ETV Bharat / state

इस बार होली के रंग हर्बल संग, इंदौर में टेसू के फूलों से तैयार हो रहे गुलाल - indore herbal colored holi

एमपी के इंदौर में हर बार की तरह इस बार भी हर्बल रंगों से होली खेली जाएगी. वन विभाग टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार कर रहा है. जो नो प्रॉफिट नो लॉस की दर से उपलब्ध कराई जाएगी.

INDORE HERBAL COLORED HOLI
इस बार होली के रंग हर्बल संग, इंदौर में टेसू के फूलों से तैयार हो रहे गुलाल
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 3:58 PM IST

इंदौर में टेसू के फूलों से तैयार हो रहे गुलाल

इंदौर। लोग बेसब्री से रंगो के त्योहार का इंतजार कर रहे हैं. चार दिन बाद यानि की 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा. इस मौके पर लोग गिले-शिकवे भूलकर रंगों के इस त्योहार में घुल मिल जाते हैं. वहीं होली पर केमिकल से बने रंगों के नुकसान से बचने के लिए इंदौर वन विभाग ने टेसू के फूल से रंग और गुलाल तैयार किए हैं. इंदौर में इसी रंग से होली खेली जाएगी. फिलहाल वन विभाग ने इस प्राकृतिक रंग को नो लॉस नो प्रॉफिट के आधार पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है.

नो प्रॉफिट नो लॉस की दर से उपलब्ध

इंदौर की चोरल वन मंडल रेंज में वर्ष 2020-21 से तैयार हो रहा टेसू के फूलों का गुलाल, अब देश के विभिन्न शहरों में भी खासा लोकप्रिय हो रहा है. इस साल भी इस रंग को दिल्ली समेत भोपाल भेजने की डिमांड वन विभाग के पास आ रही थी. हालांकि इंदौर वन मंडल ने चोरल रेंज की वन समितियां के माध्यम से पहले इसे इंदौर में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है. इंदौर के वन मंडल अधिकारी सोलंकी के मुताबिक टेसू के फूलों से तैयार किया गया रंग और गुलाल ₹30 की दर में 100 ग्राम के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है. जो नो लॉस नो प्रॉफिट की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है.

टेसू के रंगों से त्वचा को नहीं होता नुकसान

गौरतलब है इसके पूर्व भी इंदौर वन मंडल रेंज द्वारा दिल्ली और भोपाल जो गुलाल भेजा गया था. उससे वन समिति को ₹50000 की आय हुई थी. इस वर्ष तैयार किया गया रंग और गुलाल की बिक्री फिलहाल इंदौर में वन विभाग के परिसर में स्टॉल लगाकर शुरू की है. गौरतलब है टेसू के फूल से बने रंग और गुलाल की लगातार डिमांड बढ़ने के कारण वन विभाग ने इसे तैयार करने की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की है. इस यूनिट के लिए बीते 15 दिनों से देश के पेड़ों से गिरने वाले फूल को एकत्र किया जा रहा था. जिसे वन समितियां से क्रय करने के बाद प्रोसेस करने के पश्चात तैयार किया गया है. जो प्राकृतिक रूप से शुद्ध एवं त्वचा के लिए किसी भी प्रकार की हानि से बचाने वाला भी है.

यहां पढ़ें...

करें खुशियों के रंग से सराबोर करने वाली होली की तैयारी, पर चंद्र ग्रहण के चलते शुभ मुहूर्त का रखें विशेष ध्यान

होलिका दहन और रंग वाली होली के शुभ मुहुर्त पर है कंफ्यूजन, जानें भद्रा काल-दहन की सटीक टाइमिंग

मौसम की भविष्यवाणी: साल 2024 में भारी अकाल या भीषण बाढ़, जलती होलिका से होगा खुलासा

बाजारों में केमिकल युक्त होली

वैसे तो बाजारों में जो कलर इन दिनों मिल रहे हैं, वो केमिकल युक्त हैं और ये रंग स्किन को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इसी को लेकर वन विभाग प्रतिवर्ष होली पर हर्बल गुलाल बनाते हैं और उसको प्रमोट किया जाता है. साथ ही लोगों से होली सूखी खेलने और पानी का बचाव करने की अपील भी वन विभाग द्वारा की जाती है. वन विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल को फिलहाल अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग इन टेसू के फूलों से बने हर्बल गुलाल को लेने के लिए पहुंच रहे है.

इंदौर में टेसू के फूलों से तैयार हो रहे गुलाल

इंदौर। लोग बेसब्री से रंगो के त्योहार का इंतजार कर रहे हैं. चार दिन बाद यानि की 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा. इस मौके पर लोग गिले-शिकवे भूलकर रंगों के इस त्योहार में घुल मिल जाते हैं. वहीं होली पर केमिकल से बने रंगों के नुकसान से बचने के लिए इंदौर वन विभाग ने टेसू के फूल से रंग और गुलाल तैयार किए हैं. इंदौर में इसी रंग से होली खेली जाएगी. फिलहाल वन विभाग ने इस प्राकृतिक रंग को नो लॉस नो प्रॉफिट के आधार पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है.

नो प्रॉफिट नो लॉस की दर से उपलब्ध

इंदौर की चोरल वन मंडल रेंज में वर्ष 2020-21 से तैयार हो रहा टेसू के फूलों का गुलाल, अब देश के विभिन्न शहरों में भी खासा लोकप्रिय हो रहा है. इस साल भी इस रंग को दिल्ली समेत भोपाल भेजने की डिमांड वन विभाग के पास आ रही थी. हालांकि इंदौर वन मंडल ने चोरल रेंज की वन समितियां के माध्यम से पहले इसे इंदौर में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया है. इंदौर के वन मंडल अधिकारी सोलंकी के मुताबिक टेसू के फूलों से तैयार किया गया रंग और गुलाल ₹30 की दर में 100 ग्राम के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है. जो नो लॉस नो प्रॉफिट की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है.

टेसू के रंगों से त्वचा को नहीं होता नुकसान

गौरतलब है इसके पूर्व भी इंदौर वन मंडल रेंज द्वारा दिल्ली और भोपाल जो गुलाल भेजा गया था. उससे वन समिति को ₹50000 की आय हुई थी. इस वर्ष तैयार किया गया रंग और गुलाल की बिक्री फिलहाल इंदौर में वन विभाग के परिसर में स्टॉल लगाकर शुरू की है. गौरतलब है टेसू के फूल से बने रंग और गुलाल की लगातार डिमांड बढ़ने के कारण वन विभाग ने इसे तैयार करने की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की है. इस यूनिट के लिए बीते 15 दिनों से देश के पेड़ों से गिरने वाले फूल को एकत्र किया जा रहा था. जिसे वन समितियां से क्रय करने के बाद प्रोसेस करने के पश्चात तैयार किया गया है. जो प्राकृतिक रूप से शुद्ध एवं त्वचा के लिए किसी भी प्रकार की हानि से बचाने वाला भी है.

यहां पढ़ें...

करें खुशियों के रंग से सराबोर करने वाली होली की तैयारी, पर चंद्र ग्रहण के चलते शुभ मुहूर्त का रखें विशेष ध्यान

होलिका दहन और रंग वाली होली के शुभ मुहुर्त पर है कंफ्यूजन, जानें भद्रा काल-दहन की सटीक टाइमिंग

मौसम की भविष्यवाणी: साल 2024 में भारी अकाल या भीषण बाढ़, जलती होलिका से होगा खुलासा

बाजारों में केमिकल युक्त होली

वैसे तो बाजारों में जो कलर इन दिनों मिल रहे हैं, वो केमिकल युक्त हैं और ये रंग स्किन को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इसी को लेकर वन विभाग प्रतिवर्ष होली पर हर्बल गुलाल बनाते हैं और उसको प्रमोट किया जाता है. साथ ही लोगों से होली सूखी खेलने और पानी का बचाव करने की अपील भी वन विभाग द्वारा की जाती है. वन विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल को फिलहाल अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग इन टेसू के फूलों से बने हर्बल गुलाल को लेने के लिए पहुंच रहे है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.