इंदौर: मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते महानगरों से सटे शहरों में भी विकास की गति तेज करने के लिए आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार अब महानगर यानि की मेट्रोपॉलिटन सिटी तैयार करने जा रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को इंदौर में काबुली चना ट्रेडर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में प्रदेश की पहली मेट्रोपॉलिटन सिटी तैयार करने की औपचारिक घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा, ''जल्द ही मध्य प्रदेश में इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी विकसित की जाएगी.''
काबुली चना ट्रेडर्स एसोसिएशन का सम्मेलन
सीएम डॉ. मोहन यादव इंदौर में काबुली चना ट्रेडर्स एसोसिएशन के पहला वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने चना व्यापारियों और ट्रेडर्स समेत लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ''मेट्रोपॉलिटन सिटी तैयार होने से न केवल पूरे क्षेत्र की व्यवसाय गतिविधियों का विस्तार होगा बल्कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ''तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
आज इंदौर में आयोजित काबुली चना ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रथम वार्षिक सम्मेलन में सहभागिता की।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 24, 2024
इस अवसर पर कैबिनेट में साथी श्री तुलसी सिलावट जी, सांसद श्री शंकर लालवानी जी, विधायक गोलू शुक्ला जी सहित अन्य गणमान्य पदाधिकारी गण मौजूद रहे।@tulsi_silawat @iShankarLalwani… pic.twitter.com/Mn53vNedCk
इंदौर-उज्जैन में बनेगी मेट्रोपॉलिटन सिटी
दरअसल मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम को शेरेटन ग्रैंड होटल में आयोजित काबुली चना संगठन के कार्यक्रम में कहा, ''इंदौर और उज्जैन अब अलग नहीं हैं, दोनों के बीच मात्र 32 किलोमीटर की दूरी है. इसलिए आने वाले समय में वाणिज्यिक और व्यापारिक दृष्टि से इन दोनों शहरों का भविष्य उज्जवल है.'' उन्होंने कहा, ''इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी का रूप दिया जाएगा."' उन्होंने व्यापारियों को मध्य प्रदेश में आकर व्यापार करने का आमंत्रण भी दिया.
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काबुली चना ही नहीं कबूल भी हमारा होगा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने काबुली चना से स्टॉक लिमिट हटाए जाने की घोषणा को दोहराते हुए कहा, ''मुझे पता चला है कि 7 से ज्यादा देशों में हमारे यहां का काबुली चना एक्सपोर्ट किया जाता है. काबुली नाम भले काबुल से होगा लेकिन वह चना तो इंदौरी है, यह बात हमारे लिए आनंद का विषय है सिर्फ नाम काबुली है तो आज नहीं तो कल काबूल भी हमारा होगा. काबुली चना आज भी हमारा है कल भी हमारा ही रहेगा. इस बात के लिए मैं काबुली चने के उत्पादकों को बधाई देता हूं.''