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IIT इंदौर की नई खोज गोबर ब्रिक: घर होंगे ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल्ड, गर्मियों में सूपर कूल तो सर्दियों में हॉट - IIT INDORE GOBAIR INNOVATION - IIT INDORE GOBAIR INNOVATION

IIT इंदौर ने पहली बार गाय के गोबर से नवाचार किया है. गोबर आधारित प्राकृतिक फोमिंग एजेंट विकसित किया है. जिसे GOBAIR नाम दिया गया है. इसका फायदा यह है कि यह थर्मल इन्सुलेशन को बेहतर बनाता है. यह नया उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक है.

COW DUNG BASED NATURAL FOAMING
गाय के गोबर से किया गया विकसित
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 1:58 PM IST

Updated : Apr 3, 2024, 6:58 PM IST

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर ने पहली बार गोबर आधारित प्राकृतिक फोमिंग एजेंट विकसित किया है. जिसका नाम GOBAIR है, जिसे जब कंक्रीट जैसी आधुनिक निर्माण सामग्री में मिलाया जाता है तो यह हल्का हो जाता है. थर्मल इन्सुलेशन को बेहतर बनाता है और इसकी लागत कम हो जाती है. यह नवाचार गाय के गोबर की प्राकृतिक शीतलता को एकीकृत करता है और गर्मियों के दौरान घरों को ठंडा और सर्दियों के दौरान गर्म रखने में मदद कर सकता है. यह उत्पाद मार्केट में उपलब्ध रासायनिक-आधारित फोमिंग एजेंटों की तुलना में कहीं अधिक पर्यावरण हितैषी और किफ़ायती है.

गाय के गोबर से किया गया विकसित

यह प्रौद्योगिकी आईआईटी के प्रोफेसर संदीप चौधरी और उनके पीएचडी छात्र संचित गुप्ता द्वारा विकसित की गई है. प्रोफेसर संदीप चौधरी ने बताया कि "हम गाय के गोबर से अधिक आय उत्पन्न करने और आवारा पशुओं के प्रबंधन में गौशालाओं की सहायता करने के तरीकों और साधनों पर काम कर रहे थे. इस तरह GOBAIR विकसित किया गया. GOBAIR हल्के कंक्रीट को सक्षम बनाता है जिसे व्यावसायिक रूप से उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री की तुलना में लगभग 24% कम लागत पर उत्पादित किया जा सकता है. यह उत्पाद बाजार में उपलब्ध लाल मिट्टी की ईंटों और फ्लाई ऐश ईंटों की तुलना में अधिक किफायती और गुण प्रदर्शित कर रहा है. यदि फायदे का मौद्रिक मूल्य में आकलन किया जाए तो गाय के गीले गोबर से होने वाली आय मौजूदा मूल्य 1 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 4 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो सकती है".

Indore IIT GOBAIR
आईआईटी इंदौर गोबर से नवाचार

पर्यावरण के लिए होगा अनुकूल

निर्माण के लिए टिकाऊ सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए GOBAIR को कंक्रीट ईंटों, टाइलों और ब्लॉकों में मिलाया जा सकता है. GOBAIR का उपयोग पर्यावरण के अधिक अनुकूल होगा और जीआरईएचए (GRIHA), एलईईडी (LEED) और आईजीबीसी (IGBC) जैसी हरित भवन रेटिंग में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा.

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नई प्रौद्योगिकी के लिए पेटेंट फाइल

टीम वर्तमान में एक विनिर्देश तालिका विकसित करने पर काम कर रही है जिसे निर्माण उद्योग कंक्रीट में GOBAIR जोड़ने के लिए तैयार संदर्भ के रूप में उपयोग कर सकता है. इसके बाद उत्पाद को आसान पहुंच के लिए दरों की अनुसूची के तहत सूचीबद्ध करने के लिए आगे बढ़ाया जाएगा. टीम GOBAir से बने भवन निर्माण उत्पादों के हरित उत्पाद प्रमाणन के लिए आईजीबीसी (IGBC) के भी संपर्क में है. इसके साथ इस नई प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट पहले ही फाइल किया जा चुका है.

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर ने पहली बार गोबर आधारित प्राकृतिक फोमिंग एजेंट विकसित किया है. जिसका नाम GOBAIR है, जिसे जब कंक्रीट जैसी आधुनिक निर्माण सामग्री में मिलाया जाता है तो यह हल्का हो जाता है. थर्मल इन्सुलेशन को बेहतर बनाता है और इसकी लागत कम हो जाती है. यह नवाचार गाय के गोबर की प्राकृतिक शीतलता को एकीकृत करता है और गर्मियों के दौरान घरों को ठंडा और सर्दियों के दौरान गर्म रखने में मदद कर सकता है. यह उत्पाद मार्केट में उपलब्ध रासायनिक-आधारित फोमिंग एजेंटों की तुलना में कहीं अधिक पर्यावरण हितैषी और किफ़ायती है.

गाय के गोबर से किया गया विकसित

यह प्रौद्योगिकी आईआईटी के प्रोफेसर संदीप चौधरी और उनके पीएचडी छात्र संचित गुप्ता द्वारा विकसित की गई है. प्रोफेसर संदीप चौधरी ने बताया कि "हम गाय के गोबर से अधिक आय उत्पन्न करने और आवारा पशुओं के प्रबंधन में गौशालाओं की सहायता करने के तरीकों और साधनों पर काम कर रहे थे. इस तरह GOBAIR विकसित किया गया. GOBAIR हल्के कंक्रीट को सक्षम बनाता है जिसे व्यावसायिक रूप से उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री की तुलना में लगभग 24% कम लागत पर उत्पादित किया जा सकता है. यह उत्पाद बाजार में उपलब्ध लाल मिट्टी की ईंटों और फ्लाई ऐश ईंटों की तुलना में अधिक किफायती और गुण प्रदर्शित कर रहा है. यदि फायदे का मौद्रिक मूल्य में आकलन किया जाए तो गाय के गीले गोबर से होने वाली आय मौजूदा मूल्य 1 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 4 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो सकती है".

Indore IIT GOBAIR
आईआईटी इंदौर गोबर से नवाचार

पर्यावरण के लिए होगा अनुकूल

निर्माण के लिए टिकाऊ सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए GOBAIR को कंक्रीट ईंटों, टाइलों और ब्लॉकों में मिलाया जा सकता है. GOBAIR का उपयोग पर्यावरण के अधिक अनुकूल होगा और जीआरईएचए (GRIHA), एलईईडी (LEED) और आईजीबीसी (IGBC) जैसी हरित भवन रेटिंग में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा.

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नई प्रौद्योगिकी के लिए पेटेंट फाइल

टीम वर्तमान में एक विनिर्देश तालिका विकसित करने पर काम कर रही है जिसे निर्माण उद्योग कंक्रीट में GOBAIR जोड़ने के लिए तैयार संदर्भ के रूप में उपयोग कर सकता है. इसके बाद उत्पाद को आसान पहुंच के लिए दरों की अनुसूची के तहत सूचीबद्ध करने के लिए आगे बढ़ाया जाएगा. टीम GOBAir से बने भवन निर्माण उत्पादों के हरित उत्पाद प्रमाणन के लिए आईजीबीसी (IGBC) के भी संपर्क में है. इसके साथ इस नई प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट पहले ही फाइल किया जा चुका है.

Last Updated : Apr 3, 2024, 6:58 PM IST
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