ETV Bharat / state

MP की सियासत में फटा इंदौर का 'बम', जानिए अक्षय कांति को क्यों मिला था टिकट, 3 वजहों वापस लिया नामांकन - Surat Part 2 In Indore - SURAT PART 2 IN INDORE

सोमवार का दिन मध्य प्रदेश की राजनीति के लिए बड़ी ही हैरान कर देने वाला दिन रहा. एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर लोकसभा सीट में गुजरात के सूरत जैसा खेला हो गया. इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया. नामांकन वापसी के बाद प्रदेश का सियासत में मानों भूचाल आ गया हो. इस खबर में जानिए टिकट मिलने से लेकर नाम वापसी की वजह...

SURAT PART 2 IN INDORE
MP की सियासत में फटा इंदौर का 'बम', जानिए अक्षय कांति को क्यों मिला था टिकट, 3 वजहों वापस लिया नामांकन
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 29, 2024, 7:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट में सूरत पार्ट 2 दोहराया गया है. कांग्रेस को खजुराहो एपीसोड दोहराने की आशंका तो थी, लेकिन यह संभावना बिलकुल न थी कि कांग्रेस उम्मीदवार नाम ही वापस ले लेगा. कांग्रेस ने नए और युवा चेहरे के रूप में इंदौर से अक्षय कांति बम को चुनाव में उतारा था. हालांकि कांग्रेस अब उन्हें गद्दार बताने में जुटी है. उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के घर में ही उनके उम्मीदवार ने नामांकन वापस ले लिया.'

इसलिए अक्षय कांति बम को मिला था टिकट

कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में 50-50 फार्मूला बनाया था. इसके तहत 14 से 15 सीटों पर युवाओं को टिकट देने का निर्णय लिया गया था. कांग्रेस ने इंदौर से नए और युवा चेहरे के रूप में अक्षय कांति बम को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. अक्षय कांति बम को टिकट देने की एक वजह उनका आर्थिक रूप से मजूबत होना भी था. अक्षय बम की कुल संपत्ति करीबन 56 करोड़ की है. प्रॉपर्टी के धंधे के अलावा शिक्षण संस्थानों के संचालन के चलते क्षेत्र में पकड़ होना भी टिकट की एक वजह थी.

अक्षय कांति बम को टिकट की एक वजह उनका जैन समाज से होना भी था. क्षेत्र में उनकी पहचान प्रमुख शिक्षाविद के रूप में है. वे जैन समाज के तमाम संगठनों में सक्रिय रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जैन समाज को कांग्रेस की तरफ से प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर समाज द्वारा नाराजगी जताई गई थी. इसको देखते हुए कांग्रेस ने जैन समाज के चेहरे के रूप में अक्षय कांति को टिकट दिया था.

अब आपको बताते हैं कि आखिन ऐन वक्त पर इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार से क्यों छोड़ दिया मैदान:

राजनीतिक जानकारों और कांग्रेस प्रत्याशी के करीबियों की मानें तो अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के पीछे कई कारण हैं.

कारण नंबर 1: अक्षय कांति बम मुख्य रूप से प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े हैं. हालांकि उनकी और उनके परिवार की पहचान क्षेत्र में कई प्राइवेट कॉलेज संचालक के रूप में है. प्रॉपर्टी के बिजनिस से जुड़े पुराने प्रकरण उन पर पंजीबद्ध हैं. इन्हीं प्रकरणों में से एक 17 साल पुराना मामला चुनाव के पहले अचानक सुर्खियों में आया है. बताया जा रहा है कि चुनाव में दबाव बनाने के लिए ही सालों से दबे इस मामले को कोर्ट के सामने रखा गया. जिस पर कोर्ट ने धाराएं बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए. बताया जा रहा है कि अक्षय बम से जुड़े अन्य मामलों की पड़ताल शुरू हो सकती थी.

कारण नंबर - 2: अक्षय कांति बम विधानसभा चुनाव में इंदौर 4 से टिकट मांग रहे थे, लेकिन तब उन्हें यह कहते हुए बैठा दिया गया कि लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया जाएगा. लोकसभा का टिकट तो मिला लेकिन वे खुद जीतने को लेकर बहुत ज्यादा आश्वास्त नजर नहीं आ रहे थे. चुनाव मैदान में उतरने से उनका काम प्रभावित होना भी बड़ी वजह है.

यहां पढ़ें...

सूरत के बाद इंदौर में कांग्रेस ने छोड़ा मैदान, प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने बीजेपी ज्वाइन की, कैलाश की गाड़ी में बैठकर कहा- इसलिए नहीं लड़ना चुनाव

इंदौर में सूरत की कहानी रिपीट कराने की कोशिशें तेज, क्या बीजेपी प्रत्याशी होगा निर्विरोध निर्वाचित

कारण नंबर -3: लोकसभा चुनाव में होने वाले खर्च को लेकर भी पार्टी संगठन और अक्षय बम के बीच अनबन चल रही थी. बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें टिकट के समय समय किए गए आर्थिक मदद के वादे से बाद में हाथ पीछे खींच लिए. इसके बाद से ही कांग्रेस उम्मीदवार नाखुश बताए जा रहे थे. पार्टी के बड़े नेताओं की सभाओं को लेकर भी उन्हें आश्वासन नहीं मिल रहा था.

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट में सूरत पार्ट 2 दोहराया गया है. कांग्रेस को खजुराहो एपीसोड दोहराने की आशंका तो थी, लेकिन यह संभावना बिलकुल न थी कि कांग्रेस उम्मीदवार नाम ही वापस ले लेगा. कांग्रेस ने नए और युवा चेहरे के रूप में इंदौर से अक्षय कांति बम को चुनाव में उतारा था. हालांकि कांग्रेस अब उन्हें गद्दार बताने में जुटी है. उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के घर में ही उनके उम्मीदवार ने नामांकन वापस ले लिया.'

इसलिए अक्षय कांति बम को मिला था टिकट

कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में 50-50 फार्मूला बनाया था. इसके तहत 14 से 15 सीटों पर युवाओं को टिकट देने का निर्णय लिया गया था. कांग्रेस ने इंदौर से नए और युवा चेहरे के रूप में अक्षय कांति बम को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. अक्षय कांति बम को टिकट देने की एक वजह उनका आर्थिक रूप से मजूबत होना भी था. अक्षय बम की कुल संपत्ति करीबन 56 करोड़ की है. प्रॉपर्टी के धंधे के अलावा शिक्षण संस्थानों के संचालन के चलते क्षेत्र में पकड़ होना भी टिकट की एक वजह थी.

अक्षय कांति बम को टिकट की एक वजह उनका जैन समाज से होना भी था. क्षेत्र में उनकी पहचान प्रमुख शिक्षाविद के रूप में है. वे जैन समाज के तमाम संगठनों में सक्रिय रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जैन समाज को कांग्रेस की तरफ से प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर समाज द्वारा नाराजगी जताई गई थी. इसको देखते हुए कांग्रेस ने जैन समाज के चेहरे के रूप में अक्षय कांति को टिकट दिया था.

अब आपको बताते हैं कि आखिन ऐन वक्त पर इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार से क्यों छोड़ दिया मैदान:

राजनीतिक जानकारों और कांग्रेस प्रत्याशी के करीबियों की मानें तो अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के पीछे कई कारण हैं.

कारण नंबर 1: अक्षय कांति बम मुख्य रूप से प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े हैं. हालांकि उनकी और उनके परिवार की पहचान क्षेत्र में कई प्राइवेट कॉलेज संचालक के रूप में है. प्रॉपर्टी के बिजनिस से जुड़े पुराने प्रकरण उन पर पंजीबद्ध हैं. इन्हीं प्रकरणों में से एक 17 साल पुराना मामला चुनाव के पहले अचानक सुर्खियों में आया है. बताया जा रहा है कि चुनाव में दबाव बनाने के लिए ही सालों से दबे इस मामले को कोर्ट के सामने रखा गया. जिस पर कोर्ट ने धाराएं बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए. बताया जा रहा है कि अक्षय बम से जुड़े अन्य मामलों की पड़ताल शुरू हो सकती थी.

कारण नंबर - 2: अक्षय कांति बम विधानसभा चुनाव में इंदौर 4 से टिकट मांग रहे थे, लेकिन तब उन्हें यह कहते हुए बैठा दिया गया कि लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया जाएगा. लोकसभा का टिकट तो मिला लेकिन वे खुद जीतने को लेकर बहुत ज्यादा आश्वास्त नजर नहीं आ रहे थे. चुनाव मैदान में उतरने से उनका काम प्रभावित होना भी बड़ी वजह है.

यहां पढ़ें...

सूरत के बाद इंदौर में कांग्रेस ने छोड़ा मैदान, प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने बीजेपी ज्वाइन की, कैलाश की गाड़ी में बैठकर कहा- इसलिए नहीं लड़ना चुनाव

इंदौर में सूरत की कहानी रिपीट कराने की कोशिशें तेज, क्या बीजेपी प्रत्याशी होगा निर्विरोध निर्वाचित

कारण नंबर -3: लोकसभा चुनाव में होने वाले खर्च को लेकर भी पार्टी संगठन और अक्षय बम के बीच अनबन चल रही थी. बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें टिकट के समय समय किए गए आर्थिक मदद के वादे से बाद में हाथ पीछे खींच लिए. इसके बाद से ही कांग्रेस उम्मीदवार नाखुश बताए जा रहे थे. पार्टी के बड़े नेताओं की सभाओं को लेकर भी उन्हें आश्वासन नहीं मिल रहा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.