पटना: बिहार में लगातार बढ़ रहे सर्पदंश के मामले चिंता का विषय बन गए हैं. इसका मुख्य कारण है कि जुलाई से सितंबर तक हुई बारिश के कारण सांपों के बिल में पानी भर जाता है, जिससे वो सुरक्षित स्थान की तलाश में भटकने लगते हैं. वो इंसानो के इलाके तक पहुंच जाते हैं और खुद के बचाव में लोगों को डसना शुरू कर देते हैं. कई जगहों से सर्पदंश की खबरें सामने आ रही है.
इलाज में देरी से गई जान: इसी कड़ी में नवादा में सर्पदंश से एक युवक की मौत हो गई. घटना रूपौ थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव की है. मृत युवक की पहचान बेनीपुर गांव निवासी महेंद्र चौरसिया के पुत्र देवनारायण चौरसिया के रूप में की गई है. देवनारायण चौरसिया शौच करने के लिए घर से बाहर निकाला था, तभी युवक के पैर में जहरीले सांप ने डस लिया. पहले गांव में ही लोगों ने झाड़ फूंक करवाया लेकिन स्थिति नहीं सुधरी तो अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
दरभंगा में 60 साल के बुजुर्ग की मौत: दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के कहुवा पंचायत के जगदीशपुर गांव में सर्पदंश से 60 वर्षीय वृद्ध बच्चन महतो की मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि वह सुबह 5 बजे खेत में शौच के लिए गए थे, उसी क्रम में जहरीले सांप ने डस लिया. सूचना मिलते ही परिजन उसे बेनीपुर अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
भारत में सांपों की प्रजाति: पूरी दुनिया में सांपों की लगभग 2700 प्रजातियां पाई जाती हैं. जिनमें से केवल 10 प्रतिशत सांप जहरीले होते हैं. इस हिसाब से 270 से 300 सांपों की प्रजातियां ही जहरीली होती है. जहां तक अपने देश की बात की जाय तो भारत में करीब 360 के आसपास सांपों की प्रजातियां पाई जाती है. इसमें से केवल 50 से 55 प्रजातियां ही जहरीली होती है. उसमें भी कुछ ज्यादा जहरीली तो कुछ कम जहरीली होती है. भारत में सबसे ज्यादा जहरीले सांपों में करैत, कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर प्रमुख है.
कैसे करें विषैले सांप की पहचान?: पटना मेडिकल कॉलेज के डॉ वत्सल का कहना है कि विषधर सांप की पहचान का एक आसान तरीका है. सांप के डंसने के बाद प्रभावित स्थान पर दो दांतों के निशान दिखाई देते हैं तो सांप विषधर है. वैसे पेसेंट को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. भारत के सभी जहरीले सांपों के लिए एक ही एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है. डॉ वत्सल ने बताया कि आमतौर पर गांव में जो इस तरीके की घटना घटती है तो लोग काटने वाली जगह को बांधकर बहुत देर तक रख कर लाते हैं, जिससे काटने वाली जगह पर नुकसान होने का खतरा रहता है.
"यदि किसी व्यक्ति को सांप काटता है तो अभिलंब मरीज को आराम से (काटने वाली जगह को बहुत ज्यादा मूवमेंट नहीं होना चाहिए) अस्पताल आना चाहिए. तुरंत उसका इलाज शुरू करवाना चाहिए. सांप के काटे हुए मरीज को 24 घंटा डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है."-डॉ वत्सल, मेडिकल कॉलेज पटना
सर्पदंश को लेकर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि पूरी दुनिया में हर साल लगभग 5 मिलियन सर्पदंश के मामले होते हैं. जिसके परिणामस्वरूप 2.7 मिलियन तक विष उत्पन्न होता है. प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि हर साल 81,000 से 138,000 मौत सांप के काटने से होती है. सर्पदंश के कारण 400,000 से अधिक अंग-भंग और अन्य स्थायी विकलांगताएं होती है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश मौत लोगों की लापरवाही के कारण होती है.
भूल कर भी न करें ये गलती: सांप काटने के बाद घर में प्राथमिक उपचार और तंत्र मंत्र या गांव में सांप का विष झाड़ने वाले तांत्रिक के कारण मामला बिगड़ जाता है. यही कारण है कि जब पेशेंट की स्थिति गंभीर हो जाती है और अस्पताल ले जाया जाता है, तब तक बहुत देर हो जाती है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय प्रतिनिधि अध्ययन (मिलियन डेथ स्टडी) ने पाया कि राष्ट्रीय स्तर पर हर साल 45,900 सांप के काटने से जान जाती है. भारत में लगभग 90 परसेंट सांप के काटने के मामले में करैत, इंडियन कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर शामिल है.
विषहीन सांप के काटने की पहचान: सांप काटने के स्थान पर अंडाकार या 'यू' आकार का निशान बना होता है, तो पीड़ित को विषहीन सांप ने काटा है. हालांकि विषहीन सांप के काटने के बाद भी डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है. डॉ वत्सल का कहना है कि जहरीले सांपों की संख्या बहुत कम है. भारत मे पाए जाने वाले सापों की प्रजाति में 85 परसेंट सांप विषहीन होते हैं. उन्होंने बताया कि पानी में रहने वाले 95 परसेंट सांप विषहीन होते हैं. जो सांप घरों के अंदर गंदे जगहों पर बिल बना कर रहते हैं वे जहरीले सांप होते है, जिनकी प्रजाति सीमित है.
क्या है मौत का कारण और उपाय: भारत में सांप काटने से लोगों की मौत आम है. डॉ वत्सल का कहना है कि अनेक लोग यह नहीं जानते कि कौन सा सांप विषधर है और कौन सा विषहीन है. इसके चलते कई बार विषहीन सांप के काटने पर भी लोग डर जाते हैं और इस कारण उनकी मौत हो जाती है. सर्पदंश के मरीजों के लिए कॉबुलेशन टेस्ट होता है. जांच के बात एन्टी स्नैक वेनम का डोज दिया जाता है. 24 घंटे की निगरानी के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है.
बिहार में सर्पदंश से मौत: बिहार में हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच राज्य में सर्पदंश से 934 लोगों की मौत हुई है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अस्पतालों में करीब 17859 मरीज इलाज के लिए आए थे. सर्पदंश से मौत में 70 फीसदी मौत बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात में होती है. भारत सरकार ने इस साल सांप के काटने से होने वाली मौत को वर्ष 2030 तक वन हेल्थ अप्रोच के माध्यम से आधा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
बिहार में सर्पदंश से बचने की स्वास्थ्य विभाग की तैयारी: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के अनेक जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. वैसी स्थिति में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है और सर्पदंश की घटना भी सामने आ रही है. इसको लेकर विभाग बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल की सारी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.
"सभी आवश्यक दवाइयां और वोट एम्बुलेंस की व्यवस्था प्रभावित जिलों में की गई है. जो प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रकार की दवाइयां खासकर सर्पदंश की दवाई उपलब्ध करवाई गई है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
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