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बैट 'कांड' में आकाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत, 5 साल पुराने मामले में दोषमुक्त - Akash Vijayvargiya Bat Case

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 9:03 PM IST

2019 में नगर निगम अधिकारी पर कथित रूप से बैट चलाने के मामले में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत मिली है. सोमवार को इंदौर कोर्ट ने आकाश विजयवर्गीय समेत 9 अन्य को मामले में बरी कर दिया है.

AKASH VIJAYVARGIYA BAT CASE
आकाश विजयवर्गीय (Etv Bharat)

इंदौर. MPMLA कोर्ट में 5 साल चले इस मुकदमे में सबूतों को अभाव में आकाश विजयवर्गीय को दोषमुक्त करार दिया गया है. दरअसल, ट्रायल के दौरान इस मामले में फरियादी निगम अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे, जिसके बाद आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं था. मुख्य फरियादी के बयान से पलटने और सबूतों के अभाव में पीठासीन अधिकारी (न्यायाधीश) देव कुमार ने आकाश विजयवर्गीय और 9 अन्य को आरोपों से मुक्त कर दिया.

कोर्ट में नहीं सिद्ध हुआ अपराध

बैट कांड की सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील उदयप्रताप सिंह ने मीडिया से कहा, '' अभियोजन इस मामले में कोर्ट में आरोप सिद्ध नहीं कर सका. इस कारण अदालत ने विजयवर्गीय और नौ अन्य लोगों को बरी कर दिया, जबकि मामले के एक अन्य आरोपी की हत्या हो चुकी है. घटना के कथित वीडियो की प्रामाणिकता भी विशेष न्यायालय में साबित नहीं हो सकी और नगर निगम के शिकायतकर्ता अधिकारी धीरेंद्र सिंह और अन्य गवाहों ने अभियोजन की कहानी का कोर्ट में स्पष्ट समर्थन नहीं किया.''

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कैलाश विजयवर्गीय के समर्थकों को बड़ी राहत, कोर्ट ने 72 नेताओं को किया दोष मुक्त

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 26 जून 2019 को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान इंदौर नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड में एक जर्जर इमारत को गिराने करने पहुंची थी. निगम की कार्रवाई के दौरान तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कथित तौर पर किसी बात पर निगम अधिकारी धीरेंद्र सिंह पर बैट चला दिया था, जिसके बाद उनके साथ 9 अन्य लोगों पर धारा 353, 294, 323, 506, 147 और 148 के तहत केस दर्ज किया गया था.

इंदौर. MPMLA कोर्ट में 5 साल चले इस मुकदमे में सबूतों को अभाव में आकाश विजयवर्गीय को दोषमुक्त करार दिया गया है. दरअसल, ट्रायल के दौरान इस मामले में फरियादी निगम अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे, जिसके बाद आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं था. मुख्य फरियादी के बयान से पलटने और सबूतों के अभाव में पीठासीन अधिकारी (न्यायाधीश) देव कुमार ने आकाश विजयवर्गीय और 9 अन्य को आरोपों से मुक्त कर दिया.

कोर्ट में नहीं सिद्ध हुआ अपराध

बैट कांड की सुनवाई में बचाव पक्ष के वकील उदयप्रताप सिंह ने मीडिया से कहा, '' अभियोजन इस मामले में कोर्ट में आरोप सिद्ध नहीं कर सका. इस कारण अदालत ने विजयवर्गीय और नौ अन्य लोगों को बरी कर दिया, जबकि मामले के एक अन्य आरोपी की हत्या हो चुकी है. घटना के कथित वीडियो की प्रामाणिकता भी विशेष न्यायालय में साबित नहीं हो सकी और नगर निगम के शिकायतकर्ता अधिकारी धीरेंद्र सिंह और अन्य गवाहों ने अभियोजन की कहानी का कोर्ट में स्पष्ट समर्थन नहीं किया.''

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 26 जून 2019 को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान इंदौर नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड में एक जर्जर इमारत को गिराने करने पहुंची थी. निगम की कार्रवाई के दौरान तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कथित तौर पर किसी बात पर निगम अधिकारी धीरेंद्र सिंह पर बैट चला दिया था, जिसके बाद उनके साथ 9 अन्य लोगों पर धारा 353, 294, 323, 506, 147 और 148 के तहत केस दर्ज किया गया था.

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