इंदौर। इनोवेशन और मोटिवेशन के शहर इंदौर में अब जनप्रतिनिधि भी शहर हित में भिखारी बनने को तैयार हैं. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है, शहर के वरिष्ठ भाजपा नेता व नगर निगम एमआईसी सदस्य मनीष शर्मा ने. जिन्होंने शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए एक शॉर्ट फिल्म तैयार की है. जिसमें वह खुद भिखारी के रूप में नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं अब सोशल मीडिया पर यह शॉर्ट फिल्म तेजी से वायरल हो रही है.
मोदी सरकार लाई स्माइल परियोजना
दरअसल देश के 10 शहरों को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए शुरू की गई 'स्माइल परियोजना' के तहत इन दोनों शहर के चौराहों पर भीख मांगने वाले भिखारी की धर पकड़ कर, उन्हें एनजीओ के माध्यम से रोजगार प्रशिक्षण एवं आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है. हालांकि इसके बावजूद दर्जनों भिखारी ऐसे हैं. जो भीख मांगने को ही अपना रोजगार मानते हैं. ऐसी स्थिति में तमाम प्रयासों के बाद भी ना तो चौराहों से भिखारी कम हो रहे और ना ही भीख मांगने का धंधा बंद हो पा रहा है.
भिक्षुक मुक्त बनाने अनूठी शॉर्ट फिल्म तैयार
इन हालातों में अब इंदौर नगर निगम के एमआईसी सदस्य ने लोगों को भीख देने से रोकने के लिए एक अनूठी शॉर्ट फिल्म तैयार की है. खास बात यह है कि इस शॉर्ट फिल्म में मनीष शर्मा ने खुद भिखारी का रोल किया है. इस फिल्म में बाकायदा फटी हुई बनियान और एक अन्य भिखारी के साथ सड़क पर मनीष शर्मा भीख मांगते नजर आ रहे हैं. फिल्म में जब उन्हें बताया जाता है कि मोदी सरकार ने भिखारी के स्वरोजगार के लिए उन्हें ट्रेनिंग देने और कौशल विकास केंद्र मदद से उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर दिया है. इसके बाद मनीष शर्मा भीख मांगना छोड़ संबंधित अधिकारी के साथ कौशल विकास केंद्र जाते हुए नजर आ रहे हैं. अपनी तरह की छोटी सी शॉर्ट फिल्म में सभी कलाकारों ने उल्लेखनीय रोल किया है. लिहाजा यह फिल्म देखने वालों को भी खूब रास आ रही है. जिसे अब भिक्षुक मुक्त इंदौर अभियान के तहत वायरल किया जा रहा है.
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देश के 10 शहर बनेंगे भिक्षुक मुक्त
मोदी सरकार ने महानगरों में चौराहों पर भीख मांगने वाले भिक्षुकों के लिए 'स्माइल परियोजना' शुरू करने का ऐलान किया है. जिसके तहत पहले चरण में इंदौर एवं उज्जैन का चयन हुआ है. इंदौर में इस योजना के तहत नगर निगम को 8.46 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिलने जा रही है. जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये हाल ही में मिले हैं. इस राशि से भिक्षुक मुक्त इंदौर अभियान के तहत कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे. जहां भिखारी के लिए स्वरोजगार प्रशिक्षण और आवासीय व्यवस्था के तहत अपने पैरों पर खड़े होने के लिए लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इस अभियान के तहत 2 करोड़ की राशि से इंदौर में कौशल प्रशिक्षण केंद्र भी बनेगा. इंदौर के अलावा इस योजना का लाभ उज्जैन को भी मिलेगा. जहां अगले चरण में यही अभियान उज्जैन में भी चलाया जाएगा.