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ड्राय फ्रूट्स को आंखें दिखाने लगा लहसुन, मंडी में ₹30000 प्रति क्विंटल भाव, किचन का रेट चेक करें - garlic prices hike - GARLIC PRICES HIKE

हर सब्जी में इस्तेमाल होने वाला लहसुन आम आदमी की पहुंच से दूर हो गया है. मंडी में आवक बहुत कम होने के कारण लहसुन 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि ये लहसुन है या ड्राय फ्रूट्स.

garlic prices hike
ड्राय फ्रूट्स को आंखें दिखाने लगा लहसुन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 3:26 PM IST

Updated : Aug 28, 2024, 3:50 PM IST

इंदौर। सब्जी का अभिन्न अंग और हर तरह के नमकीन व्यंजनों का जायका बढ़ाने वाला लहसुन अब ड्राई फ्रूट की श्रेणी में शुमार हो रहा है. आलम यह है कि उपज कम होने के कारण आवक घटने के चलते लहसुन के दाम थोक मंडियों में ही ₹30000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. फुटकर में लहसुन अब प्रति किलो 500 के भाव से बिक रहा है, जिसे खरीद पाना अब आम आदमी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है.

लहसुन के रेट सुनकर किसानों के होश उड़े (ETV BHARAT)

लहसुन की फसल खराब होने से उपज बहुत कम

दरअसल, इस बार लहसुन की फसल खराब हो गई. इस कारण उपज कम हो पाने के कारण प्रदेश की मंडियों में लहसुन सामान्य की तुलना में एक चौथाई मात्रा में भी नहीं आ पा रहा है. इंदौर की सबसे बड़ी चोइथराम फल सब्जी मंडी में प्रतिदिन 5000 से 8000 बोरी की लहसुन आ रहा है, जो मुंहमांगी कीमतों में हाथों-हाथ बिक रहा है. बीते सप्ताह से स्थित है यह है कि 17000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिकने वाला लहसुन अब ₹25000 से लेकर ₹30000 प्रति क्विंटल के भाव तक पहुंच रहा है. फिलहाल इंदौर के आसपास 100 किलोमीटर के क्षेत्र में लहसुन होने वाले जो किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, उनके पास भी सीमित मात्रा में लहसुन है.

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कीमत बढ़ने से किसानों को कोई लाभ नहीं

बता दें कि अधिकांश किसान सीजन के समय ही औसतन ₹7000 से लेकर ₹17000 क्विंटल के भाव से अपनी अधिकांश फसल बेच चुके हैं. यही वजह है कि किसानों को भी बढ़े दामों से ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. जिन किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में लहसुन है, वह जरूर बढ़ी कीमतों से पिछले कुछ सालों में हुए खेती के नुकसान की भरपाई की उम्मीद लगा रहे हैं. इधर, आलू प्याज मंडी सचिव प्रदीप गुरु बताते हैं "लहसुन की कीमतों में लगातार आ रहे उछाल के कारण ग्राहक अपनी जरूरत की तुलना में बहुत खरीद पा रहा है. मंडी से जो सब्जी विक्रेता सीमित मात्रा में लहसुन बेचने के लिए ले जा रहे हैं, वह भी लहसुन की महंगाई से परेशान हैं."

इंदौर। सब्जी का अभिन्न अंग और हर तरह के नमकीन व्यंजनों का जायका बढ़ाने वाला लहसुन अब ड्राई फ्रूट की श्रेणी में शुमार हो रहा है. आलम यह है कि उपज कम होने के कारण आवक घटने के चलते लहसुन के दाम थोक मंडियों में ही ₹30000 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. फुटकर में लहसुन अब प्रति किलो 500 के भाव से बिक रहा है, जिसे खरीद पाना अब आम आदमी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है.

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लहसुन की फसल खराब होने से उपज बहुत कम

दरअसल, इस बार लहसुन की फसल खराब हो गई. इस कारण उपज कम हो पाने के कारण प्रदेश की मंडियों में लहसुन सामान्य की तुलना में एक चौथाई मात्रा में भी नहीं आ पा रहा है. इंदौर की सबसे बड़ी चोइथराम फल सब्जी मंडी में प्रतिदिन 5000 से 8000 बोरी की लहसुन आ रहा है, जो मुंहमांगी कीमतों में हाथों-हाथ बिक रहा है. बीते सप्ताह से स्थित है यह है कि 17000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिकने वाला लहसुन अब ₹25000 से लेकर ₹30000 प्रति क्विंटल के भाव तक पहुंच रहा है. फिलहाल इंदौर के आसपास 100 किलोमीटर के क्षेत्र में लहसुन होने वाले जो किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं, उनके पास भी सीमित मात्रा में लहसुन है.

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कीमत बढ़ने से किसानों को कोई लाभ नहीं

बता दें कि अधिकांश किसान सीजन के समय ही औसतन ₹7000 से लेकर ₹17000 क्विंटल के भाव से अपनी अधिकांश फसल बेच चुके हैं. यही वजह है कि किसानों को भी बढ़े दामों से ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. जिन किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में लहसुन है, वह जरूर बढ़ी कीमतों से पिछले कुछ सालों में हुए खेती के नुकसान की भरपाई की उम्मीद लगा रहे हैं. इधर, आलू प्याज मंडी सचिव प्रदीप गुरु बताते हैं "लहसुन की कीमतों में लगातार आ रहे उछाल के कारण ग्राहक अपनी जरूरत की तुलना में बहुत खरीद पा रहा है. मंडी से जो सब्जी विक्रेता सीमित मात्रा में लहसुन बेचने के लिए ले जा रहे हैं, वह भी लहसुन की महंगाई से परेशान हैं."

Last Updated : Aug 28, 2024, 3:50 PM IST
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