धर्मशाला: इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 7 मार्च से लेकर 11 मार्च तक खेले जाने वाले भारत-इंग्लैड टैस्ट मैच को लेकर HPCA ने कमर कस ली है. मैच में बारिश बाधा न बने, इसलिए रविवार को एचपीसीए पदाधिकारी मैच से पहले परंपरा निभाने और इंद्रुनाग देवता का आशीर्वाद लेने खनियारा स्थित प्राचीन इंद्रुनाग मंदिर पहुंचे. मैच की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, जिन्हें समय रहते पूरा करने का दावा एचपीसीए प्रबंधन कर रहा है.
एचपीसीए पदाधिकारियों ने सचिव अवनीश परमार की अगुवाई में मंदिर में जाकर जहां शीश नवाया और मैच के दौरान बारिश न हो, इसके लिए मंदिर में यज्ञ के साथ कन्या पूजन किया. एचपीसीए की ओर से हर क्रिकेट मैच की तरह इस बार भी टेस्ट मैच की सफलता की कामना, इंद्रुनाग देवता से की गई. गौरतलब है कि इंद्रुनाग क्षेत्र पीठासीन देवता हैं, जिन्हें बारिश का देवता भी कहा जाता है. एचपीसीए की मानें तो धर्मशाला में बारिश का माहौल बना रहता है, ऐसे में बारिश मैच में कोई खलल न डाले, इसीलिए एचपीसीए पदाधिकारियों ने इंद्रुनाग देवता की शरण में जाकर मैच सफलतापूर्वक संपन्न हो, इसकी कामना की.
एचपीसीए के डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि ''दुनिया के बेहतरीन स्टेडियमों में शुमार धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की महत्ता और खूबसूरती को मद्देनजर रखते हुए इन दिनों भारत में चल रही भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज के पांचवां मैच धर्मशाला में तय किया है. धर्मशाला में इससे पहले भी कई मैच हो चुके हैं और ज्यादातार मैचों में बारिश का साया होने के बावजूद भी भगवान इंद्रूनाग देवता की कृपा से उन मैचों में बारिश का संकट चमत्कारिक तरीके से टला है. ऐसे में जब भी यहां मैच होता है तो वे भगवान इंद्रुनाग देवता की शरण में जाते हैं और मैचों को सफलतापूर्वक करवाने की प्रार्थना करते हैं''.
क्या है भगवान श्री इंद्रुनाग मंदिर का इतिहास
खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रुनाग मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. हालांकि इसके बारे में ग्रामीणों सहित मंदिर के पुजारी भी इतना ही जानते हैं कि यहां एक वान के पेड़ के नीचे भगवान के पदचिह्न मिले थे. उसके बाद यहां चंबा का राजा पहुंचे. जिनकी कोई संतान नहीं थी. भगवान श्री इंद्रुनाग ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था. इसके अगले ही दिन राजा स्वप्न में दिखे स्थान पर पहुंचा. जहां राजा ने भगवान श्री इंद्रुनाग की पूजा अर्चना की और उसके अगले वर्ष वह अपने बेटे के साथ इंद्रुनाग मंदिर पहुंचा और पूजा अर्चना की. जिसके बाद राजा ने भगवान का मंदिर बनवाने के साथ इस क्षेत्र की जमीन को मंदिर के नाम कर दिया. इसके बाद से मंदिर में विशेष पूजा का दौर शुरू हुआ. ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से अपनी मन्नत लेकर आता है, उसकी हर मनोकामना भगवान इंद्रुनाग पूरी करते हैं.
HPCA की इंद्रुनाग देवता पर आस्था
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) भी भगवान श्री इंद्रुनाग की आस्था मान चुकी है. जब यहां क्रिकेट स्टेडियम बनने के बाद शुरुआती मैच में भारी बारिश हुई थी तो उसके बाद एचपीसीए ने भी यहां पूजा-अर्चना शुरू की, जिसके बाद ही यहां पर मैचों का सफल आयोजन हो पाया है. उस समय वर्तमान सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर बतौर एचपीसीए के अध्यक्ष अपने पदाधिकारियों के साथ भगवान इंद्रुनाग के दर पर नतमस्तक हुए थे. इसके बाद धर्मशाला में क्रिकेट मैचों का सफल आयोजन संभव हो पाया था.
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