इंदौर। आमतौर वेल एजुकेटेड पत्नी और अगर वह जॉब में है तो उसे भरण-पोषण भत्ता देने के आदेश फैमिली कोर्ट नहीं देती. लेकिन इंदौर कुटुंब न्यायालय ने एमबीए पास युवती को भरण पोषण भत्ता देने के आदेश पति को दिए. पीड़िता के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि एयरपोर्ट निवासी युवती का विवाह साल 2017 में परदेशीपुरा क्षेत्र के युवक से हुआ था. शादी के बाद से ही ससुरालजनों द्वारा युवती को प्रताड़ित किया जाने लगा. उसके पति के वैवाहिक संबंध में अनावश्यक दखल दिया जाना शुरू कर दिया. बेडरूम के पास ही लगे हाल में टीवी देखने के बहाने ससुर बैठा रहता था. पति को दरवाजा खोलकर सोने की हिदायत देता था.
ससुर ने अश्लील हरकतें की, बेडरूम में भी ताका-झांकी
युवती का कहना है कि ससुर द्वारा उसके बेडरूम में भी ताका-झांकी की जाती थी. कुछ दिनों बाद ससुर द्वारा पीड़िता के साथ अश्लील हरकत की जाने लगी. इस दौरान ससुरालजनों द्वारा पीड़िता से 20 लाख रूपये की दहेज की भी मांग की जाने लगी. पीड़िता को उसका पति कभी इंदौर में रखता तो कभी पुणे में. दहेज की मांग की पूर्ति नहीं होने पर 6 फरवरी 2021 को इंदौर के बस स्टैंड पर एक दिन उसका पति छोड़कर चला गया. इसके अलावा जबरदस्ती तलाक के कागजों पर साइन करने का दबाव बनाया. इससे पीड़िता डिप्रेशन में आ गई.
ALSO READ: पत्नी साथ ही नहीं रहना चाहती तो किसी भरण-पोषण की हकदार नहीं, फैमिली कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला पति के लिए पत्नी देगी भरण पोषण भत्ता, इंदौर फैमिली कोर्ट ने दिया आदेश |
वेल एजुकेटेड युवती भी भरण पोषण भत्ता की हकदार
लगातार अत्याचार सहने के बाद पीड़िता ने कुटुम्ब न्यायालय भरण पोषण के लिए आवेदन दिया. पीड़िता के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे न्यायालय में दलील पेश करते हुए कहा कि पीड़िता ससुरालजनों के अत्याचारों से परेशान होकर पति से अलग रह रही है. पीड़िता के पास एमबीए डिग्री होने के कारण उसे भरण पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता. इस प्रकार न्यायालय ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति को हर माह 12 हजार रुपये देने के आदेश दिए. इसके साथ ही न्यायालीन प्रक्रिया का खर्च भी पति को देना होगा.