इंदौर। इंदौर में 7 साल के बच्चे का पैर कटने से बच गया. दरअसल, यह गरीब बच्चा एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसके माता-पिता गरीब होने के कारण उसका पर्याप्त इलाज नहीं करवा पा रहे थे. मामले के अनुसार कुछ दिनों पूर्व देवास के पास स्थित गांव डाबरी में सड़क हादसे में 7 वर्षीय मरीज का पैर एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया. फैक्चर होने के साथ गंभीर घाव हो गया. पैर का पंजा लगभग अलग होने की स्थिति के कारण देवास के डॅाक्टरों ने बच्चों को इंदौर रेफर किया.
डॉक्टर्स ने दी पैर कटवाने की सलाह
इंदौर में अस्पताल के डॅाक्टरों ने बच्चे का पैर काटने की सलाह दी. पैर काटने की स्थिति में बच्चे के हमेशा के लिए विकलांग होने के डर से परिजन परेशान हो गए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. इसके बाद वे इंडेक्स अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टर उन्हें जब बच्चे को देखा तो पता चला बच्चे का पैर का पंजा लगभग काला पड़ चुका है. पैर के काला पड़ने की स्थिति में उसे काटकर अलग करने के अलावा सामान्य तौर पर विकल्प नहीं रहता, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने दो दिन में दो ऑपरेशन कर बच्चे के गंभीर घाव के साथ उसके पैर के फ्रैक्चर को ठीक किया और इसके बाद बच्चे का पैर काटने से बचा लिया.
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अस्पताल ने आर्थिक मदद भी की
इंडेक्स अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ.अजय ठाकुर ने बताया "बच्चे के दाएं पैर के पंजे में गंभीर घाव होने के साथ दोनों उंगलियां फ्रैक्चर के बाद काली पड़ गई थी. गाड़ी के टायर में पैर फंसने के कारण काफी गंभीर घाव भी हो गए थे. ऑपरेशन के दौरान पहले स्किन ग्राफ्टिंग के जरिए उसके पैर के गंभीर घाव को ठीक ठीक किया क्योंकि पैरों में मसल्स बहुत होती है, जो हादसे के बाद कटने से क्रश हो जाती हैं. यही नहीं बच्चों की नर्व्स बहुत महीन होती है. इसी वजह से यह सर्जरी बेहद कठिन थी. अस्पताल प्रशासन ने 7 वर्षीय मरीज की इंडेक्स संजीवनी योजना के अंतर्गत आर्थिक मदद भी की."