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कांग्रेस-भाजपा के लिए बागी व अन्य दलों के प्रत्याशी बने गले की फांस, इन सीटों पर सियासी गणित बिगड़ना तय ! - Lok Sabha Elections 2024 - LOK SABHA ELECTIONS 2024

Lok Sabha Elections 2024, राजस्थान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के बागी और अन्य दलों के प्रत्याशी गले की फांस बन गए हैं. इसमें बाड़मेर-जैसलमेर से रविन्द्र भाटी ने भाजपा का तो उदयपुर में बीएपी के प्रत्याशी ने कांग्रेस की गणित बिगाड़ रखा है.

Lok Sabha Elections 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 1, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Apr 1, 2024, 7:30 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नाम वापसी का समय खत्म हो चुका है. अब 19 अप्रैल को मतदान होना है, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस और भाजपा के लिए बागी और अन्य दलों के नेताओं ने सियासी समीकरण बिगाड़ रखा है. इसमें बाड़मेर-जैसलमेर से रविन्द्र भाटी ने भाजपा का तो उदयपुर में बीएपी के प्रत्याशी ने कांग्रेस की गणित बिगाड़ रखा है.

इन सीटों पर बिगड़ा गणित : राज्य में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. पहले चरण में 12 और दूसरे चरण में 13 लोकसभा सीट हैं. भाजपा ने सभी 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए, जबकि कांग्रेस ने दो सीटों पर गठबंधन किया है और एक सीट पर अभी भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. वहीं, इस चुनावी समीकरण में कांग्रेस और भाजपा के लिए बागी और अन्य दलों के नेताओं ने चिंता बढ़ाने का काम किया है. बाड़मेर-जैसलमेर में भाजपा के समर्थित निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करके भाजपा को सीधी चुनौती दी है. भाजपा अब इस सीट पर नई रणनीति के तहत काम कर रही है.

इसे भी पढ़ें - जोधपुर में अमित शाह बोले- जो भ्रष्टाचार करेगा, उसको जेल जाना होगा

वहीं, उदयपुर में बीएपी ने अपना उम्मीदवार घोषित करके कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है. कांग्रेस कोशिश कर रही है कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर बीएपी के साथ गठबंधन करके उदयपुर सीट पर बीएपी की तरफ से उतारे हुए प्रत्याशी का नाम वापस लिया जाए. वहीं, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर भी बीएपी ने पहले ही अपने प्रत्याशी को उतार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.

इसे भी पढ़ें - गहलोत बोले- भारत में चुनाव निष्पक्ष होंगे या नहीं, इसको लेकर दुनिया चिंतित

नाराज को मनाने में कामयाब रही भाजपा : ऐसा नहीं है कि भाजपा के लिए सभी सीट आसान थी, करीब आधा दर्जन सीट ऐसी हैं, जहां पर पार्टी को अपने ही नेताओं से चुनौती मिल सकती थी. हालांकि, भाजपा ने समय रहते डैमेज कंट्रोल किया और सीटों को सुरक्षित रखने में कामयाब रही. इनमें से भरतपुर से रितु बनावत तो बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, चित्तौड़ से चंद्रभान आक्या, जोधपुर में बाबू सिंह राठौड़ सहित अन्य जगहों पर पार्टी नाराज नेताओं और विधायकों को मनाने में कामयाब रही. हालांकि बाड़मेर-जैसलमेर से रविंद्र भाटी को मनाने में भाजपा जरूर विफल रही है, जिसका नतीजा यह है कि वो बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतर गए हैं.

जयपुर. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नाम वापसी का समय खत्म हो चुका है. अब 19 अप्रैल को मतदान होना है, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस और भाजपा के लिए बागी और अन्य दलों के नेताओं ने सियासी समीकरण बिगाड़ रखा है. इसमें बाड़मेर-जैसलमेर से रविन्द्र भाटी ने भाजपा का तो उदयपुर में बीएपी के प्रत्याशी ने कांग्रेस की गणित बिगाड़ रखा है.

इन सीटों पर बिगड़ा गणित : राज्य में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. पहले चरण में 12 और दूसरे चरण में 13 लोकसभा सीट हैं. भाजपा ने सभी 25 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए, जबकि कांग्रेस ने दो सीटों पर गठबंधन किया है और एक सीट पर अभी भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. वहीं, इस चुनावी समीकरण में कांग्रेस और भाजपा के लिए बागी और अन्य दलों के नेताओं ने चिंता बढ़ाने का काम किया है. बाड़मेर-जैसलमेर में भाजपा के समर्थित निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करके भाजपा को सीधी चुनौती दी है. भाजपा अब इस सीट पर नई रणनीति के तहत काम कर रही है.

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वहीं, उदयपुर में बीएपी ने अपना उम्मीदवार घोषित करके कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है. कांग्रेस कोशिश कर रही है कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर बीएपी के साथ गठबंधन करके उदयपुर सीट पर बीएपी की तरफ से उतारे हुए प्रत्याशी का नाम वापस लिया जाए. वहीं, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर भी बीएपी ने पहले ही अपने प्रत्याशी को उतार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.

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नाराज को मनाने में कामयाब रही भाजपा : ऐसा नहीं है कि भाजपा के लिए सभी सीट आसान थी, करीब आधा दर्जन सीट ऐसी हैं, जहां पर पार्टी को अपने ही नेताओं से चुनौती मिल सकती थी. हालांकि, भाजपा ने समय रहते डैमेज कंट्रोल किया और सीटों को सुरक्षित रखने में कामयाब रही. इनमें से भरतपुर से रितु बनावत तो बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, चित्तौड़ से चंद्रभान आक्या, जोधपुर में बाबू सिंह राठौड़ सहित अन्य जगहों पर पार्टी नाराज नेताओं और विधायकों को मनाने में कामयाब रही. हालांकि बाड़मेर-जैसलमेर से रविंद्र भाटी को मनाने में भाजपा जरूर विफल रही है, जिसका नतीजा यह है कि वो बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतर गए हैं.

Last Updated : Apr 1, 2024, 7:30 PM IST
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