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स्कूल माफिया के आगे शिक्षा विभाग बेबस, कॉपी-किताब और यूनीफॉर्म के नाम पर हो रही अवैध वसूली - Indore Extortion Name Of Book Dress

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 4:26 PM IST

Updated : Jun 22, 2024, 4:33 PM IST

इंदौर में कई बड़े और प्रतिष्ठित स्कूल हैं जिनमें बच्चों को पढ़ाना अभिभावकों का सपना होता है, लेकिन यहां अभिभावकों की जेब पर डाका डाला जाता है. स्कूल से ही कॉपी-किताब और ड्रेस लेने को मजबूर किया जाता है. साथ ही बाजार से अधिक कीमत में शिक्षण सामग्री दी जाती है.

INDORE EXTORTION NAME OF BOOK DRESS
नारायणा टेक्नो स्कूल से अधिकारियों ने जब्त की किताबें (ETV Bharat)

इंदौर। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही सभी स्कूलों में जहां पाठ्य पुस्तकें और स्कूल ड्रेस को लेकर मारामारी की स्थिति है. वहीं अधिकांश बड़े स्कूल तमाम निर्देशों का उल्लंघन कर अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों और अभिभावकों को स्कूल से ही शिक्षण सामग्री और स्कूल ड्रेस लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इन हालातों में परिजनों की शिकायत पर शहर के करीब आधा दर्जन स्कूलों की शिकायत जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग के पास पहुंची है. लिहाजा स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे तमाम स्कूलों के खिलाफ छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है.

निजी स्कूल किताब और ड्रेस के नाम पर कर रहे वसूली (ETV Bharat)

स्कूल से निकालने व कैरियर चौपट करने की देते हैं धमकी

प्रदेश के एजुकेशन हब इंदौर में अब कई नामचीन स्कूल भी अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्य पुस्तक, अभ्यास पुस्तिका और स्कूल ड्रेस स्कूल से ही दुगने और तिगुने दामों पर लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. जो अभिभावक स्कूल से महंगी कॉपी किताब और ड्रेस लेने की स्थिति में नहीं हैं. उनके बच्चों को स्कूल से निकलने से लेकर उनका कैरियर चौपट करने तक की धमकियां दी जा रही हैं.

नारायणा टेक्नो स्कूल से किताब कॉपियां जब्त

शहर के नारायणा ई टेक्नो स्कूल के खिलाफ ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग ने छापेमार कार्रवाई की है. नारायणा टेक्नो स्कूल से स्कूल द्वारा छापी गई पाठ्य पुस्तिकाएं और कॉपियां जब्त की हैं. जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास के मुताबिक शहर के करीब आधा दर्जन स्कूल ऐसे हैं जो अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों को स्कूल से ही कॉपी किताब और ड्रेस महंगी दरों पर लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जा रही है.

अभिभावकों पर स्कूल बनाता है दबाव

इंदौर के नारायणा टेक्नो स्कूल से स्कूल के नाम वाली पाठ्य पुस्तकों के अलावा अभ्यास पुस्तिकाएं मिली हैं. साथ ही पता चला है कि ड्रेस भी स्कूल प्रबंधन द्वारा तैयार करवाकर अभिभावकों को दिए जाते हैं. जो बच्चों को स्कूल से ही लेना जरूरी है. खास बात यह है कि इस तरह की शिक्षण सामग्री की राशि अभिभावकों से शिक्षा सत्र शुरू होते ही फीस के साथ ही वसूल की जा रही है. ऐसी स्थिति में अधिकांश अभिभावक स्कूल की शिकायत कर पाने की भी स्थिति में नहीं हैं.

स्कूल वाले कर रहे मनमानी

जिला शिक्षा अधिकारी व्यास के मुताबिक इस तरह के स्कूल न तो स्कूल शिक्षा विभाग की गाइडलाइन पूरी करने को तैयार हैं और ना ही जिला प्रशासन के निर्देश मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि छापे की कार्रवाई के दौरान भी विभाग की टीम को स्कूल वाले अंदर नहीं घुसने देते हैं. वहीं कार्रवाई करने पर अलग-अलग तरह से दबाव भी बनाया जाता है.

यहां पढ़ें...

ड्रेस और किताबों को लेकर निजी स्कूल नहीं कर सकते मनमानी, एक्शन की तैयारी में शिक्षा विभाग

जब बच्चों ने पुस्तक और स्कूल ड्रेस खरीद ली तब खुली प्रशासन की नींद, जबलपुर में 40 स्कूलों की जांच शुरू

पूरे मामले की जांच समिति कर रही है

उन्होंने कहा कि इंदौर जिला कलेक्टर के आदेश के बाद ऐसे तमाम स्कूलों के खिलाफ भारी भरकम राशि का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, नारायणा टेक्नो स्कूल के खिलाफ भी मामला जिला स्तरीय समिति को भेजा गया है. इस समिति के निर्णय के बाद पहली बार में करीब 2 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है, लेकिन यदि स्कूल प्रबंधन द्वारा यह गलती दोहराई तो इतनी ही राशि का भुगतान स्कूल को अर्थ दंड के रूप में फिर से करना पड़ सकता है.

इंदौर। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही सभी स्कूलों में जहां पाठ्य पुस्तकें और स्कूल ड्रेस को लेकर मारामारी की स्थिति है. वहीं अधिकांश बड़े स्कूल तमाम निर्देशों का उल्लंघन कर अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों और अभिभावकों को स्कूल से ही शिक्षण सामग्री और स्कूल ड्रेस लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इन हालातों में परिजनों की शिकायत पर शहर के करीब आधा दर्जन स्कूलों की शिकायत जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग के पास पहुंची है. लिहाजा स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे तमाम स्कूलों के खिलाफ छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है.

निजी स्कूल किताब और ड्रेस के नाम पर कर रहे वसूली (ETV Bharat)

स्कूल से निकालने व कैरियर चौपट करने की देते हैं धमकी

प्रदेश के एजुकेशन हब इंदौर में अब कई नामचीन स्कूल भी अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को पाठ्य पुस्तक, अभ्यास पुस्तिका और स्कूल ड्रेस स्कूल से ही दुगने और तिगुने दामों पर लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. जो अभिभावक स्कूल से महंगी कॉपी किताब और ड्रेस लेने की स्थिति में नहीं हैं. उनके बच्चों को स्कूल से निकलने से लेकर उनका कैरियर चौपट करने तक की धमकियां दी जा रही हैं.

नारायणा टेक्नो स्कूल से किताब कॉपियां जब्त

शहर के नारायणा ई टेक्नो स्कूल के खिलाफ ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग ने छापेमार कार्रवाई की है. नारायणा टेक्नो स्कूल से स्कूल द्वारा छापी गई पाठ्य पुस्तिकाएं और कॉपियां जब्त की हैं. जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास के मुताबिक शहर के करीब आधा दर्जन स्कूल ऐसे हैं जो अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों को स्कूल से ही कॉपी किताब और ड्रेस महंगी दरों पर लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जा रही है.

अभिभावकों पर स्कूल बनाता है दबाव

इंदौर के नारायणा टेक्नो स्कूल से स्कूल के नाम वाली पाठ्य पुस्तकों के अलावा अभ्यास पुस्तिकाएं मिली हैं. साथ ही पता चला है कि ड्रेस भी स्कूल प्रबंधन द्वारा तैयार करवाकर अभिभावकों को दिए जाते हैं. जो बच्चों को स्कूल से ही लेना जरूरी है. खास बात यह है कि इस तरह की शिक्षण सामग्री की राशि अभिभावकों से शिक्षा सत्र शुरू होते ही फीस के साथ ही वसूल की जा रही है. ऐसी स्थिति में अधिकांश अभिभावक स्कूल की शिकायत कर पाने की भी स्थिति में नहीं हैं.

स्कूल वाले कर रहे मनमानी

जिला शिक्षा अधिकारी व्यास के मुताबिक इस तरह के स्कूल न तो स्कूल शिक्षा विभाग की गाइडलाइन पूरी करने को तैयार हैं और ना ही जिला प्रशासन के निर्देश मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि छापे की कार्रवाई के दौरान भी विभाग की टीम को स्कूल वाले अंदर नहीं घुसने देते हैं. वहीं कार्रवाई करने पर अलग-अलग तरह से दबाव भी बनाया जाता है.

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जब बच्चों ने पुस्तक और स्कूल ड्रेस खरीद ली तब खुली प्रशासन की नींद, जबलपुर में 40 स्कूलों की जांच शुरू

पूरे मामले की जांच समिति कर रही है

उन्होंने कहा कि इंदौर जिला कलेक्टर के आदेश के बाद ऐसे तमाम स्कूलों के खिलाफ भारी भरकम राशि का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, नारायणा टेक्नो स्कूल के खिलाफ भी मामला जिला स्तरीय समिति को भेजा गया है. इस समिति के निर्णय के बाद पहली बार में करीब 2 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है, लेकिन यदि स्कूल प्रबंधन द्वारा यह गलती दोहराई तो इतनी ही राशि का भुगतान स्कूल को अर्थ दंड के रूप में फिर से करना पड़ सकता है.

Last Updated : Jun 22, 2024, 4:33 PM IST
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