूलों से गुलजार होगी घर-घर दीपावली

इंदौर के लोटस वैली में कमल के फूलों की बहार है. दिवाली पर माता लक्ष्मी को चढ़ाने लोग यहां से फूल खरीद रहे हैं.

indore Gulavat village
कमल की खुशबू से महका लोटस वैली (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

इंदौर: कमल के फूल पर विराजने वाली महालक्ष्मी की पूजा के लिए दीपावली पर कमल के पुष्प का खास महत्व है. यही वजह है कि दिवाली के दिन मुख्य पूजा में कमल के फूल की विशेष मांग होती है. प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में लोटस वैली नामक छोटा सा पर्यटन स्थल शहर के श्रद्धालुओं के लिए दीपावली पर सौगात से कम नहीं है. दरअसल यहां यशवंत सागर तालाब के बैक वॉटर में हजारों की संख्या में कमल खिलते हैं, जो इस दीपावली पर भी घर-घर में माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाएंगे.

लोटस वैली के नाम से मशहूर गुलावट गांव
दरअसल, इंदौर से 20 किलोमीटर दूर मौजूद यशवंत सागर के बैकवॉटर और प्राकृतिक सुंदरता के कारण स्थानीय गुलावट गांव तलहटी में उगने वाले कमल के फूलों के कारण लोटस वैली के नाम से चर्चित हो चुका है. यहां पानी में उगने वाले गुलाबी कमल हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. प्रतिदिन ही सुबह हजारों की तादाद में यहां कमल खिलते हैं जिन्हें देखने अब लोग दूर-दूर से आते हैं. दीपावली के अवसर पर यही कमल अब घर-घर की दीपावली को आस्था से रोशन कर रहे हैं.

लोटस वैली में खिले फूल (ETV Bharat)

सुबह से फूल तोड़ने में जुट जाते हैं ग्रामीण
इन दिनों प्रतिदिन क्षेत्र के करीब 30 केवट परिवार के लोग अपनी अपनी नाव से सुबह से शाम तक कमल के फूल तोड़कर दीपावली के लिए बाजार भिजवा रहे हैं. सुबह होते ही खिले हुए कमल एकत्र करने के लिए अलग-अलग क्षेत्र में से यह लोग सपरिवार कमल तोड़ते हैं और फिर उन्हें खास तरह की पैकिंग के साथ इंदौर के बाजार में बेचते हैं. गुलावट के कमल अब फूल मंडी में भी जा रहे हैं, जो प्रति नग पांच रुपए से ₹10 के भाव से बिक रहे हैं. हालांकि दीपावली के दिन एक कमल यहां ₹20 के भाव तक बिक जाता है.

फूलों से एक दिन में 5000 की कमाई
यहां से सैकड़ों की तादात में रोज फूल तोड़कर बेचने वाले विजय खत्री बताते हैं कि, ''यहां कमल के फूल नैसर्गिक रूप से खिलते हैं. जिन्हें पहले एकत्र करना पड़ता है फिर मंडी में बेचा जाता है. प्रतिदिन फूल तोड़ने वाला परिवार 1 दिन में 1000 तक फूल तोड़ लेता है. जिससे प्रतिदिन करीब ₹5000 तक की कमाई हो जाती है. इसके अलावा सीजन में यहां लोग 25 से ₹50000 के फूल बेच लेते हैं.''

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फूल बताते हैं साल भर की किस्मत, दिवाली पर नहीं जलता दीप, फूलों से 15 दिन झकास उजाला

गुलावट के विकास की कार्य योजना बनेगी
अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाले गुलावट गांव को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक, ''इंदौर जिले के गुलावट गांव के अलावा जना पाव और उज्जैनी में नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके लिए जल्द कार्य योजना बनाई जाएगी.'' उन्होंने कहा, ''इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है, इसलिए गुलावट का खास महत्व है.''

इंदौर: कमल के फूल पर विराजने वाली महालक्ष्मी की पूजा के लिए दीपावली पर कमल के पुष्प का खास महत्व है. यही वजह है कि दिवाली के दिन मुख्य पूजा में कमल के फूल की विशेष मांग होती है. प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में लोटस वैली नामक छोटा सा पर्यटन स्थल शहर के श्रद्धालुओं के लिए दीपावली पर सौगात से कम नहीं है. दरअसल यहां यशवंत सागर तालाब के बैक वॉटर में हजारों की संख्या में कमल खिलते हैं, जो इस दीपावली पर भी घर-घर में माता लक्ष्मी को अर्पित किए जाएंगे.

लोटस वैली के नाम से मशहूर गुलावट गांव
दरअसल, इंदौर से 20 किलोमीटर दूर मौजूद यशवंत सागर के बैकवॉटर और प्राकृतिक सुंदरता के कारण स्थानीय गुलावट गांव तलहटी में उगने वाले कमल के फूलों के कारण लोटस वैली के नाम से चर्चित हो चुका है. यहां पानी में उगने वाले गुलाबी कमल हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. प्रतिदिन ही सुबह हजारों की तादाद में यहां कमल खिलते हैं जिन्हें देखने अब लोग दूर-दूर से आते हैं. दीपावली के अवसर पर यही कमल अब घर-घर की दीपावली को आस्था से रोशन कर रहे हैं.

लोटस वैली में खिले फूल (ETV Bharat)

सुबह से फूल तोड़ने में जुट जाते हैं ग्रामीण
इन दिनों प्रतिदिन क्षेत्र के करीब 30 केवट परिवार के लोग अपनी अपनी नाव से सुबह से शाम तक कमल के फूल तोड़कर दीपावली के लिए बाजार भिजवा रहे हैं. सुबह होते ही खिले हुए कमल एकत्र करने के लिए अलग-अलग क्षेत्र में से यह लोग सपरिवार कमल तोड़ते हैं और फिर उन्हें खास तरह की पैकिंग के साथ इंदौर के बाजार में बेचते हैं. गुलावट के कमल अब फूल मंडी में भी जा रहे हैं, जो प्रति नग पांच रुपए से ₹10 के भाव से बिक रहे हैं. हालांकि दीपावली के दिन एक कमल यहां ₹20 के भाव तक बिक जाता है.

फूलों से एक दिन में 5000 की कमाई
यहां से सैकड़ों की तादात में रोज फूल तोड़कर बेचने वाले विजय खत्री बताते हैं कि, ''यहां कमल के फूल नैसर्गिक रूप से खिलते हैं. जिन्हें पहले एकत्र करना पड़ता है फिर मंडी में बेचा जाता है. प्रतिदिन फूल तोड़ने वाला परिवार 1 दिन में 1000 तक फूल तोड़ लेता है. जिससे प्रतिदिन करीब ₹5000 तक की कमाई हो जाती है. इसके अलावा सीजन में यहां लोग 25 से ₹50000 के फूल बेच लेते हैं.''

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गुलावट के विकास की कार्य योजना बनेगी
अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए पहचाने जाने वाले गुलावट गांव को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक, ''इंदौर जिले के गुलावट गांव के अलावा जना पाव और उज्जैनी में नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके लिए जल्द कार्य योजना बनाई जाएगी.'' उन्होंने कहा, ''इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है, इसलिए गुलावट का खास महत्व है.''

Last Updated : 2 hours ago
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