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दहेज के लिए गला दबाकर गर्भवती को मार डाला था, पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास - कुशीनगर हत्या दोषी सजा

कुशीनगर में दहेज के लिए ससुरालियों ने गला दबाकर गर्भवती की हत्या (murder conviction life imprisonment) कर दी थी. घटना पांच साल पहले हुई थी. कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

murder conviction life imprisonment
murder conviction life imprisonment
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 7:23 AM IST

कुशीनगर : पांच साल पहले दहेज के लिए गर्भवती विवाहिता की हत्या कर दी गई थी. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. जनपद न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को मामले में फैसला सुनाया. दोषी पाए गए पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

वादी की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी यादव ने बताया कि महराजगंज जिले के कोठीभार थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव निवासी रामाशंकर ने कुशीनगर जिले के खड्डा थाने में तहरीर देकर केस दर्ज कराया था.

उन्होंने बताया था कि 22 वर्षीय पुत्री अंबा की शादी घटना से दो साल पहले शाहपुर गांव के नौका टोला निवासी भीखम के पुत्र संतोष के साथ की थी. जब से उनकी पुत्री ससुराल गई, तभी से दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाता था. बेटी ने कई बार फोन पर इसकी जानकारी दी थी.

रामाशंकर ने बताया कि 28 मार्च 2018 को शाम करीब सात बजे दहेज के लिए पति, सास और ससुर ने गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी. वह गर्भवती थी. पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर विवेचना के वाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया. घटना के बाद से ही तीनों आरोपी जेल में थे.

शुक्रवार को इस मुकदमे में जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार सिंह के अदालत ने फैसला सुनाया. वादी कि तरफ से 12 और प्रतिवादी की तरफ से दो गवाह पेश हुए. जनपद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने, साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अम्बा के पति संतोष, ससुर भीखम और सास सोनमती को हत्या का दोषी पाया. उन्होंने तीनों को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. अर्थदंड न दे पाने की स्थिति में पांच-पांच साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

यह भी पढ़ें : अकबरनगर में अवैध निर्माणों पर चार दिन तक नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने दी मोहलत

कुशीनगर : पांच साल पहले दहेज के लिए गर्भवती विवाहिता की हत्या कर दी गई थी. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. जनपद न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को मामले में फैसला सुनाया. दोषी पाए गए पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

वादी की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता जीपी यादव ने बताया कि महराजगंज जिले के कोठीभार थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव निवासी रामाशंकर ने कुशीनगर जिले के खड्डा थाने में तहरीर देकर केस दर्ज कराया था.

उन्होंने बताया था कि 22 वर्षीय पुत्री अंबा की शादी घटना से दो साल पहले शाहपुर गांव के नौका टोला निवासी भीखम के पुत्र संतोष के साथ की थी. जब से उनकी पुत्री ससुराल गई, तभी से दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाता था. बेटी ने कई बार फोन पर इसकी जानकारी दी थी.

रामाशंकर ने बताया कि 28 मार्च 2018 को शाम करीब सात बजे दहेज के लिए पति, सास और ससुर ने गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी. वह गर्भवती थी. पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर विवेचना के वाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया. घटना के बाद से ही तीनों आरोपी जेल में थे.

शुक्रवार को इस मुकदमे में जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार सिंह के अदालत ने फैसला सुनाया. वादी कि तरफ से 12 और प्रतिवादी की तरफ से दो गवाह पेश हुए. जनपद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने, साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अम्बा के पति संतोष, ससुर भीखम और सास सोनमती को हत्या का दोषी पाया. उन्होंने तीनों को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. अर्थदंड न दे पाने की स्थिति में पांच-पांच साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

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